राजकोट के मुकेश भाई और उनके अनोखे ट्रेन मॉडल


मॉडल बनाने की कला में माहिर राजकोट के मुकेश भाई ने बहुत मेहनत और लगन से छोटी-छोटी मगर असली जैसी ट्रेनों के मॉडल तैयार किए हैं। उनके बनाए मॉडल्स न सिर्फ दिखने में शानदार हैं, बल्कि पूरी तरह से बिजली और डीजल से चलते भी हैं। हर ट्रेन का डिजाइन असली ट्रेनों की तरह है और उनके अंदर का मैकेनिज्म भी एकदम सटीक बनाया गया है। आइए, उनके बनाए कुछ खास मॉडल्स के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. ब्रास (पीतल) की ट्रेन – 40 साल पुराना मॉडल
मुकेश भाई ने ब्रास (पीतल) की एक खास ट्रेन बनाई है, जो देखने में पुरानी जमाने की असली ट्रेन जैसी लगती है। इस ट्रेन के इंजन से लेकर उसकी पटरी तक सबकुछ ब्रास का बना हुआ है। यह ट्रेन बिजली से चलती है और इसके चलने का तरीका भी बेहद खास है।

कैसे चलती है यह ट्रेन?
- इस ट्रेन में एक ट्रांसबॉर्ड सिस्टम लगाया गया है, जिससे जैसे ही ट्रेन चालू होती है, उसे पटरी से पावर मिलने लगता है।
- यह ट्रेन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोटर से चलती है, जिसमें 12 वोल्ट की मोटर फिट की गई है।
- इसकी स्पीड को कम या ज्यादा किया जा सकता है।
- ट्रेन की ताकत और बनावट
- यह ट्रेन 2 किलो से ज्यादा वजन ले सकती है।
- इसे बनाने में मुकेश भाई को पूरा एक महीना लगा।
2. 80 साल पुराना मॉडल – असली ट्रेन जैसी
यह ट्रेन असली स्टीम इंजन ट्रेन की कॉपी है। इस मॉडल में हर वह चीज़ मौजूद है, जो एक असली भाप इंजन में होती है।

इस ट्रेन की खासियतें
- इसमें असली ट्रेन की तरह पानी का टैंक दिया गया है, जिसकी क्षमता 1 लीटर है।
- टैंक में कितना पानी बचा है, यह देखने के लिए ऊपर एक छोटी सी सीढ़ी भी लगाई गई है।
- इस ट्रेन में दो पहिए ट्रेन को मोड़ने के लिए बनाए गए हैं।
- बीच में एक बड़ा व्हील दिया गया है, जिससे पूरी ट्रेन चलती है।
- ट्रेन के आगे भी दो पहिए लगाए गए हैं, ताकि इसे मोड़ने में आसानी हो।
- इसे बनाने में मुकेश भाई को पूरे डेढ़ साल लगे।
3. डीजल इंजन वाली ट्रेन – 20 साल पुराना मॉडल
मुकेश भाई ने डीजल से चलने वाली एक और ट्रेन बनाई है, जो 20 साल पुराने असली मॉडल पर आधारित है। यह ट्रेन डिजाइन और काम करने के तरीके में पूरी तरह से असली डीजल इंजन जैसी है।
इस ट्रेन की खासियतें
- इसे खोलकर इसके अंदर के पार्ट्स को देखा जा सकता है।
- इसमें स्विच दिया गया है, जिससे लाइट्स ऑन और ऑफ की जा सकती हैं।
- इसे बिलकुल रियल इंजन की तरह तैयार किया गया है।
- इस ट्रेन को बनाने में मुकेश भाई को डेढ़ महीने लगे।

4. छोटे-छोटे ऑटोमेटिक इंजन
मुकेश भाई ने कुछ छोटे-छोटे इंजन भी बनाए हैं, जो दिखने में छोटे हैं लेकिन पूरी तरह से पावर से चलते हैं।
इन छोटे इंजनों की खासियतें
- इन्हें उठाया भी जा सकता है, क्योंकि ये हल्के हैं।
- यह इलेक्ट्रिसिटी से चलते हैं और पूरी तरह से ऑटोमेटिक हैं।
- इनका मैकेनिज्म बहुत शानदार तरीके से डिजाइन किया गया है।

मुकेश भाई की मेहनत और कला
मुकेश भाई ने ट्रेन मॉडल बनाने की कला में अपनी अनोखी पहचान बनाई है। उनके बनाए ये छोटे-छोटे ट्रेन मॉडल पुराने जमाने की असली ट्रेनों की हूबहू नकल हैं, जो न सिर्फ देखने में शानदार लगते हैं, बल्कि पूरी तरह से काम भी करते हैं। उनकी यह मेहनत और इंजीनियरिंग कमाल की है।
राजकोट के मुकेश भाई ने यह साबित कर दिया कि सही लगन और धैर्य से कुछ भी बनाया जा सकता है। उनके बनाए ये मॉडल्स रेलवे के इतिहास और तकनीक को समझने का एक अनोखा तरीका भी हैं।
Comment
Also Read

ट्रैक्टर पर सिर्फ 5
edhgmn,mngdfd

ग्लूटेन-फ्री आहार: किसके लिए ज़रूरी और क्यों?
ग्लूटेन-फ्री आहार (Gluten-Free Die

देसी ताकत का खजाना: सत्तू
गर्मी का मौसम हो या सर्दी की सुबह,

व्रत और उपवास में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ और उनका महत्व
भारत में व्रत और उपवास धार्मिक एवं

इंटरमिटेंट फास्टिंग का विज्ञान, लाभ और सावधानियाँ
इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent
Related Posts
Short Details About