बहुउपयोगी सिरका (Vinegar) बनाने की विधि

01 Nov 2024 | NA
बहुउपयोगी सिरका (Vinegar) बनाने की विधि

सिरका एक ऐसा खट्टा तरल पदार्थ जो एसीटिक एसिड के उच्च प्रतिशत (5-20%) से बना होता है। इसका उपयोग खाना पकाने, संरक्षक के रूप में, और चिकित्सकीय औषधीयों में किया जाता है। इसका उपयोग कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में स्वाद बढ़ाने तथा विभिन्न प्रकार के आचार में भी किया जाता है। आज जानेंगे हम ऐसे कमाल के जैविक पदार्थ के बारे में तथा इसको बनाने की सरल विधियां है।

सिरका के प्रकार:

फर्मेंटेशन या किण्वन की विधि से विभिन्न फलों द्वारा और सब्जियां का उपयोग करके सिरका बनाया जाता है, इसमें प्रमुख रूप से गन्ने, जामुन या सेब के सिरका बनाना अधिक प्रचलित है। बारी-बारी से हम सभी प्रकार से सिरके बनाने की विधि के बारे में जानकारी लेंगे-

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गन्ने का सिरका: 

सबसे आसान और प्रचलित गन्ने के रस से सिरका बनाने का तरीका है। इसके लिए एक जार में एक लीटर गन्ने का रस लेऊ और उसमें दो जंग लगी कीलें डाल दें। इसे 2 महीने के लिए किसी गर्म जगह या अलमारी में रख दें। दो महीने बाद इस रस को सूती कपड़े से छान ले और छानने के बाद कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन या बोतल में भरकर रखें। इस प्रकार गन्ने से सिरका बनकर तैयार हो जाता है।सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar) : यह सेब के रस से बनाया जाता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट और कई पोषक तत्व होते हैं। रस प्राप्त करने के लिए सेब को मिक्सर में पीसकर छान लेते हैं। अब इस सेब के रस में थोड़ा पानी, चीनी और एक चम्मच सेब का सिरका डालकर ऑक्सीजन रहित तथा अंधेरे कमरे में रख दे। जब इससे खमीर की गंध आने लगे और ये थोड़ा बुदबुदाने लगे तो यह संकेत है कि किण्वन हो रहा है। तब तीन से चार हफ्ते बाद रस को एक बर्तन में छान लें और फिर से 4 से 6 हफ्तों तक के लिए ढक कर रख दें। इस प्रकार लगभग 2 महीने में सेब का सिरका बनकर तैयार हो जाता है, जिसे एक साफ कांच की बोतल में स्टोर कर रख लेते हैं। इसमें चीनी के स्थान पर शहद भी प्रयुक्त किया जा सकता है।

जामुन का सिरका:

जामुन का सिरका बनाने की प्रक्रिया भी बहुत सरल और सस्ती है इसके लिए लगभग 1 किग्रा ताजा जामुन, उसमें दो से तीन कप पानी, स्वाद अनुसार चीनी और खमीर के रूप में एक चम्मच प्राकृतिक सिरका सफेद कांच के बर्तन या जार में डालकर 2 से 4 हफ्तों तक के लिए एक गर्म और अंधेरे कमरे में रख देते हैं। 1 महीने बाद रस बुदबुदाने लगता है और खमीर की गंध आने लगती है, यह संकेत किण्वन का होता है। इसके बाद इसे हिलाकर और एक महीने के लिए रखते हैं तब यह पककर एकदम तैयार हो जाता है। 

चावल का सिरका (Rice Vinegar) : 

यह चावल के फर्मेंटेशन से बना होता है और खासकर एशियाई व्यंजनों में उपयोग होता है। इस प्रकार का सिरका बनाने के लिए सबसे पहले एक कप चावल को अच्छे से धो लें और दो से तीन घंटे तक भिगोने के लिए छोड़ दे उसके बाद बर्तन में डालें और चार कप पानी के साथ पका दें चावल के अच्छे से पक जाने के बाद दूसरे बर्तन में ठंडा कर, मिक्सर में चावलों को डालकर एक प्रकार का पेस्ट बना लें। अब इस पेज में दो कप पानी मिले और अच्छे से हिलाकर छान ले इस प्राप्त पानी में प्राकृतिक सिरका डालकर 2 से 4 हफ्तों के लिए एक बंद अंधेरे कमरे में रख दें। 1 महीने बाद यह खमीर तथा किण्वन यह प्रक्रिया को पूरा कर देता है, जब सिरके को कांच के साफ जाऱ में छान लें तथा स्टोर करने हेतु कांच की बोतल में भरें। 

