तीन पहिए वाली गाड़ी

03 Apr 2025 | Automobile Sector
तीन पहिए वाली गाड़ी

हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम में कई अनोखी और ऐतिहासिक कारें हैं जो ऑटोमोबाइल के इतिहास को दर्शाती हैं। इन कारों की खासियत यह है कि इनमें से कई गाड़ियाँ आम कारों से बिल्कुल अलग हैं।

तीन पहिए वाली गाड़ी_2493

तीन पहियों वाली अनोखी कार

अधिकतर कारों में चार पहिए होते हैं लेकिन इस म्यूजियम में एक ऐसी कार है जिसमें तीन पहिए हैं। इसका एक पहिया आगे और दो पहिए पीछे हैं। यह कार अपनी अनोखी बनावट और डिज़ाइन की वजह से लोगों का ध्यान खींचती है।

बटन से कन्वर्ट होने वाली कार

एक ऐसी कार भी है जो बटन दबाते ही कन्वर्ट हो जाती है। इसमें छत का ऊपरी हिस्सा केवल एक बटन दबाने से पूरी तरह से फोल्ड हो जाता है। इस तरह की तकनीक आजकल की आधुनिक कारों में देखने को मिलती है, लेकिन इस पुरानी कार में यह सुविधा होना अपने आप में खास बात है।

क्रिसलर कार और उसकी अनोखी पेट्रोल टैंक

क्रिसलर कंपनी की एक कार भी इस म्यूजियम में रखी गई है। क्रिसलर की स्थापना 1925 में हुई थी। इस कार की खासियत यह है कि इसमें पेट्रोल डालने की जगह आमतौर पर दिखती नहीं है। दरअसल, नंबर प्लेट खुलती है और वहीं से पेट्रोल भरा जाता है। साथ ही, इसके रिम्स पीछे की तरफ कवर किए गए हैं जिससे इसकी बनावट और भी आकर्षक लगती है।

1962 की पाँच-सीटर लंबी कार

इस म्यूजियम में एक 1962 मॉडल की लंबी कार भी है। यह पाँच-सीटर कार है और इसकी डिग्गी भी काफी बड़ी है जिससे पता चलता है कि उस समय कारों को अधिक सामान रखने के लिए डिजाइन किया जाता था।

1934 मॉडल रोल्स रॉयस

यहाँ एक 1934 मॉडल की रोल्स रॉयस कार भी है जिसका नंबर HP 2025 है। इसकी खासियत यह है कि इसे चाबी से नहीं, बल्कि एक हैंडल घुमा कर स्टार्ट किया जाता है। ड्राइवर आगे बैठता है और बाकी लोग पीछे बैठते हैं। इसके अंदर ड्राइवर और यात्रियों के बीच एक कांच का पार्टीशन भी बना हुआ है।

तीन पहिए वाली गाड़ी_2493

पुराने जमाने के गैस स्टेशन

म्यूजियम में एक पुराना गैस स्टेशन भी रखा गया है जो टेलीफोन बूथ जैसा दिखता है। इसमें पुराने ज़माने के पेट्रोल मापने वाले नंबर दिखते हैं और साइड में लगे पाइप से पेट्रोल भरा जाता था। उस समय पेट्रोल पंप बहुत कम थे, इसलिए लोग कनस्तर में पेट्रोल भरकर अपने साथ ले जाते थे।

शाहरुख खान की फिल्म में दिखी कार

एक खास कार भी यहाँ मौजूद है जिसे शाहरुख खान की एक फिल्म में दिखाया गया था। जिसका पोस्टर इनके म्यूजियम में भी लगा हुआ है फिल्म का नाम था "दिल तो पागल" है।

एक बादल नाम की कार भी यहाँ मौजूद है इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका इंजन पीछे की तरफ है और इसका आकार ऑटो रिक्शा जितना ही है।यह कार भारत में अब केवल एक ही बची है और इसे इस म्यूजियम में संजोकर रखा गया है।

तीन पहिए वाली गाड़ी_2493

म्यूजियम की पहली कार

इस म्यूजियम में जो पहली कार आई थी वह भी बहुत खास है। इसकी स्टपनी हमेशा जुड़ी रहती है और इसकी हेडलाइट्स बहुत बड़ी हैं। इसका डैशबोर्ड लकड़ी का बना हुआ है और इसका ऊपरी छज्जा पूरा खुल और बंद हो सकता है।

यह हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम पुरानी और ऐतिहासिक कारों के शौकीनों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। यहाँ आकर लोग पुरानी कारों की अनोखी बनावट और तकनीक को करीब से देख सकते हैं और ऑटोमोबाइल के इतिहास को समझ सकते हैं। 

Video Link (CLICK HERE)

Share

Comment

Loading comments...

Also Read

देसी ताकत का खजाना: सत्तू
देसी ताकत का खजाना: सत्तू

गर्मी का मौसम हो या सर्दी की सुबह,

01/01/1970

Related Posts

Short Details About