अगर मैं कहूँ कि एक पेड़ की लकड़ी सोने से भी ज्यादा महंगी बिकती है, तो क्या आप यकीन करेंगे? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं लाल चंदन (Red Sandalwood) की जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों में पहुँच सकती है। लेकिन इसे काटना और बेचना भारत में गैरकानूनी है। आखिर क्यों? क्या ये कोई जादुई पेड़ है? क्या इसे काटने से कोई बड़ा नुकसान होता है? आइए, इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानते है
लाल चंदन इतना खास क्यों है?
लाल चंदन एक दुर्लभ और कीमती लकड़ी है जो मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के जंगलों में पाई जाती है। इसकी लकड़ी गहरे लाल रंग की होती है और यह कई खास गुणों से भरपूर होती है। इसकी माँग भारत, चीन, जापान और यूरोप में बहुत ज्यादा है क्योंकि इसका इस्तेमाल - आयुर्वेदिक दवाओं में,महंगे फर्नीचर और सजावट में,संगीत वाद्ययंत्र बनाने में और धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर यह इतनी कीमती लकड़ी है तो सरकार इसकी कटाई और बिक्री पर रोक क्यों लगाती है?

लाल चंदन की कटाई गैरकानूनी क्यों है?
1. विलुप्ति का खतरा
लाल चंदन बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है। इसे पूरी तरह विकसित होने में 25 से 40 साल लग जाते हैं। अधिक कटाई और तस्करी की वजह से इसकी संख्या बहुत तेजी से घट रही है। अगर इसे रोका नहीं गया तो यह पेड़ पूरी तरह खत्म हो सकता है।
2. पर्यावरण को नुकसान
पेड़ कटने से जंगल बंजर भूमि में बदल सकते हैं। इसके अलावा, लाल चंदन वाले जंगलों में कई वन्यजीवों का घर होता है। अगर यह पेड़ कम हो गए, तो जानवरों और पक्षियों का प्राकृतिक निवास भी नष्ट हो जाएगा।
3. सख्त सरकारी कानून
भारत सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत लाल चंदन को संरक्षित पेड़ घोषित किया है। इसका मतलब यह है कि बिना सरकारी अनुमति के इस पेड़ को काटना, बेचना या तस्करी करना अपराध है। ऐसा करने पर - लंबी जेल की सजा हो सकती है और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है
4. तस्करी और अपराध
लाल चंदन की ऊँची कीमत के कारण इसकी अवैध तस्करी बहुत ज्यादा होती है। कई अंतरराष्ट्रीय माफिया गुप्त रूप से इस लकड़ी का व्यापार करते हैं। लाल चंदन की चोरी और तस्करी रोकने के लिए पुलिस और वन विभाग को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
आपने दक्षिण भारत के कुख्यात तस्कर वीरप्पन का नाम तो सुना ही होगा। वह लाल चंदन और हाथी दाँत की तस्करी के लिए कुख्यात था। इससे समझ सकते हैं कि इस लकड़ी की अवैध कटाई और बिक्री कितना बड़ा अपराध बन चुका है।

सरकार इसे बचाने के लिए क्या कर रही है?
- सुरक्षा बढ़ाई गई है – जंगलों में स्पेशल फोर्स और ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं।
- तस्करों पर सख्त कार्रवाई – लाल चंदन की तस्करी करने वालों को सख्त सजा दी जाती है।
- स्थानीय लोगों को जोड़ा जा रहा है – सरकार जंगलों के पास रहने वाले लोगों को जागरूक कर रही है और उन्हें संरक्षण कार्यों में शामिल कर रही है।
क्या हम लाल चंदन की खेती कर सकते हैं?
अगर आप सोच रहे हैं कि मैं भी लाल चंदन उगाकर करोड़पति बन जाऊं, तो यह संभव है लेकिन इसके लिए सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। कुछ राज्यों में सरकार ने लाल चंदन की नियंत्रित खेती की अनुमति दी है जहाँ कानूनी तरीके से इसे उगाया और बेचा जा सकता है।
निष्कर्ष
लाल चंदन सिर्फ एक महंगी लकड़ी नहीं, बल्कि हमारी प्राकृतिक विरासत (Natural Heritage) का हिस्सा है। इसकी अवैध कटाई और तस्करी से पर्यावरण, वन्यजीवों और कानून-व्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए सरकार ने इसे संरक्षित किया है और इसके व्यापार पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। तो अगली बार अगर कोई आपको लाल चंदन की लकड़ी सस्ते में बेचने की बात करे, तो सावधान हो जाइए यह गैरकानूनी है और इससे जेल भी हो सकती है।
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