मूल्यवान फल कीवी की खेती, मतलब पैसा ही पैसा

23 Oct 2024 | NA
मूल्यवान फल कीवी की खेती, मतलब पैसा ही पैसा

कीवी एक अत्यधिक पोषक फल है, जो अपने खास स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। हाल के वर्षों में इसकी मांग बढ़ी है, जिससे किसानों के लिए इसकी खेती लाभदायक साबित हो रही है। भारत में, कीवी की खेती का भविष्य उज्ज्वल दिखता है, खासकर जब कृषि के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी उपलब्ध हो। गत वर्षो में कोरोना का समय रहा हो या होने वाली अन्य संक्रामक बीमारी जिनमें अपने गुणों के कारण कीवी की मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ ही जाती है, जो इसकी कीमत को बहुत ऊपर ले जाती है। इसलिए किसान भाईयों को इसकी खेती के बारे में अवश्य जानना चाहिए। आये लेते हैं इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी।

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कीवी की खेती से किसानों को लाभ:

कीवी का बाजार मूल्य अन्य फलों की तुलना में काफी अधिक होता है, जिससे किसानों की आय भी अच्छी होती है। कीवी की अंतरराष्ट्रीय मांग को देखते हुए, किसान इसे निर्यात कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कीवी में विटामिन सी, विटामिन ई, और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बनाती है।

खेती की प्रक्रिया:

कीवी की खेती बीजों या कलमों दोनों प्रकार से की जा सकती है; परंतु कलमों से खेती करना अधिक लाभदायक माना जाता है, क्योंकि इससे फल जल्दी लगते हैं। कीवी की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी आवश्यक है। जैसे बलुई मिट्टी, बलुई दोमट और चिकनी मिट्टी इसके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त हैं। फसल लगाते समय खेत की खुदाई कर उसमें जैविक खाद डालें और अच्छी तरह मिलाएं। जिससे पेड़ को अच्छे से विकसित होने में सहायता मिले।

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रोपण का सही समय और तरीका: 

इसका रोपण आमतौर पर अक्टूबर से दिसंबर के माह में किया जाता है। फसल लगाते समय पौधे से पौधे की दूरी 3 से 4 मीटर रखनी चाहिए, ताकि उनकी वृद्धि में कोई बाधा ना आए। रोपण के बाद 15-20 दिन के अंदर, पौधों को नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश जैसे उर्वरक देने चाहिए। इसी के साथ कीवी के पौधों को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। अत: गर्मियों में मिट्टी की नमी बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए ड्रिप सिंचाई सर्वोत्तम विकल्प है।


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कटाई:

कीवी आमतौर पर 3-4 वर्षों में फल देना शुरू कर देता है। जिन्हें अच्छे तरीके से बड़े होने में और बाजार में आने में 8 से 10 साल लग जाते हैं। फल पकने के बाद, उन्हें सावधानीपूर्वक तोड़ना चाहिए, ताकि फल न टूटे। एक पेड़ 40 से 60 किलो कीवी का उत्पादन करता है।

मिट्टी: 

कीवी को समशीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है, जिसमें गर्मियों में तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस और सर्दियों में 0-5 डिग्री सेल्सियस हो तथा इसके लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है, जिसमें अच्छे जल निकासी की क्षमता हो। इस प्रकार इसकी खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है। गर्मियों के मौसम में कीवी के बाग में जड़ गलन, कालर रॉट, क्राउन रॉट जैसे रोग हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए जल निकासी की व्यवस्था करें और प्रभावित स्थानों पर जैविक कीटनाशक और जीवाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

बाजार मूल्य:

कीवी का बाजार मूल्य विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे: जब फसल अधिक होती है, तो मूल्य कम होता है और संक्रामक मौसम या महामारी जैसी बीमारी के दौरान एक कीवी का पीस 50 से 60 रुपए का बिकता है। इस प्रकार 1 किलोग्राम कीवी 400 से ₹500 तक आसानी से बिक जाता है। लेकिन गुणवत्ता और बाजार के अनुसार यह बदल सकता है।


पोषक तत्वों से भरपूर:

कीवी में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो अनेकों बीमारी के समय अमृत का कार्य करते हैं। इसमें मुख्य रूप से विटामिन-सी पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। साथ ही इसका फाइबर पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है और इसमें पाया जाने वाला पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की कोशिकाओं को क्षति से बचाते हैं।

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कीवी की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक और संभावनाशील व्यवसाय बन रहा है। उचित जलवायु, मिट्टी, और खेती की तकनीकों का पालन करके, किसान अच्छे मुनाफे के साथ-साथ स्वस्थ पोषण का भी लाभ उठा सकते हैं। जैसे-जैसे कीवी की मांग बढ़ती है, इसकी खेती करने वाले किसानों के लिए नए अवसर सामने आएंगे। यदि आप एक किसान हैं या कृषि में रुचि रखते हैं, तो कीवी की खेती एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। तो दोस्तों! कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसी ही रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहे "Hello Kisaan" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद, जय किसान॥


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