गोबर से बना घर और शुद्ध घी का कारखाना

04 Mar 2025 | Food
गोबर से बना घर और शुद्ध घी का कारखाना

रमेश जी राजकोट में रहते हैं और उनके पास 300 से ज्यादा गायें हैं। ये गायें उनके परिवार की तरह हैं, और उनके दूध से 300 से भी ज्यादा चीजें बनाई जाती हैं। इनमें सबसे खास चीज घी है, जिसे रमेश जी 500 साल पुरानी विधि से बनाते हैं। उनका मानना है कि पारंपरिक तरीके से बना घी ज्यादा शुद्ध और सेहतमंद होता है।

गोबर से बना घर और शुद्ध घी का कारखाना_8002


कैसे बनता है शुद्ध घी?

घी बनाने की प्रक्रिया बहुत ध्यान से की जाती है ताकि उसकी शुद्धता बनी रहे।

1. दूध निकालना और छानना

  • सबसे पहले गायों से दूध निकाला जाता है।
  • फिर इसे स्टील के बर्तनों में छानकर साफ किया जाता है।
गोबर से बना घर और शुद्ध घी का कारखाना_8002

2. दूध को गर्म और ठंडा करना

  • दूध को मशीन में डालकर 60 डिग्री पर गर्म किया जाता है।
  • फिर इसे 40 डिग्री तक ठंडा किया जाता है।
  • इसे गर्म करने के लिए भाप (स्टीम) का इस्तेमाल होता है।
गोबर से बना घर और शुद्ध घी का कारखाना_8002


3. मट्ठा और मक्खन बनाना

  • 31 लीटर दूध से सिर्फ 1 लीटर घी निकलता है।
  • दूध से पहले मट्ठा (छाछ) निकाला जाता है, जिसे गांवों में भेज दिया जाता है।
  • बचा हुआ मलाईदार भाग जिसे दही बोला जाता है उसे माथा जाता है और मथ कर उससे घी बनया जाता है। 

4. मक्खन से घी बनाना

  • मक्खन को धीमी आंच पर 3 घंटे तक गर्म किया जाता है।
  • इसमें बेल के पत्ते डाले जाते हैं, जिससे घी की शुद्धता बढ़ती है।
  • जब मक्खन गोल्डन ब्राउन (हल्का लाल) रंग का हो जाता है, तो समझ लीजिए कि घी तैयार है।
  • इसके बाद इसे छानकर कांच की बोतलों में पैक किया जाता है।

रमेश जी ने इस काम की शुरुआत 2006 में की थी। आज उनके साथ IT, फाइनेंस और दूसरे क्षेत्रों के लोग भी जुड़े हुए हैं।

गोबर से बना घर – पूरी तरह इको-फ्रेंडली

रमेश जी का घर और ऑफिस गोबर से बने हैं, जिससे वह प्राकृतिक रूप से ठंडा रहता है।

घर की खास बातें:

1. गोबर से बने कमरे – कमरे में अटैच बाथरूम भी हैं।

2. स्वाभाविक ठंडक – बाहर जितनी भी गर्मी हो, कमरे का तापमान 7-8 डिग्री ठंडा रहता है।

3. बाँस की खिड़कियाँ – इससे ठंडी हवा अंदर आती है।

4. प्राकृतिक बाथरूम – हर बाथरूम में बाथटब भी मौजूद है।

5. 10 कमरे – रमेश जी के पास कुल 10 कमरे हैं।

6. 1100 से ज्यादा जड़ी-बूटियाँ – उनके पास कई तरह की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ भी हैं।

गोबर से बना घर और शुद्ध घी का कारखाना_8002

आयुर्वेदिक स्नान और चिकित्सा

यहाँ आयुर्वेदिक इलाज भी किए जाते हैं, जो पूरी तरह प्राकृतिक हैं।

1. गोमूत्र स्नान – शरीर की सफाई और रोगों से बचाव के लिए।

2. गोबर स्नान – त्वचा की सेहत सुधारने के लिए।

3. घी स्नान – शरीर को पोषण देने के लिए।

4. स्टीम बाथ – शरीर से विषैले तत्व निकालने के लिए।

5. शिरोधारा थेरेपी – तनाव और दिमागी शांति के लिए।


कैसे पहचानें असली और नकली घी?

आजकल बाजार में नकली घी बिक रहा है। लेकिन आप घर पर ही इसकी पहचान कर सकते हैं।

1. धूप में रखने का तरीका

  • एक प्लेट में थोड़ा सा घी लें और उसे धूप में रख दें।
  • कुछ देर बाद छाँव में रखें।
  • अगर घी सफेद हो जाए, तो वह असली है।

2. पानी में डालने का तरीका

  • एक काँच के गिलास में पानी लें।
  • उसमें थोड़ा सा घी डालें।
  • अगर घी तैरने लगे, तो वह असली है।
  • अगर घी नीचे बैठ जाए, तो वह नकली है।
गोबर से बना घर और शुद्ध घी का कारखाना_8002

निष्कर्ष

रमेश जी सिर्फ घी नहीं बना रहे, बल्कि एक प्राकृतिक और सेहतमंद जीवनशैली को बढ़ावा दे रहे हैं। उनका गोबर से बना घर, शुद्ध घी और आयुर्वेदिक उपचार हमारे पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक जरूरतों का बेहतरीन उदाहरण है।

अगर आप भी शुद्ध घी और प्राकृतिक जीवनशैली की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो यह प्रेरणा लेने लायक कहानी है!

Full Video Link [ CLICK HERE ]

Share

Comment

Loading comments...

Also Read

देसी ताकत का खजाना: सत्तू
देसी ताकत का खजाना: सत्तू

गर्मी का मौसम हो या सर्दी की सुबह,

01/01/1970

Related Posts

Short Details About