मनरखापुर गाँव के किसान पांरपरिक खेती के साथ-साथ मशरूम की खेती करके दोगुना लाभ कमा रहे है। इस गाँव के लगभग सभी किसानों ने इस व्यवसाय को अपनाया हुआ है। बाराबंकी जिले से करीब 30 किमी. दूर सिद्धौर ब्लॅाक के मनरखापुर गाँव में रहने वाले विनय वर्मा (25 वर्ष) पिछले 15 वर्षों से मशरूम की खेती कर रहे है। विनय बताते हैं, "वर्ष 1993 हमारे पास के गाँव में मशरूम की खेती शुरू हुई। उसके धीरे-धीरे जब उसमें फायदा दिखा तब हमारे गाँव में भी इसकी शुरूआत हुई। आज गाँव के सभी लोग गेहूं, धान के साथ मशरूम की खेती करते है।'' विनय बताते हैं, ''इस बार मैंने 75 कुंतल भूसे में मशरूम लगाया है जिससे मुझे उम्मीद है कि 40 कुंतल मशरूम का उत्पादन होगा। बाजार में इसकी कीमत लाखों रुपए में होगी।''


मनरखा गाँव में करीब 200 घर बने हुए है इनमें से 100 घरों में पारंपरिेक खेती गेहूं धान के साथ-साथ मशरूम की खेती कर रहे है। बाजार में अधिक मांग के चलते मशरूम की खेती भारत में तेजी से बढ़ी है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोगों को मशरूम अधिक पसंद आने लगा है। कई प्रदशों में सब्जियों की छोटी-छोटी दुकानों में भी मशरूम खूब बिक रहा है। मनरखा गाँव के शिवा दिवेद्धी (23वर्ष) ने गाँव के लोगों से ही प्रेरित होकर मशरूम की खेती शुरू की। आज वो इससे अच्छा लाभ कमा रहे है। शिवा बताते हैं, ''धान की खेती में पांच हजार से ज्यादा की लागत लग जाती है और लाभ भी उतना ही होता है लेकिन मशरूम में अगर ढ़ेड लाख रूपए की लागत आई है छह महीने में पांच लाख रुपए तक कमाई हो जाती है। इस बार में 200 कुंतल लगाया हुआ है, जिसमें ढाई लाख रुपए की लागत आई है और इससे मुझे इस बार साढ़े सात लाख रुपए का मुनाफा होगा।''


इसको बेचने के बारे में शिवा बताते हैं, ''गोरखपुर, फैजाबाद, बस्ती, देवरिया, कानपुर, सीतापुर, लखीमपुर समेत कई जिलों में हमारे गाँव के मशरूम जाते है। किसानों को उनके उत्पादन का सही दाम मिले इसके लिए कंपनी भी बनाई हुई है। हम लोगों सीधे मशरूम बेचकर लाभ कमाते हैं। क्योंकि रेट बाजार में मशरूम के रेट के घटते-बढ़ते रहते हैं।'' मशरूम बटन की खेती से किसान लागत का दुगना फायदा महज चार महीने में आसानी से उठा लेते है। भारत में बटन मशरूम उगाने का उपयुक्‍त समय अक्टूबर से मार्च के महीने हैं। इन छ: महीनो में दो फसलें उगाई जाती हैं।


पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ी है, जिस हिसाब से बाजार में इसकी मांग है, उस हिसाब से अभी इसका उत्पादन नहीं हो रहा है, ऐसे में किसान मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।


तीन तरह के मशरूम की कर सकते हैं खेती:-

1. बटन मशरूम 

2. ढिंगरी मशरूम (ऑयस्टर मशरुम) 

3. दूधिया मशरूम (मिल्की)


ऑयस्टर मशरुम मशरूम उगाने की पूरी जानकारी.. 

डॉ. आईके कुशवाहा बताते हैं, "ऑयस्टर मशरूम की खेती बड़ी आसान और सस्ती है। इसमें दूसरे मशरूम की तुलना में औषधीय गुण भी अधिक होते हैं। दिल्ली, कलकत्ता, मुम्बई एवं चेन्नई जैसे महानगरों में इसकी बड़ी माँग है। इसीलिये विगत तीन वर्षों में इसके उत्पादन में 10 गुना वृद्धि हुई है। तमिलनाडु और उड़ीसा में तो यह गाँव-गाँव में बिकता है। कर्नाटक राज्य में भी इसकी खपत काफी है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भी ओईस्टर मशरूम की कृषि लोकप्रिय हो रही है।