गोल्ड जितनी कीमती और आकर्षक धातु है, उतना ही जटिल इससे आभूषण बनाना है। आज हम जानेंगे कैसे सेकड़ों में 24 कैरेट सोने को 22 कैरेट में बदला जाता है और किस प्रकार शुद्ध सोने की पहचान होती है। इसी के साथ सोने से बनने वाले बेहतरीन डिजाइन तैयार करने की कलाकारी पर भी जानकारी एकत्र करेंगे। आये जानते हैं 24 सालों से कमाल के स्टाइलिश डिजाइन बना रहे अतुल वर्मा जी से इस अद्भुत कला के बारे में। 


24 कैरेट सोने को 22 कैरेट में बदलना: 

चूंकि सोना सभी धातुओं में सर्वाधिक संपीड्य और अत्यधिक नरम धातु है। 24 कैरेट सोने को अत्यधिक शुद्ध माना जाता है तथा ये बहुत नरम भी होता है, जिस कारण आभूषण बनाने मुश्किल हो जाते हैं, इसलिए थोड़ा सख्त करने के लिए इसमें सिल्वर या कॉपर मिक्स कर लेते हैं, जिससे यह हार्ड हो जाता है और इसे ही 22 कैरेट सोना कहते हैं।

दरअसल 22 कैरेट सोना बनाने के लिए निश्चित अनुपात में 24 कैरेट सोना और सिल्वर धातु की मात्रा को एक कार्बन के बर्तन में रखकर, इलेक्ट्रिक भट्टी में कुछ मिनट के लिए रख देते हैं, जिसका तापमान 1050 डिग्री सेंटीग्रेट से भी ज्यादा होता है। इसमें सोना और सिल्वर पिघल कर आपस में मिल जाते हैं और उनके पानी को रेनी कहे जाने वाले पात्र में रॉड के रूप में जमा लेते हैं। यह प्राप्त रॉड 22 कैरेट सोने की होती है इससे आभूषण बनाते हैं।


आभूषण बनाने की तकनीक: 

22 कैरेट सोने की बनाई गई रॉड को एक मशीन में निकाल कर लंबे तार के रूप में बनाया जाता है तथा इसे और बारीक करने के लिए विभिन्न जंतरियों का प्रयोग करते हैं, जिनकी मदद से तार को खींचकर और ज्यादा लंबा और बारीक कर लेते हैं।


किसी भी डिजाइन का आभूषण बनाने के लिए पहले उसे मोतियों और तारों की मशीन द्वारा अलग-अलग डिजाइन में कटिंग होकर आती है। और स्पेसिफिक डिजाइन का आभूषण बनाने के लिए उसका मोल्ड एक ब्लैक मोम की सीट के ऊपर बना लेते हैं। जिस पर डिजाइन के अनुसार मोतियों और तारों को सेट कर लिया जाता है और फिर उस पर पीओपी का पेस्ट भर देते हैं। 15-20 मिनट में पेस्ट सूख जाने के बाद सभी पार्ट्स की अच्छे से सोल्डिंग अर्थात् एक प्रकार से वेल्डिंग कर उन्हें आपस में जोड़ देते हैं।

बने आभूषण की सफाई करना: 

आभूषण के विभिन्न पार्ट्स को वेल्डिंग या सोल्डिंग करते समय वह काले पड़ जाते हैं। अब इनकी सफाई करने हेतु इन्हें एक मशीन में डालते है, जिसमें क्ले के रूप में पिन और विशेष केमिकल पड़े होते है। मशीन घूमती है और उनके घर्षण से और केमिकल के कमाल से आभूषण एकदम निखर जाता है। इन तैयार आभूषण पर अपनी कंपनी का होलमार्क और ट्रेडमार्क आदि लगाकर बेचने हेतु तैयार कर देते हैं। 


शुद्ध सोने की पहचान: 

अब वर्तमान में आभूषण पर हॉलमार्क के साथ-साथ रजिस्टर्ड एओ आईडी नंबर भी लिखा होता है, जिससे उपरोक्त्त ज्वेलरी की ऑनलाइन जांच तथा उसके बारे में संपूर्ण जानकारी मैन्युफैक्चर के नाम सहित ले सकते हैं। यदि कोई भाई इनसे संपर्क करना चाहे तो इनकी यह दुकान नैनीताल में स्थित है तथा इनका मोबाइल नंबर 8126189034 है। दोस्तों कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट पर अवश्य बताएं तथा ऐसे ही रोचक तथ्यों के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ। धन्यवाद॥