किसान भाइयों आज हम आपको वर्मी कंपोस्ट बनाने की विधि के बारे में बताएंगे। आज हम बताएँगे की बिना किसी खर्च के वर्मी कंपोस्त कैसे बनाते हैं। इस तरह वर्मी कंपोस्त बनाने में आपको कोई भी फालतु खर्च नहीं करना पड़ता है और एक अच्छी और शक्त...
जो किसान भाई गाय और भैंस का पालन करते हैं या जिनके पास डेयरी का उद्योग है, उनके लिए हम आज एक ऐसा देशी तरीका बताऐंगे जिससे वो पता लगा सकेंगे की उनकी गाय या भैंस ग्याभन है या नहीं है। उनको डॉक्टर बुलाने की कोई भी आवश्यकता नहीं है, वह घर प...
आज हम आपको बताएँगे की हाइड्रोपोनिक्स क्या होता है और इसके क्या लाभ होते हैं। मिट्टी रहित खेती यानी हाइड्रोपोनिक्स कि मदद से आपको प्रति एकड़ 25 लाख रुपये तक का फायदा हो सकता है। क्योंकि इस तकनीक से खेती करने में कम लागत लगती है और मु...
आज हम स्कूटर कल्टीवेटर के बारे में बात करेंगे। हम आपको बताऐंगे की स्कुटर कल्टीवेटर आपके लिए क्यों बहतर है और किस तरह इससे आपको 40000 तक का फायदा हो सकता है। हम आपको दो प्रकार के स्कूटर कल्टीवेटर के बारे में बताऐंगे और हम स्कूटर की तुल...
किसान भाइयों आज हम रीपर बाइंडर फील्ड टेस्ट के बारे में बात करेंगे। इसमें आपको इसे शुरू करने के लिए एक रस्सी की आवश्यकता होती है, आपको सेल्फ स्टार्ट (बैटरी सेल्फ) नहीं मिलेगी। ...
किसान भाइयों, आज हम रीपर बाइंडर के बारे में बात करेंगे। हमारे किसान पुरानी पारंपरिक विधियों का उपयोग करके फसलों को काट रहे हैं और बांध रहे हैं लेकिन रीपर बाइंडर एक अभिनव है जिसके साथ आप एक ही समय में फसलों के बंडल को काट और बाँध सकत...
आज हम आपको बताऐंगे पावर कल्टीवेटर यानी निराई-गुड़ाई करने वाली मशीन के बारे में कि इस मशीन को खरीदने में आपको कितना फायदा होगा और कितना नुकसान हो सकता है। होंडा कंपनी का पावर कल्टीवेटर कम से कम 70 हजार रुपये तक के होते हैं। और 22 हजार र...
आज हम आपको एक खास बड चिप्पर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके काम को आसान बनाने के लिए सबसे उत्तम है। यह एक ऐसा अनोखा बड चिप्पर ( गन्ने की आंख निकालने वाली मशीन ) है, जिससे खड़े हुए गन्ने में भी आप आँख निकाल सकते हैं। इस बड चिप्पर मशी...
दोस्तों अभी कोरोना जैसी भयानक महामारी ख़त्म हुई नहीं है की टिड्डी दल का कहर और टूट पड़ा। किसानो के लिए तो मानो ये जैसे आसमान से बरसता हुआ कहर है। टिड्डी दल के अंदर इतनी ताकत होती है की ये 20 से 30 मिनट के अंदर ही खड़ी फसल को तहस नहस कर सकती ह...
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यह बेहद ही आधुनिक किस्म का अमरूद है, इस किस्म का नाम है ताइवान पिंक अमरूद। इस किस्म वाले अमरूद के पेड़ एक साल के अंदर ही फल देने लगते हैं। इससे आप लाखों की कमाई कर सकते हैं। जितना यह फल खाने में स्वादिष्ट है उतना ही यह किसानों को मुना...
कुछ कर दिखाने के लिए उम्र कोई भी हो, लेकिन जोश पूरा होना चाहिए। यह बात सच साबित कर दिखाई है अहमदनगर में रहने वाली सुमन ने। सुमन पारंपरिक मराठी भोजन बनाकर उन्हें सोशल मीडिया पर डालती है, जिससे वो लाखों कमा रहीं हैं। उस मुनाफे से वो अप...
कुछ कर गुज़रने की चाह हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं।’ इस बात को उत्साही किसान राकेश चौधरी ने साबित किया है। राजस्थान में औषधीय खेती, प्रसंस्करण, किसानों को प्रोत्साहन, किसानों की आर्थिक स्थिति को संबल देने में आज राकेश अहम भूमिका निभ...
क्लियर और ग्लोइंग स्किन भला किसे पसंद नहीं होगी। शाइनी मेकअप केवल हेल्दी स्किन पर ही संभव हो सकता है। ऐसे में हमें हमारी किचन को धन्यवाद जरूर करना चाहिए, क्योंकि इसमें कई ऐसे इंग्रीडिएंट्स हैं जो स्किन के लिए फायदेमंद हो सकत...
यदि कोई काम पुरी मेहनत और लगन के साथ किया जाए तो सब कुछ संभव है। चाहे फिर बात खेती करके मुनाफा कमाने की क्यों ना हो, हर चीज मुमकिन है। यह बात सच साबित कर दिखाई है राजस्थान के रहने वाले अजय स्वामी ने, जो कभी चाय की दुकान चलाकर अपने परिव...
दोस्तों आपने पंजाब के सबसे सुप्रसिद्ध व्यंजन मक्का दी रोटी सरसों दा साग के बारे में तो सुना ही होगा। हमारे हिन्दुस्तान में तो ये एक मशहूर डिश में से एक है ही,बल्कि हिन्दुस्तान बहार विदेशो में भी इसकी बहुत डिमांड है और एक प्रसिद्ध ...
भागलपुर जिले के रंगराचैक ब्लॉक के गांव चापर निवासी परशुराम दास की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने 10वीं में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। जल्द शादी हो गई और इसके बाद बच्चे। सबका गुजारा करने को केवल 5 बीघा जमीन थी। लेकिन कुछ सम...
कृषि प्रधान देश की अद्भुत अनुसंधानकर्ता, फसलों को दीमक से बचाने की अनोखी विधि ईजाद करने वाली सीकर (राजस्थान) के गांव दांतारामगढ़ की भगवती देवी 'खेत वैज्ञानिक सम्मान' और 50 हजार रुपए के 'कृषि प्रेरणा सम्मान' आदि से नवाज़े जाने के साथ ह...
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के अय्यारी गाँव के निवासी बिमला सिंह के आठ-सदस्यीय परिवार के लिए केवल पाँच एकड़ गैर-निष्पादित भूमि से उत्पादन और आय पर्याप्त नहीं थी। खेती की लागत अधिक थी और कृषि इनपुट खरीदने के लिए कोई पूंजी नहीं थी। इ...
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