काले गेहूं के उत्पादन सामान्य गेहूं की तरह ही होता है। इस गेहूं का न सिर्फ उत्पादन अधिक होता है, बल्कि काला गेहूं सेहत के मामले में सामान्य गेहूं से ज्यादा अच्छा होता है। इतना ही नहीं यह किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। मार्केट में चार से छह हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से इसकी बिक्री होती है, जो सामान्य गेहूं से दोगुना है।

क्या हैं काला गेहूं ?

 काला गेहूं एक साबुत अनाज की जगह एक तरह के बीज होते हैं जिनका भोजन के रूप में सेवन किया जाता है। इसकी खासियत ये है कि ये अन्य अनाज की तरह घास पर नहीं उगता हैं। ये अन्य सामान्य छद्मकोशिकाओं वाले अनाज क्विनोआ और ऐमारैंथ के समूह में शामिल हैं।


स्वास्थ्य के लिहाज से फायदा देने वाला है काला गेहूं:-

गेहूं की फसल में यदि हल्का सा भी कालापन आ जाए तो हम उसे खराब बताने लगते हैं। इतना ही नहीं जो गेहूं काला पड़ जाता है। उसकी कीमत भी कम हो जाती है। हाल ही में पंजाब स्थित नेशनल एग्रीफूड बायोटेक्नोलाजी इंस्टीट्यूट मोहाली (नाबी)ने काला, नीला एवं जामुनी रंग के गेहूं की किस्म विकसित है और उसके पास इसका पेटेंट भी है। काले गेहूं में कैंसर, डायबिटीज, तनाव, दिल की बीमारी और मोटापा जैसी बीमारियों के रोकथाम की क्षमता है। यह काला गेंहू आम गेंहू से दोगुनी कीमत पर बिक रहा है। 


काले गेहूं के फायदे:-


Comments in this topic: