कम पानी में अच्छी पैदावार:- 

महेंद्रगढ़ में जोजोबा की खेती कारगर सिद्ध हो रही है। कम पानी में अच्छी पैदावार देने वाली इस खेती को क्षेत्र के किसान अपनाने लगे हैं। किसानों को परंपरागत खेती से ज्यादा लाभ अर्जित हो रहा है। बीज के तेल को पूरे विश्व में प्रसाधन सामग्री में उपयोग किया जाता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार विश्व बाजार में इस बीज की कीमत लाखों रुपए प्रति क्विंटल है। जोजोबा का पौधा चार वर्ष बाद बीज का उत्पादन शुरू करता है और 200 वर्षों तक फल देता है। दक्षिणी हरियाणा क्षेत्र में गिर रहे भूजल स्तर को लेकर किसानों के साथ-साथ कृषि विभाग भी चिंतित है। यहां के अधिकांश किसानों के कुएं सूख चुके हंै या जल स्तर एक हजार से भी अधिक फीट की गहराई पर पहुंच गया है।


सौंदर्य के लिए सबसे जरुरी है जोजोबा का तेल:- 

जोजोबा के तेल का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन बनाने में होता है। तेल निकालने के बाद बचे मैटीरियल को सल्फर से ट्रीट करने पर ल्यूब्रिकेंट बनता है, जिसका उपयोग मशीनों-हवाई जहाज में होता है। बीकानेर में एक निजी कंपनी ने इसका तेल निकालने के लिए यूनिट भी लगाई है। विशेषज्ञों के मुताबिक जोजोबा के भाव मांग के अनुसार बदलते हैं। 2009 में इसके भाव 18 हजार, 2011 में 35 और 2012 में 70 हजार रुपए प्रति क्विंटल रहे। अब ये 30 से 40 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।


धैर्य मांगती है खेती:- 

इसकी खेती आसान तो है, पर इसमें किसान के धैर्य की परीक्षा होती है क्योंकि छठे साल में फल मिलता है। जहां पानी रुकता है, वहां जोजोबा नहीं पनपता। प्रदेश में इसके टिश्यू कल्चर की व्यवस्था भी नहीं है।


उन्होंने बताया कि किसानों के खेत पर नये जोजोबा उद्यान स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-वृक्ष जनित तिलहन योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में 10 लाख 69 हजार रुपये, वर्ष 2018-19 में 27 लाख 25 हजार रुपये तथा वर्ष 2019-20 में 2 लाख 50 हजार (10 फरवरी, 2020 तक) रुपए अनुदान दिया गया।


दो साल से नहीं हो रहा खर्च:-

इसके अलावा दस हजार से अधिक खर्च और निविदा जारी की गई जिसमें वर्ष 2017-18 में कुछ खर्च नहीं हुआ, 2018-19 में 18 हजार 372 रुपये में नर्सरी के लिए पॉली बेग खरीदे गए, जिनकी निविदा 6 जून, 2018 को जारी की गई तथा वर्ष 2019-20 में कोई खर्च नहीं किया गया है।


माइनस तीन से 55 डिग्री तापमान झेल सकता है:-

कृषि विशेषज्ञों की मानें तो जोजोबा का झाड़ीनुमा पौधा माइनस तीन से 55 डिग्री तक तापमान झेल सकता है। इसे न तो उपजाऊ जमीन की जरूरत है और न ही अधिक पानी की। खराब जमीनी पानी में भी यह पनप सकता है।

सौंदर्य प्रसाधन सामग्री में इस्तेमाल होता जोजोबा जोजोबा के तेल का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन बनाने में होता है। तेल निकालने के बाद बचे मैटेरियल को सल्फर से ट्रीट करने पर ल्यूब्रिकेंट बनता है, जिसका उपयोग मशीनों-हवाई जहाज में होता है।