राजस्थान में उगी गेहूं की 6 फीट लंबी वैरायटी

17 Oct 2025 | NA
राजस्थान में उगी गेहूं की 6 फीट लंबी वैरायटी

भारत कृषि प्रधान देश है और यहाँ गेहूं (Wheat) सबसे ज्यादा बोई जाने वाली फसलों में से एक है। किसान लगातार नई-नई तकनीकें और बीजों की किस्में आजमा कर पैदावार बढ़ाने की कोशिश करते हैं। राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना कस्बे के पास स्थित कांवट गांव में एक किसान ने ऐसा ही अनोखा प्रयोग किया है, जिससे पूरे इलाके के किसानों के बीच चर्चा शुरू हो गई है। इस गांव के पूरणमल सैनी ने अपने खेत में 6 फीट लंबे गेहूं की फसल तैयार की है।

Rajasthan Wheat 6 Feet

कैसे हुई शुरुआत?

करीब 6 साल पहले पूरणमल सैनी के खेत में गेहूं की फसल उगी हुई थी। उसी दौरान उन्हें अपने खेत में एक पौधा ऐसा दिखाई दिया जो बाकी गेहूं से अलग और ज्यादा लंबा था। सामान्य किसान की तरह इसे काटने की बजाय उन्होंने अलग सोच दिखाई और उस पौधे को संभाल लिया।

अगले साल उस पौधे से प्राप्त बीज को उन्होंने अलग से बोया। फिर हर साल उस बीज से प्राप्त पौधों को और अलग कर दोबारा बोते रहे। धीरे-धीरे पांच साल की मेहनत और लगातार चयन की प्रक्रिया से उन्हें 14 किलो गेहूं बीज के तौर पर मिला। यही बीज उन्होंने इस बार ढाई बीघा खेत में बोया और परिणाम वाकई चौंकाने वाले रहे।

6 फीट लंबा गेहूं – किसानों के लिए नई संभावना

आज पूरणमल सैनी के खेत में खड़ा गेहूं सामान्य गेहूं की तुलना में दोगुनी लंबाई का है। इसकी ऊँचाई करीब 6 फीट तक पहुंच गई है। इस गेहूं की खासियत केवल इसकी लंबाई ही नहीं है, बल्कि यह किसानों को कई लाभ भी दे रहा है।

1. अधिक चारा उपलब्ध – चूंकि पौधे की लंबाई ज्यादा है, इसलिए इसका डंठल और पत्तियाँ भी अधिक मिल रही हैं। इसका सीधा फायदा यह है कि किसानों को जानवरों के लिए पहले से कहीं ज्यादा चारा मिलेगा।

2. बड़ी और मजबूत बाली – इस गेहूं की बाली सामान्य से बड़ी है। इसका मतलब है कि इसमें दाने भी अधिक निकलेंगे और पैदावार बेहतर होगी।

3. तेज हवा और झोंकों से सुरक्षित – अधिक ऊँचाई होने के बावजूद यह पौधा न तो आसानी से टूटता है और न ही हवा के झोंकों में गिरता है। यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि अक्सर लम्बे पौधों में गिरने का खतरा अधिक होता है।

4. बेहतरीन फुटान – बीज बोने के बाद इस गेहूं में अच्छी फुटान देखी गई है। यानी एक ही बीज से ज्यादा पौधे निकलते हैं, जिससे खेत में घनी और अच्छी फसल तैयार होती है।

6 Feet Wheat Rajasthan

किस्म के रजिस्ट्रेशन की तैयारी

पूरणमल सैनी केवल खेती ही नहीं कर रहे, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी काम कर रहे हैं। वे पिछले 6 साल से लगातार इस किस्म पर नजर रख रहे हैं और बीज को सहेजकर तैयार कर रहे हैं। अब उन्होंने इस नई गेहूं की वैरायटी के बीज कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) में भेजे हैं। यहां से परीक्षण और सत्यापन के बाद उम्मीद है कि इसका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इसके बाद यह नई किस्म अन्य किसानों तक भी पहुँच सकेगी।

क्यों खास है यह खोज?

भारत में गेहूं की दर्जनों किस्में बोई जाती हैं। हर किस्म की अपनी अलग खासियत होती है – कोई जल्दी पकती है, कोई ज्यादा दाने देती है, कोई सूखा सहन कर लेती है, तो कोई बीमारियों से बची रहती है। लेकिन पूरणमल सैनी द्वारा विकसित यह किस्म खास इसलिए है क्योंकि यह किसान की अपनी मेहनत और धैर्य का नतीजा है।

अक्सर किसान किसी नई किस्म को वैज्ञानिक संस्थानों से खरीदते हैं, लेकिन यहाँ एक किसान ने खुद अपने खेत में खोज करके एक अलग किस्म को विकसित किया है। यह न केवल उनकी सोच को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारतीय किसान अगर चाहे तो रिसर्चर से कम नहीं हैं।

New Wheat Discovery in Rajasthan

किसानों के लिए क्या लाभ होगा?

अगर यह किस्म आगे चलकर रजिस्टर्ड होकर आधिकारिक रूप से किसानों तक पहुँची तो इसके कई फायदे होंगे:

चारे की समस्या का समाधान – खासकर राजस्थान और हरियाणा जैसे इलाकों में जहाँ पशुपालन आमदनी का बड़ा जरिया है, वहाँ यह किस्म किसानों को दोहरा लाभ दे सकती है – अनाज और चारा दोनों।

बेहतर पैदावार – बड़ी बाली और अच्छे दाने मिलने से किसानों को अधिक उत्पादन प्राप्त होगा।

लागत में कमी – ज्यादा फुटान होने से कम बीज में भी अधिक पौधे मिलेंगे। इससे बोआई का खर्च भी घट सकता है।

जलवायु सहनशीलता – यह पौधा हवा और अन्य प्राकृतिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।

निष्कर्ष

राजस्थान के नीमकाथाना क्षेत्र के किसान पूरणमल सैनी ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, धैर्य और प्रयोग करने की हिम्मत से खेती में भी नई खोजें की जा सकती हैं। उनका यह 6 फीट लंबा गेहूं आने वाले समय में किसानों के लिए नई उम्मीद बन सकता है। अगर इस किस्म को वैज्ञानिक मान्यता मिलती है तो न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत में किसान इसका लाभ उठा पाएंगे। यह कहानी किसानों को यह सिखाती है कि खेत केवल अनाज उगाने की जगह नहीं है, बल्कि यह प्रयोग और नवाचार की प्रयोगशाला भी है। ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये।। जय हिन्द जय भारत ।।

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