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प्रयोग करने का तरीका: 

यह ना केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि विभिन्न व्यंजनों, सलाद, ड्रेसिंग आदि में भी उपयोगी है। इन बने हुए सिरकों में विभिन्न प्रकार की सब्जियां या फल डालकर छोड़ देते हैं, जो कुछ हफ्तों में गल कर खाने योग्य हो जाता है। इन फल सब्जियों में आम, गाजर, मिर्च, प्याज, मूली आदि शामिल है।


सिरका बनाने की विधि:

सिरका बनाने की प्रक्रिया को फर्मेंटेशन कहा जाता है। इसके मुख्य चरण में सबसे पहले सामग्री का चयन करते हैं। उसके बाद फर्मेंटेशन की प्रक्रिया में सामग्री को कुचलकर उसका रस निकालते हैं और रस को एक कंटेनर में डालकर खुला छोड़ देते हैं, ताकि हवा का संपर्क हो सके क्योंकि इसके लिए एसिडिक बैक्टीरिया की आवश्यकता होती है। कुछ हफ्ते बाद यह खट्टा होने लगता है। जब बैक्टीरिया शर्करा को एसिटिक एसिड में परिवर्तित करता है तब सिरका तैयार होता है, फिर इस तैयार सिरके को छानकर कांच की बोतलों में भरकर रख देते हैं। 


सिरका बनाने में समय:

सिरका तैयार होने में आमतौर पर 5 से 6 हफ्ते का समय लगता है। लेकिन यह निर्भर करता है कि आप किस प्रकार का सिरका बना रहे हैं और तापमान की स्थिति क्या है।

सिरका सेवन के फायदे:

सिरका के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे: पाचन में सुधार, सिरका खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और गैस्ट्रिक समस्याओं में राहत मिलती है। ये वजन कम करने में भी सहायक है,सिरका रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी लाभदायक हो सकता है, जो मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है। ये त्वचा के संक्रमण और मुंहासों के लिए भी उपयोगी होता है। इसके नियमित सेवन से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।

बाजार में सिरके का मूल्य:

सिरके की कीमत इसके प्रकार और ब्रांड के अनुसार भिन्न होती है। आमतौर पर, एक लीटर सफेद सिरके की कीमत लगभग 50 से 150 रुपये हो सकती है, जबकि विशेष प्रकार जैसे बाल्सामिक सिरका की कीमत 500 रुपये या इससे अधिक हो सकती है।

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बनाते समय सावधानियां:

सिरका बनाने के दौरान सभी बर्तनों और सामग्री को स्वच्छ रखें। सामग्री और पानी के अनुपात को ठीक से मापें। सिरके को सीधे धूप में रखने से बचें, क्योंकि इससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। सिरका बनाने के लिए हवा का संपर्क आवश्यक है, लेकिन धूल और गंदगी से बचाना भी जरूरी है, इसके साथ सिरका को ठंडी और सूखी जगह पर रखना चाहिए।सिरका न केवल एक उपयोगी खाद्य पदार्थ है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। इसके विभिन्न प्रकार और बनाने की विधि को जानकर आप इसे अपने घर पर आसानी से बना सकते हैं। सिरका का सेवन करने से होने वाले लाभ और उसकी कीमतों के बारे में जानकर आप इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं। सिरका बनाने में उचित सावधानी रखकर आप एक गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार कर, और मार्केट में बेचकर अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। तो दोस्तों कैसी लगी आपको जानकारी कमेंट करो अवश्य बताएं तथा ऐसे ही जानकारी के लिए जुड़े रहे "Hello Kisaan" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद, जय किसान॥


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