प्लास्टिक से मिलने खाना

29 Jul 2022 | others
प्लास्टिक से मिलने खाना

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होंगे, जो कहेंगे कि रीसायक्लिंग के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को देना कहां है और इसके लिए कौन प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा करे? तो ऐसे ही लोगों को प्रेरित करने के लिए जूनागढ़ प्रशासन ने एक अनोखा तरीका खोज निकाला है।

जूनागढ़ शहर के कलेक्टर रचित राज ने अपने शहरवासियों को प्लास्टिक, रीसायक्लिंग के लिए देने के बदले में, खाना देने का फैसला किया है। जी हाँ, बिल्कुल सही सुना आपने। जूनागढ़ में 30 जून को ‘प्राकृतिक प्लास्टिक कैफ़े’ नाम के एक कैफ़े का उट्घाटन किया गया है,  जिसमें आपको सिंगल यूज प्लास्टिक देने के बदले नींबू पानी, ढोकला और पोहा जैसा स्वादिष्ट नाश्ता परोसा जाएगा।

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प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे क्या है? 

प्लास्टिक के बदले खाना देने वाला ये देश का पहला कैफे होगा। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक पर रोक लगाने की जरूरत को ध्यान में रख कर जिला प्रशासन ने ये एक नई पहल की है।

प्लास्टिक प्राकृतिक कैफे का 30 जून को राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उद्घाटन किया जो कि खुद प्राकृतिक खेती के हिमायती हैं। प्लास्टिक के हानिकारक असर को देखते हुए उसका उपयोग रोकने का खास जागृति लाने का ये प्रयास है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इस कैफे की शुरुआत करते हुए जूनागढ़ के डीएम रचित राज के इस प्रयास की सराहना की है।

फंकी लुक:

जूनागढ़ जिले के महिला व बाल विकास अधिकारी, जिगर जसानी ने द बेटर इंडिया से बात करते हुए बताया कि इस कैफ़े को देशभर में चल रही मुहिम को और गति देने के लिए खोला गया है।

उन्होंने कहा, “यह बेहतरीन आइडिया हमारे कलेक्टर का था, जबकि इस कैफ़े का संचालन ‘सर्वोदय सखी मंडल’ की महिलाएं करेंगी। हमने एक रीसायक्लिंग कंपनी के साथ समझौता भी किया है, जो नियमित रूप से कैफ़े में जमा प्लास्टिक ले जाया करेगी।”

यह एक ईको-फ्रेंडली कैफ़े है, जहां सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल नहीं किया जाएगा। शहर के सिटी हॉस्पिटल के पुराने कैंपस में इस कैफ़े को बनाया गया है। वहीं, ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इसे एक फंकी लुक भी दिया गया है। 

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