भारत में भैंस की किस्में

24 Jul 2025 | NA
भारत में भैंस की किस्में

भारत में भैंसें सिर्फ दूध देने वाले जानवर नहीं हैं, बल्कि वो ग्रामीण जीवन की रीढ़ हैं। एक अच्छी भैंस परिवार की आमदनी का प्रमुख साधन बन सकती है। चाहे बात हो मोटे दूध की, घी की मिठाइयों की या हल चलाने की – भैंस हमेशा हमारे साथ खड़ी रही है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा भैंस पालन करने वाला देश है। यहां अलग-अलग जलवायु और क्षेत्रीय ज़रूरतों के अनुसार भैंसों की कई नस्लें पाई जाती हैं। हर नस्ल की अपनी खूबी, क्षमता और पहचान है। चलिए जानते हैं भारत में पाई जाने वाली प्रमुख भैंस की किस्मों के बारे में।

Buffalo Varieties in India


1. मुर्रा भैंस (Murrah) – हरियाणा की शान

क्षेत्र: रोहतक, हिसार, झज्जर (हरियाणा) और पंजाब के कुछ हिस्से

दूध उत्पादन: 8-16 लीटर प्रति दिन

खासियत: यह सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस मानी जाती है। इसकी पूंछ घुंघराली होती है और सींग छोटी, घुमावदार होती हैं।

दूध में फैट: 7% से ज्यादा

मुर्रा नस्ल को “दूध की मशीन” भी कहा जाता है। इसे कई राज्यों में क्रॉस-ब्रीडिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

2. मेहसाना भैंस (Mehsana) – गुजरात की गौरव

क्षेत्र: मेहसाना और आसपास का इलाका (गुजरात)

दूध उत्पादन: 6–12 लीटर प्रतिदिन

खासियत: यह मुर्रा और सुरती नस्ल के मेल से बनी मिक्स नस्ल है। इसका शरीर लंबा और मजबूत होता है।

दूध में फैट: लगभग 6.5%

मेहसाना भैंसें अधिक दूध और बेहतर सहनशक्ति के लिए जानी जाती हैं। ये खासकर डेयरी व्यवसाय में ज्यादा उपयोग की जाती हैं।

Mehsana buffalo in gujrat

3. जाफराबादी भैंस (Jaffarabadi) – ताकतवर और भारी शरीर वाली

क्षेत्र: सौराष्ट्र, खासकर जूनागढ़ (गुजरात)

दूध उत्पादन: 5–12 लीटर प्रतिदिन

खासियत: भारत की सबसे भारी और ताकतवर भैंस। इसका सिर बड़ा, माथा चौड़ा और सींग नीचे की ओर झुके हुए होते हैं।

दूध में फैट: 8% तक

यह नस्ल दूध के साथ-साथ कृषि कार्यों में भी उपयोगी होती है, खासकर भारी कामों में।

4. सुरती भैंस (Surti) – मध्यम दूध देने वाली, शांत स्वभाव

क्षेत्र: गुजरात का बड़ौदा, आनंद, खेड़ा

दूध उत्पादन: 5–7 लीटर प्रतिदिन

खासियत: शरीर छोटा, रंग चमकदार काला या भूरा होता है। इसका स्वभाव बहुत शांत होता है।

दूध में फैट: 7-8%

इस नस्ल की खास बात है कि यह दूध में उच्च फैट देती है जिससे मक्खन और घी अधिक बनता है।

Surti buffalo in india

5. भदावरी भैंस (Bhadawari) – भूरी रंग वाली खास नस्ल

क्षेत्र: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का सीमावर्ती इलाका – आगरा, इटावा, भिंड

दूध उत्पादन: 4–7 लीटर प्रतिदिन

खासियत: इसका रंग तांबे जैसा भूरा होता है। यह भारत की सबसे फैट वाली नस्लों में से एक है।

दूध में फैट: 8–13% तक

भदावरी का दूध कम मात्रा में सही, लेकिन घी और मिठाइयों के लिए बहुत उपयोगी होता है।

6. नीलरवी भैंस (Nili-Ravi) – पंजाब की प्रमुख नस्ल

क्षेत्र: पंजाब (भारत और पाकिस्तान)

दूध उत्पादन: 10–15 लीटर प्रति दिन

खासियत: मुर्रा जैसी दिखती है, लेकिन इसके सिर पर सफेद चिह्न होता है जिसे ‘ब्लिस्टर’ कहा जाता है।

दूध में फैट: 6.5–10%

इस नस्ल का प्रयोग अक्सर मुर्रा के साथ क्रॉस-ब्रीडिंग में किया जाता है।

7. तोटापुरी या नागपुरी भैंस (Nagpuri) – महाराष्ट्र की मेहनती भैंस

क्षेत्र: नागपुर, अकोला, वर्धा (महाराष्ट्र)

दूध उत्पादन: 4–6 लीटर

खासियत: गर्मी और कठिन जलवायु को सहन करने में सक्षम। हल चलाने और गाड़ी खींचने में भी उपयोगी।

दूध में फैट: 6%

यह भैंस खेती और कामकाजी जरूरतों के लिए आदर्श मानी जाती है।

8. पांडहरपुरी भैंस (Pandharpuri) – लम्बे कानों वाली

क्षेत्र: सोलापुर, सांगली (महाराष्ट्र)

दूध उत्पादन: 4–7 लीटर

खासियत: इसके कान बहुत लंबे होते हैं जो नीचे की ओर लटकते हैं।

दूध में फैट: 6.5–7%

यह नस्ल कम चारा खाकर भी अच्छा दूध देती है, इसलिए छोटे किसानों के लिए उपयोगी है।

भारत में भैंस पालन के लाभ

1. उच्च फैट दूध – देशी गाय की तुलना में भैंस का दूध मोटा और घी देने में ज्यादा होता है।

2. कम देखरेख में पालन – कुछ नस्लें जैसे भदावरी और नागपुरी कम पानी और चारे में भी अच्छा उत्पादन देती हैं।

3. रोज़गार और आय का साधन – एक भैंस रोज़ाना ₹200  – ₹400 तक की कमाई करा सकती है।

4. मल्टीपर्पज़ उपयोग – दूध, खाद, खेती में मदद और ब्रीडिंग सबमें उपयोगी।

निष्कर्ष: सही नस्ल का चुनाव, भविष्य की कमाई

भारत की भैंसों की वैरायटी हमारी ग्रामीण समृद्धि का प्रतीक है। हर क्षेत्र की जलवायु, चारा और बाजार को देखते हुए यदि सही नस्ल चुनी जाए, तो यह व्यवसाय बहुत लाभदायक बन सकता है। मुर्रा से लेकर भदावरी तक – हर नस्ल में खासियत है, बस जरूरत है जानकारी और सही पालन-पोषण की।

अगर किसान भाई भैंस पालने की सोच रहे हैं, तो अपने क्षेत्र के अनुसार उपयुक्त नस्ल का चयन करें और उसकी देखभाल में कोई कसर न छोड़ें। यही आपकी कमाई, आपकी मिट्टी और आपके भविष्य की गारंटी बनेगी। ऐसी जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसे लगी हमने कमेंट करके जरूर बताइये ।। जय हिंदी जय भारत ।।

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