दुनिया का सबसे बड़ा टमाटर और भारत में टमाटर की खेती


टमाटर की खेती न केवल एक आर्थिक गतिविधि है, बल्कि यह किसानों के लिए एक आवश्यक खाद्य स्रोत भी है। दुनिया के सबसे बड़े टमाटर का रिकॉर्ड स्थापित करने से यह साबित होता है कि बागवानी में उचित तकनीक और मेहनत से सफलता प्राप्त की जा सकती है। भारत में, कई किसान अपनी मेहनत और कौशल से बड़े टमाटर उगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे न केवल उनकी आय बढ़ रही है, बल्कि वे कृषि क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को भी छू रहे हैं। आज हम जानेंगे कुछ ऐसे ही कृषकों के बारे में जिन्होंने अपनी खेती को उच्च तकनीकी ढंग से करके अन्य किसानों की आंखें खोल दी और वे उनके लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा टमाटर:
दुनिया का सबसे बड़ा टमाटर उगाने का रिकॉर्ड 2022 में ब्रिटेन के एक किसान, डैवेड थॉम्पसन के नाम है। उन्होंने यह टमाटर 3.51 किलोग्राम वजन का उगाया था। यह रिकॉर्ड तब स्थापित हुआ जब थॉम्पसन ने अपनी बागवानी कौशल और उचित देखभाल का उपयोग करते हुए एक टमाटर का पौधा उगाया, जिसने न केवल उसका आकार बढ़ाया, बल्कि इसके पौष्टिक गुण भी बरकरार रखे।

इसी के साथ दुनिया का सबसे भारी टमाटर उगाने का एक रिकॉर्ड डेल और जूली फ़ॉस्ट के नाम भी है। उन्होंने 5.284 किलोग्राम वज़न का टमाटर उगाया था। जिसकी परिधि 32.5 इंच तथा इसे "9.06 ब्राउन"बीज से उगाया गया था। उनके इस रिकार्ड को अक्टूबर 2022 को ग्रेट पंपकिन कॉमनवेल्थ के प्रतिनिधियों द्वारा प्रमाणित किया तथा द बुक ऑफ़ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया।
टमाटर उगाने से जुड़े कुछ और रिकॉर्ड:
एक ही पौधे पर सबसे ज़्यादा टमाटर उगाने का रिकॉर्ड ब्रिटेन के हर्टफ़ोर्डशायर के एक शख्स के नाम है। उन्होंने एक ही बेल पर 5,891 टमाटर उगाए थे। इन टमाटरों का कुल वज़न 20 किलोग्राम था।ब्रिटेन के एक माली ने एक ही तने पर 1,269 टमाटर उगाकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा था।ब्रिटेन और अमेरिका की एक कंपनी ने टमाटर के ऐसे बीज तैयार किए हैं, जिनके पौधों पर 3 से 4 किलो तक वज़नी टमाटर लगते हैं। इन तैयार बीजों के पौधों से अब-तक का सबसे बड़ा टमाटर 10 इंच लंबा और साढ़े 3 किलो से ज़्यादा वज़नी है।
भारत में सबसे बड़े टमाटर की खेती:
भारत में टमाटर की खेती एक प्रमुख कृषि गतिविधि है, विशेषकर राज्यों जैसे कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में। सबसे बड़े टमाटर उगाने का रिकॉर्ड भारतीय किसानों में बहुत कम है, लेकिन कुछ किसान बड़े आकार के टमाटर उगाने के लिए प्रसिद्ध रहे हैं।
टमाटर की खेती की विधि:
टमाटर की खेती के लिए हल्की जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। यह आमतौर पर 20-30 डिग्री सेल्सियस के तापमान में अच्छी तरह से उगता है। मिट्टी की बात करें, तो अच्छी जल निकासी वाली रेतीली मिट्टी जिसमें जैविक पदार्थ की मात्रा अधिक हो, टमाटर की खेती के लिए आदर्श होती है। टमाटर के बीज का चयन करते समय भी विशेष ध्यान रखा जाता है। बाजार में विभिन्न प्रकार के बीज उपलब्ध हैं, जैसे कि संकर बीज और हाइब्रिड बीज। हाइब्रिड बीज अधिक पैदावार और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
रोपण की प्रक्रिया:
टमाटर की फसल के लिए नियमित सिंचाई आवश्यक होती है, खासकर जब पौधे छोटे होते हैं। हालांकि जल भरने से बचना चाहिए। पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखना आवश्यक है। आमतौर पर, 60 से 90 सेंटीमीटर की दूरी उचित मानी जाती है।

खाद और पोषण:
टमाटर के पौधों को पर्याप्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जैविक और रासायनिक खाद का सही अनुपात देना जरूरी है। नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटेशियम के संतुलन से पौधों का विकास बेहतर होता है। यही तरीका है जिस कारण टमाटर की फसल पर लगने वाला फल उच्च गुणवत्ता का मिलता है, इसलिए फसल के स्वस्थ विकास के लिए निराई-गुड़ाई बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल खरपतवार को हटाता है, बल्कि मिट्टी की हवा और नमी को भी बनाए रखता है।
रोग और कीट नियंत्रण:
टमाटर की फसल कई रोगों और कीटों से प्रभावित हो सकती है। टमाटर को ब्लाइट, फफूंदी, और थ्रिप्स जैसे कीटों से बचाने के लिए उचित कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए। जैविक कीटनाशकों का उपयोग भी टमाटर के पौधे और फल के लिए सुरक्षित विकल्प है।
फसल की कटाई:
जब टमाटर का रंग लाल हो जाए और फल सख्त हो जाएं, तब उन्हें कटाई के लिए तैयार माना जाता है। टमाटर की फसल को हाथ से या मशीन से काटा जा सकता है, लेकिन इसे बहुत सावधानी से करना चाहिए ताकि फल न टूटें।इस प्रकार, टमाटर की खेती के लिए सही जानकारी और विधियों का पालन करना आवश्यक है, ताकि किसान अपनी फसल का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों को बढ़ा सकें। इससे न केवल वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकते हैं, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। तो दोस्तों कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट पर अवश्य बताएं तथा ऐसे ही जानकारी के लिए जुड़े रहे हेलो किसान के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद, जय किसान॥
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