फरियाद अली एक मेहनती किसान हैं, जो पिछले 12-13 सालों से गुलाब की खेती कर रहे हैं। उन्होंने 2012 में इस सफर की शुरुआत की थी और आज उनकी मेहनत और लगन से उनका खेत सुगंधित गुलाबों से भरा हुआ है। वे सिर्फ गुलाब की खेती ही नहीं करते, बल्कि इससे गुलाब जल और गुलकंद भी तैयार करते हैं, जो बाजार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं।


गुलाब की खेती कैसे होती है?

फरियाद अली के पास 2 बीघे का खेत है, जिसमें कुल 19 लाइनें लगी हुई हैं। हर लाइन के बीच 4.5 फीट की दूरी रखी गई है ताकि पौधों को सही मात्रा में धूप और हवा मिल सके। गुलाब लगाने की प्रक्रिया काफी तकनीकी होती है और इसे सही तरीके से करने से ही अच्छी फसल मिलती है।

1. पौधों की रोपाई और देखभाल

  • खेत में कलम लगाई जाती है, जो 4 इंच की होती है।
  • 6 इंच की ऊँचाई पर पौधा तैयार किया जाता है।
  • इस गुलाब की खेती को 2 साल हो चुके हैं, और अब यह पूरी तरह उत्पादन देने लायक बन चुका है।
  • एक बीघे में 1600 पौधे लगाए जाते हैं।
  • प्रत्येक पौधे की लागत 20-25 रुपए आती है, यानी पूरे खेत में लगाने के लिए लगभग 40-50 हजार रुपए की लागत लगती है।

2. फसल तैयार होने की प्रक्रिया

  • गुलाब के पौधों को पूरी तरह विकसित होने में 4 महीने लगते हैं।
  • जब गुलाब की कली बनती है, तो पहले वह छोटी होती है और धीरे-धीरे बड़ी होकर बाजार में बिकने लायक बन जाती है।
  • एक बार जब फूल पूरी तरह तैयार हो जाता है, तो उसे तोड़कर बाजार में भेजा जाता है।
  • गुलाब की खेती की लाइफ 20 से 22 साल तक हो सकती है, जिससे लंबे समय तक अच्छी कमाई होती है।

गुलाब की तुड़ाई और प्रोसेसिंग

1. गुलाब तोड़ने की प्रक्रिया

  • एक किलो गुलाब तोड़ने के लिए 10 रुपए खर्च होते हैं।
  • पूरे खेत में नालाई का काम करने में 1000 रुपए तक खर्च आ जाता है।
  • गुलाब के फूलों को किराए के वाहन से बाजार तक भेजने के लिए 200 रुपए लगते हैं।
  • इस पूरी प्रक्रिया को हर साल दोहराया जाता है।

2. गुलाब की ग्रोथ 

  • गुलाब के पौधे की ऊँचाई 2.5 से 3 फीट तक हो जाती है और फिर धीरे-धीरे 6 फीट तक बढ़ती है।
  • पौधे की जड़ को 4-5 इंच ऊपर से काटा जाता है, जिससे नई फुट (शाखाएँ) निकलती हैं और पौधा और ज्यादा विकसित होता है।

पानी और सिंचाई व्यवस्था कैसे करे 

  • गुलाब की अच्छी ग्रोथ के लिए सही मात्रा में पानी देना बहुत जरूरी है।
  • जब पौधा लगाया जाता है या नई कली निकलती है, तो तुरंत पानी दिया जाता है।
  • जब तक पौधा पूरी तरह विकसित न हो जाए, तब तक हर तीसरे दिन या फिर हर आठवें दिन पानी दिया जाता है।
  • पानी देने की यह प्रक्रिया पौधे की जरूरत के हिसाब से बदलती रहती है।
  • सिंचाई के लिए ट्यूबवेल (बोरिंग) का पानी इस्तेमाल होता है।

अतिरिक्त खेती और सुरक्षा

गुलाब की खेती के दौरान खेत में जो खाली स्थान बचता है, उसमें दूसरी फसलें भी उगाई जा सकती हैं। फरियाद अली ने इस जगह का सही उपयोग करते हुए मूली, शलजम और अन्य सब्जियां भी लगाई हैं। यह अतिरिक्त आय का अच्छा जरिया साबित होता है।

1. जानवरों से बचाव

खेत को जानवरों से बचाने के लिए किनारों पर काँबें (कँटीली झाड़ियां) लगाई गई हैं, ताकि कोई पशु खेत में न आ सके और गुलाब को नुकसान न पहुंचे।

2. कीट और मक्खियों से बचाव

  • गुलाब के पौधों को मक्खियों और अन्य कीटों से बचाने के लिए नियमित रूप से निगरानी रखी जाती है।
  • अगर पौधों पर ज्यादा मक्खियां बैठने लगती हैं, तो उनके लिए प्राकृतिक उपाय किए जाते हैं, जिससे फूलों को नुकसान न पहुंचे

गुलाब की खेती के फायदे

  •  लंबे समय तक उत्पादन- गुलाब का पौधा 20 से 22 साल तक फूल देता है, जिससे लंबे समय तक आय होती है।
  •  अच्छी बाजार मांग- गुलाब की खेती से तैयार उत्पादों की बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है।
  •  अतिरिक्त आय के अवसर- गुलाब के साथ अन्य फसलें भी उगाकर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है।
  •  सौंदर्य और औषधीय उपयोग- गुलाब से बने उत्पादों का उपयोग सौंदर्य, स्वास्थ्य और धार्मिक कार्यों में किया जाता है।
  •  स्थायी खेती- अगर सही देखभाल की जाए, तो गुलाब की खेती से हर साल अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है।

निष्कर्ष

फरियाद अली की मेहनत और अनुभव ने उन्हें गुलाब की खेती में एक सफल किसान बना दिया है। उन्होंने अपनी खेती में नवाचार और सही तकनीक का उपयोग करके इसे लाभदायक बनाया है। गुलाब की खेती से वे न सिर्फ गुलाब जल और गुलकंद जैसे उत्पाद बना रहे हैं, बल्कि बाजार में भी अच्छा मुनाफा कमा रहे है। उनकी कहानी उन किसानों के लिए प्रेरणा है, जो पारंपरिक खेती के साथ-साथ नए तरीकों से अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं।


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