ब्लॉकचेन तकनीक: किसानों को उचित दाम दिलाने की दिशा


आज के दौर में खेती सिर्फ खेत तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब बाजार तक पहुंचने की पूरी प्रक्रिया को समझना बहुत जरूरी हो गया है। किसान अपनी फसल उगाते हैं, लेकिन उपभोक्ता तक पहुंचने में कई लोग और स्तर जुड़ जाते हैं – जैसे बिचौलिये, मंडी, ट्रांसपोर्ट और प्रोसेसिंग यूनिट। इस पूरी प्रक्रिया को कृषि सप्लाई चेन कहा जाता है। इस सप्लाई चेन में अक्सर पारदर्शिता की कमी होती है। किसान को यह नहीं पता कि उसका माल कितने में बिका और ग्राहक को यह जानकारी नहीं होती कि जो अनाज या फल वो खरीद रहा है, वो कहां से आया है और कितना ताजा है। इसी समस्या को हल करने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक एक बहुत अच्छा उपाय बनकर सामने आई है।

ब्लॉकचेन क्या है?
ब्लॉकचेन एक डिजिटल रिकॉर्ड रखने की तकनीक है। इसमें हर लेन-देन या जानकारी को एक ब्लॉक में दर्ज किया जाता है और हर ब्लॉक एक दूसरे से जुड़ा होता है। इसे कोई अकेला व्यक्ति बदल नहीं सकता और जो भी डाटा एक बार दर्ज हो गया, वह सभी के लिए दिखता है और सुरक्षित रहता है। साधारण भाषा में कहें तो, ब्लॉकचेन एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे कोई छुपा नहीं सकता, मिटा नहीं सकता और सभी लोग उसे देख सकते हैं।
कृषि में ब्लॉकचेन का उपयोग कैसे हो सकता है?
1. फसल की पूरी जानकारी रिकॉर्ड करना: किसान कब फसल बोता है, कब कटाई करता है, किस खाद और दवाई का उपयोग करता है – इन सब बातों को ब्लॉकचेन पर दर्ज किया जा सकता है। इससे आगे चलकर उपभोक्ता तक यह जानकारी पहुंच सकती है।
2. बिक्री और ट्रांसपोर्ट का हिसाब रखना: फसल मंडी में गई या सीधे किसी कंपनी को बेची गई, किस ट्रक से पहुंची, कितने दिन में ग्राहक तक पहुंची – यह सब रिकॉर्ड ब्लॉकचेन पर रहेगा।
3. माल की गुणवत्ता और ताजगी साबित करना: अगर कोई फल ऑर्गेनिक है या किसी खास गांव की खास किस्म की दाल है, तो उसे ब्लॉकचेन से साबित किया जा सकता है। इससे ग्राहक भरोसे के साथ खरीदेगा और किसान को अच्छा दाम मिलेगा।
4. बिचौलियों की भूमिका कम करना: जब ग्राहक को किसान की जानकारी सीधे मिल सकती है और भुगतान ऑनलाइन सुरक्षित तरीके से हो सकता है, तो बिचौलियों की जरूरत कम पड़ती है। इससे किसान को ज्यादा पैसा मिल सकता है।
किसानों को क्या लाभ होगा?
सही कीमत मिल सकती है: जब ग्राहक यह जानता है कि फल ताजे हैं और किसान ने बिना रासायनिक दवाई के उगाए हैं, तो वह ज्यादा दाम देने को तैयार होता है। इससे किसान को फायदा होता है।
भरोसा और पहचान बनती है: ब्लॉकचेन से किसान अपनी पहचान एक ब्रांड की तरह बना सकता है – जैसे “सतना के जैविक चावल” या “नासिक की अंगूरी अंगूर”।
भुगतान समय पर मिलेगा: अगर ब्लॉकचेन के साथ स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट जुड़ा हो तो जैसे ही फसल ग्राहक तक पहुंचेगी, भुगतान अपने-आप हो जाएगा।
निर्यात में मदद: विदेशों में भेजी जाने वाली फसलों में ट्रेसबिलिटी बहुत जरूरी होती है। ब्लॉकचेन से ये साबित करना आसान होता है कि फसल सही तरीके से उगाई गई है और ताजा है।

भारत में कहां हुआ इस्तेमाल?
केरल सरकार ने मछली उद्योग में ब्लॉकचेन अपनाया है जिससे ग्राहकों को ताजगी और स्रोत की जानकारी मिलती है। कुछ निजी कंपनियां जैसे Ninjacart, DeHaat आदि भी ब्लॉकचेन का उपयोग कर रही हैं ताकि किसान और ग्राहक के बीच पारदर्शिता बनी रहे।
निष्कर्ष
ब्लॉकचेन तकनीक खेती और कृषि व्यापार को नया रूप देने में सक्षम है। इससे किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ मिल सकता है, ग्राहक को भरोसेमंद उत्पाद मिल सकते हैं और पूरी प्रक्रिया अधिक ईमानदार और पारदर्शी हो सकती है। अगर इस तकनीक को गांव-गांव तक पहुंचाया जाए और किसानों को इसकी ट्रेनिंग दी जाए, तो यह भारत की खेती में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। ऐसी अमेज़ंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।। जय हिन्द जय भारत ।।
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