बिना मिट्टी के उगाए पौधे


किसान का बेटा होने के नाते, राजकोट के रसिक नकुम को हमेशा से खेती में बेहद रुचि थी। वह हमेशा पारम्परिक खेती के अलावा, कुछ नए प्रयोग करने और इसके ज़रिए लोगों की मदद करना चाहते थे। लेकिन उनके पिता चाहते थे कि नकुम पढ़ाई करके टीचर बनें और गांव के बच्चों को शिक्षित करने का काम करें। यही कारण है कि उन्होंने हमेशा से नकुम की पढ़ाई पर ज्यादा जोर दिया। बीएससी की पढ़ाई के बाद नकुम ने एक शिक्षक के तौर पर काम करना भी शुरू कर दिया, लेकिन उनका मन हमेशा से खेती में ही लगा रहा। वह चाहते थे कि कुछ ऐसा काम किया जाए, जिससे खेती में कुछ बदलाव लाया जा सके। जिस तरह से कीटनाशक के बढ़ते उपयोग से जमीन ख़राब हो रही है और पानी की समस्या से खेती मुश्किल बनती जा रही है, ऐसे में आम इंसान के लिए ताज़ा सब्जियां मिलना भी मुश्किल हो गया है। तभी उन्हें हाइड्रोपोनिक सेटअप लगाने का ख्याल आया।

क्या होती है हाइड्रोपोनिक खेती?
हाइड्रोपोनिक एक ग्रीक शब्द है, जिसका मतलब है बिना मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिए खेती। यह एक आधुनिक खेती है, जिसमें पानी का इस्तेमाल करते हुए जलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है। पानी के साथ थोड़े बालू या कंकड़ की जरूरत पड़ सकती है। इसमें तापमान 15-30 डिग्री के बीच रखा जाता है और आर्द्रता को 80-85 फीसदी रखा जाता है। पौधों को पोषक तत्व भी पानी के जरिए ही दिए जाते हैं।
ये खेती पाइपों के जरिए होती है। इनमें ऊपर के तरफ से छेद किए जाते हैं और उन्हीं छेदों में पौधे लगाए जाते हैं। पाइप में पानी होता है और पौधों की जड़ें उसी पानी में डूबी रहती हैं। इस पानी में वो हर पोषक तत्व घोला जाता है, जिसकी पौधे को जरूरत होती है। यह तकनीक छोटे पौधों वाली फसलों के लिए बहुत अच्छी है। इसमें गाजर, शलजम, मूली, शिमला मिर्च, मटर, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अजवाइन, तुलसी, टमाटर, भिंडी जैसी सब्जियां और फल उगाए जा सकते हैं।
कैसे शुरू की खेती:
उन्होंने बताया, “एक बार मैंने टीवी पर न्यूज़ देखी कि कैसे केमिकल वाला खाना कैंसर का कारण भी बन सकता है। तब से मैंने सोच लिया था कि मुझे वापस से खेती से ही जुड़ना है।”
उस दौरान नकुम, नौकरी कर रहे थे इसलिए वह नौकरी छोड़कर खेती से नहीं जुड़ सकते थे।
तभी उन्होंने पहली बार हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में भी सुना। उन्हें यह विचार काफी अच्छा लगा। उन्हें लगा कि यह सेटअप तो घर पर भी आराम से लगाया जा सकता है और वह नौकरी के साथ भी इसे कर सकते हैं।
लेकिन उनके पास इसका तकनीकि ज्ञान नहीं था।
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