भारत में पेड़ लगाने की स्थिति


पेड़ हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी हैं। वे न सिर्फ हमें ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने, मिट्टी के कटाव को रोकने और जैव विविधता को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। भारत में पेड़ लगाने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन क्या हम इस मामले में दुनिया के अन्य देशों से आगे हैं? आइए, जानते हैं।

भारत में जंगल और वृक्षारोपण की स्थिति
भारत सरकार और कई संगठनों ने पेड़ लगाने और जंगल बचाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 (ISFR 2023) के अनुसार देश में वन क्षेत्र और पेड़ों की संख्या में कुल 1,445 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है।
वन क्षेत्र में बढ़ोतरी: 156.41 वर्ग किलोमीटर
पेड़ (वृक्ष आवरण) में बढ़ोतरी: 1,289.40 वर्ग किलोमीटर
यह आंकड़े दिखाते हैं कि भारत हरियाली बढ़ाने की दिशा में अच्छा काम कर रहा है।
दुनिया में भारत की स्थिति
अगर पूरी दुनिया की तुलना करें तो भारत पेड़ लगाने के मामले में सबसे आगे नहीं है। भारत में प्रति व्यक्ति केवल 28 पेड़ हैं जिससे यह 125वें स्थान पर आता है।
कनाडा में प्रति व्यक्ति 8,953 पेड़
रूस में प्रति व्यक्ति 4,461 पेड़
ब्राजील में प्रति व्यक्ति 1,494 पेड़
इसके मुकाबले भारत में पेड़ों की संख्या बहुत कम है।
भारत के सबसे हरे-भरे राज्य
भारत में कुछ राज्य जंगल बढ़ाने में सबसे आगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार जिन राज्यों में सबसे ज्यादा हरियाली बढ़ी है, वे है
- छत्तीसगढ़
- उत्तर प्रदेश (559 वर्ग किमी की बढ़ोतरी)
- ओडिशा
- राजस्थान
उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में कई सफल वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए हैं जिससे वहां काफी हरियाली बढ़ी है।

सरकारी प्रयास और योजनाएं
भारत सरकार ने जंगलों को बढ़ाने और पेड़ लगाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। कुछ प्रमुख योजनाएं इस प्रकार हैं
1. एक पेड़ माँ के नाम अभियान: इस योजना के तहत 80 करोड़ पौधे लगाए गए, और यह लक्ष्य तय समय से पहले ही पूरा कर लिया गया।
2. ग्रीन इंडिया मिशन (2014): इस योजना का उद्देश्य जंगलों को बढ़ाना और जलवायु परिवर्तन से निपटना है।
3. उत्तर प्रदेश सरकार की पहल: एक ही दिन में 22 करोड़ पौधे लगाने का रिकॉर्ड बनाया।
4. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में भी कई बड़े वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए गए हैं।
भारत में वृक्षारोपण की चुनौतियाँ
भारत में पेड़ लगाने को लेकर प्रयास तो हो रहे हैं लेकिन कई बड़ी समस्याएं भी हैं
1. शहरों का विस्तार: तेजी से शहरीकरण के कारण जंगलों की कटाई हो रही है।
2. औद्योगीकरण: नए उद्योगों के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है।
3. खेती के लिए जंगलों की कटाई: अधिक खेती के लिए जंगलों को हटाया जा रहा है।
4. कानूनी कमजोरियाँ और जागरूकता की कमी: कई योजनाएँ सिर्फ कागजों पर रह जाती हैं और सही तरीके से लागू नहीं हो पातीं।
आगे क्या किया जा सकता है?
अगर भारत को हरित देशों में शामिल होना है तो हमें कुछ ठोस कदम उठाने होंगे:
1. हर व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ लगाना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए।
2. शहरों में अधिक पार्क और ग्रीन स्पेस बनाए जाने चाहिए।
3. पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।
4. स्कूलों और कॉलेजों में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए।
निष्कर्ष
भारत में पेड़ लगाने को लेकर कई अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर हमें अभी और मेहनत करनी होगी। सिर्फ पेड़ लगाने से ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल करने से भी हरियाली बढ़ेगी। अगर हम सब मिलकर वृक्षारोपण को एक आंदोलन बना दें, तो आने वाले वर्षों में भारत दुनिया के सबसे हरे-भरे देशों में शामिल हो सकता है। इसलिए, हम सबको संकल्प लेना चाहिए कि हर साल कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएंगे और उसकी देखभाल करेंगे।
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