2020 में कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन का सबसे अधिक असर गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ा था। लाखों लोगों का रोजगार छूट गया और लोग बड़े-बड़े शहरों को छोड़कर अपने घर लौट आए। ऐसे में रोज कमाकर खाने वाले लोगों के सामने राशन की समस्या आयी थी। सरकार ने लॉकडाउन लागू होने के कुछ दिनों बाद 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' के तहत सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली में अतिरिक्त अनाज देना शुरू किया था। यह योजना नवंबर 2020 तक चली थी।

देश में कोविड के बढ़ते मामलों और कई राज्यों में लगे लॉकडाउन से लोगों का काम प्रभावित हुआ है। कोई भूखा न रहे है ऐसे में फिर राशन कार्ड धारकों को हर महीने पात्रता से अधिक (प्रति व्यक्ति पांच किलो) अनाज दिया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को अगले दो महीनों यानी मई और जून में सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक परिवार में प्रति व्यक्ति के हिसाब से 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज की घोषणा की गई है। 


2020 में कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन का सबसे अधिक असर गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ा था। लाखों लोगों का रोजगार छूट गया और लोग बड़े-बड़े शहरों को छोड़कर अपने घर लौट आए। ऐसे में रोज कमाकर खाने वाले लोगों के सामने राशन की समस्या आयी थी। सरकार ने लॉकडाउन लागू होने के कुछ दिनों बाद 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' के तहत सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली में अतिरिक्त अनाज देना शुरू किया था। यह योजना नवंबर 2020 तक चली थी।


पिछले साल कोविड-19 की पहली लहर के दौरान मार्च में जब पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था तब इस योजना का ऐलान हुआ था। यह येाजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का हिस्सा थी। उस वक्त गरीब परिवारों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सरकार ने 80 करोड़ से अधिक राशनकार्ड धारकों को अप्रैल, मई और जून 2020 के लिए राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों के आधार पर प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज (गेहूं अथवा चावल) और प्रति परिवार एक किलो दाल मुफ्त देने की घोषणा की थी।


यह मुफ्त 5 किलो अनाज, राशन कार्ड पर रहने वाले अनाज के कोटे के अतिरिक्त घोषित किया गया था। बाद में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार दिवाली और छठ पूजा तक कर दिया था। अब सरकार ने एक बार फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को लागू किया है।


राज्य कर रहे आर्थिक पैकेज की मांग:-

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब देश कठिन दौर से गुजर रहा है तब गरीबों को पूरा सपोर्ट मिला। इस योजना पर सरकार के 26 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। कई राज्य भी केंद्र सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को भी सीएम के साथ मीटिंग में कई मुख्यमंत्रियों ने यह मांग की थी। दरअसल, कोविड से बचाव के लिए कई राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन लगा दिया है। हालांकि पीएम मोदी ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से इनकार किया है और राज्यों से भी इसे अंतिम हथियार के रूप में ही लागू करने को कहा है।