स्वास्थ्य के लिए अमृत गेहूं घास की खेती


गेहूं घास (Wheatgrass) गेहूं के पौधे का शुरुआती विकास चरण है, जिसमें हरे रंग की कोमल घास होती है। यह पोषक तत्वों से भरपूर है और इसे "प्राकृतिक औषधि" या "ग्रीन ब्लड" भी कहा जाता है। इसमें विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट, एंजाइम्स और क्लोरोफिल की उच्च मात्रा होती है, जिसका उपयोग स्वास्थ्य लाभ और विभिन्न प्रकार की औषधियां बनाने में किया जाता है, जिस कारण इसकी डिमांड तेज गति से बढ़ती जा रही है। आये जानते हैं गेहूं घास की खेती, इसके लाभ, उत्पाद, और औषधीय उपयोगों के बारे में-
गेहूं घास क्या है?
गेहूं घास, गेहूं (ट्रिटिकम एस्टीवम) के अंकुरित पौधों को कहते हैं, जिसे 7 से 10 दिन में काटा जाता है। इसमें 70% तक क्लोरोफिल होता है, जो शरीर को शुद्ध करने में सहायक है। यह फाइबर, प्रोटीन, विटामिन (ए, सी, ई, के, और बी-कॉम्प्लेक्स) और खनिज (मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन) का अच्छा स्रोत है। गेहूं घास को जूस, पाउडर, टैबलेट या कैप्सूल के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

गेहूं घास की खेती कैसे करें?
गेहूं घास की खेती आसान और कम लागत वाली है, जिसे खेत, गमले या ट्रे में उगाया जा सकता है।
इसके लिए आवश्यक तत्वों में जैविक गेहूं के दाने, गमला या ट्रे, जैविक खाद और मिट्टी तथा पानी का छिड़काव करने वाला स्प्रे आदि की आवश्यकता पड़ती है। गेहूं घास की खेती सालभर की जा सकती है। लेकिन इसे सर्दियों और वसंत ऋतु में उगाना अधिक लाभकारी है।गेहूं घास को उगाने के लिए सबसे पहले इसके जैविक बीजों को 8-10 घंटे पानी में भिगोना चाहिए तथा फिर बीजों को 12 घंटे तक सूखा कर कपड़े में लपेटकर अंकुरित होने दें। जैविक खाद और मिट्टी का मिश्रण कर बोने वाले स्थान को तैयार करना चाहिए एवं गमले या ट्रे में मिट्टी को समान रूप से फैलाकर, अंकुरित बीजों को मिट्टी की सतह पर बिछाते हैं और हल्की मिट्टी डालकर तथा पानी का छिड़काव कर दें। ट्रे को छायादार जगह पर रखें और रोजाना हल्का पानी छिड़कते रहें। इस प्रकार 7-10 दिनों में 10-15 सेंटीमीटर लंबी घास तैयार हो जाएगी। अब इस घास को प्राप्त करने के लिए कैंची से जड़ों के ऊपर से घास को काटते हैं।
गेहूं घास के स्वास्थ्य लाभ:
गेहूं घास में मौजूद क्लोरोफिल और एंटीऑक्सिडेंट शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता हैं। यकृत (लिवर) को साफ करता है और रक्त को शुद्ध करता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। इसमें मौजूद विटामिन और खनिज प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं, जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। इसी के साथ गेहूं घास फाइबर से भरपूर होती है, जो पाचन को बेहतर बनाती है एवं अम्लता और अपच जैसी समस्याओं को दूर करती है। इसमें एंटी-कैंसर गुण हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकता हैं। इसके नियमित सेवन से कोशिकाओं का ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है। गेहूं घास में विटामिन ई और एंटीऑक्सिडेंट त्वचा की चमक बढ़ाते हैं, बालों की जड़ों को मजबूत और झड़ना रोकता है। यह शरीर को पोषण प्रदान करके ऊर्जा का स्तर बढ़ाती है, थकान और कमजोरी को दूर करती है। मधुमेह और रक्तचाप नियंत्रित करती है। गेहूं घास रक्त शर्करा और रक्तचाप के स्तर को संतुलित कर हृदय रोगों के जोखिम को कम करती है।

गेहूं घास से बनने वाले उत्पाद और औषधियां-
- जूस: ताजा गेहूं घास का रस डिटॉक्सिफिकेशन के लिए उपयोग किया जाता है। इसे खाली पेट पीने से अधिक लाभ होता है।
- गेहूं घास पाउडर: सुखाकर बनाए गए पाउडर का उपयोग पेय या स्मूदी में मिलाकर किया जाता है। इसे लंबे समय तक भंडारण के लिए उपयुक्त है।
- कैप्सूल और टैबलेट: गेहूं घास के अर्क से बनी कैप्सूल और टैबलेट का उपयोग औषधीय रूप में होता है।
- सौंदर्य उत्पाद: गेहूं घास का उपयोग स्किन क्रीम, फेस मास्क और हेयर प्रोडक्ट्स और आयुर्वेदिक दवाओं में पाचन, त्वचा रोग और कमजोरी के इलाज में भी किया जाता है। यह रक्ताल्पता (एनीमिया) और गठिया में भी फायदेमंद है।

गेहूं घास की खेती के फायदे:
गेहूं घास केवल 7-10 दिनों में तैयार हो जाती है। इस प्रकार कम समय और लागत में उगने वाली यह फसल पोषण युक्त फसल सस्ती और प्राकृतिक स्रोत से भरपूर है। इसे गमलों, ट्रे या छोटे खेतों में उगाया जा सकता है। लोगों में जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ गेहूं घास और इसके उत्पादों की मांग भी बढ़ रही है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है।
गेहूं घास एक पौष्टिक, औषधीय और बहुउपयोगी पौधा है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है। इसकी खेती सरल और सस्ती है, जिसे कोई भी किसान या घर पर सामान्य व्यक्ति आसानी से कर सकता है। इसका उपयोग डिटॉक्सिफिकेशन, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, और त्वचा व बालों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए किया जाता है। गेहूं घास के उत्पाद और औषधियां न केवल स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हैं, बल्कि किसानों और उद्यमियों के लिए आय के नए स्रोत भी खोलती हैं। गेहूं घास एक प्रकार से प्रकृति का वरदान और स्वास्थ्य का खजाना के रूप में भी जानी जाती है। कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसी जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद, जय किसान॥
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