वहीं, उनसे प्रभावित होकर क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक किसानों ने प्राकृतिक खेती की ओर रुख किया है। तमाम किसान उनसे तौर-तरीके भी सीख रहे हैं।

बहराइच के किसान रामप्रवेश ने प्राकृतिक खेती के दम पर अपनी पहचान बनाई है। कुछ साल पहले तक उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पर खेती के दम पर उन्होंने इतनी तरक्की हासिल की है कि राज्यपाल सहित कई बड़े मंचों पर उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।


बीते वर्ष रामप्रवेश ने खरीफ प्याज उत्पादन में जिले में पहला स्थान हासिल किया था। इसके बाद कृषि विभाग व जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने रामप्रवेश को सम्मानित किया था। राज्यपाल ने भी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया था।

रामप्रवेश बताते हैं कि उन्होंने मात्र एक बीघे में खरीफ प्याज की फसल बोई थी जिसमें उन्हें लागत निकालने के बाद 50 हजार का मुनाफा हुआ था। ब्रोकली से भी अच्छा मुनाफा हुआ था। उन्होंने बताया कि इस बार दिल्ली से गोभी की कई नई प्रजातियां मंगवाईं हैं जिनमें लाल व पीले रंग की गोभी भी शामिल है।

रामप्रवेश बताते हैं कि प्राकृतिक खेती से धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। भूमि को नुकसान नहीं होता है। उन्होंने बताया कि उनकी सफलता में पत्नी फूलकुमारी का विशेष योगदान है।

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