उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन की एक अनुठी पहल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है। प्रशासन महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहा है कि कैसे फेंके जाने वाले केले के तने से फाइबर यानि रेशा निकालें। इस रेशे से बनाधागा यहां से दूर दूर जा रहा है।


छह महीने पहले तक राधा देवी और उसका पति दिहाड़ी मजदूरी किया करते थे और दोनों मिलकर एक दिन में मुश्किल से चार सौ रुपये ही कमा पाते। महामारी के समय में जैसे ही काम मिलना बंद हो गया उन्हें अपने पांच बच्चों का पेट भरना मुश्किल होने लगा। लेकिन अब राधा अकेले ही रोजाना चार सौ से छह सौ रुपये कमा रही हैं। इसका श्रेय उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के समैसा गांव में चल रही अनूठी पहल को जाता है। 

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