पूर्ण कर्ज माफी और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागत का डेढ़ गुना तय करने की मांगों को लेकर देशभर के किसान 10 दिन के अवकाश पर रहेंगे। राष्ट्रीय किसान महासंघ के बैनर तले देशभर के 90 किसान संगठन पहली जून से 10 जून तक दूध, फल और सब्जियों के साथ ही खाद्यान्न की बिक्री भी नहीं करेंगे।


भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आउटलुक को बताया कि देश के किसान कर्ज तले दबे हुए हैं, साथ ही उन्हें फसलों का उचित मूल्य भी नहीं रहा है जिस कारण किसान आत्महत्या जैसे कदम उठा रहा है केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें किसानों की लगातार अनदेखी कर रही है इसलिए देशभर के किसान संगठनों ने राष्ट्रीय किसान महासंघ के बैनर तले किसान अवकाश मनाने का फैसला किया है।


उन्होंने बताया कि इस दौरान किसान पूरी तरह से अवकाश पर रहेंगे, दूध के साथ फल, सब्जियों और खाद्यान्न की बिक्री नहीं की जायेगी। इसके अलावा शहर से दवाईयों को छोड़ अन्य वस्तुओं की खरीद भी किसानों द्वारा नहीं की जायेगी।


मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि किसान अवकाश के दौरान किसान गांव में ही रहेंगे । उन्होंने बताया कि 6 जून को मंदसौर जिले में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में हवन का आयोजन किया जायेगा।


अगर केंद्र सरकार ने किसानों की मांगे नहीं मानी तो फिर 10 जून को भारत बंद का आह्वान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि हम उन सभी से अनुरोध करेंगे, जो किसानों द्वारा उत्पादित अन्न, फल, दूध या फिर सब्जियों का उपयोग करते हैं, किसानों को बचाने के लिए भारत बंद में सहयोग दे।