केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2017 को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 2 लाख टन अरहर के आयात की सीमा तय की थी, जबकि 21 अगस्त 2017 को उड़द और मूंग के आयात के लिए वित्त वर्ष 2017-18 हेतु 3 लाख टन की सीमा तय की थी। विश्व बाजार में दलहन के भाव नीचे बने हुए हैं, ऐसे में अगर केंद्र सरकार ने इनके आयात पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई तो फिर से आयात सौदे शुरू होने की संभावना है। शाक्म्भरी खाद्य भंडार के प्रबंधक राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि विश्व बाजार अरहर, उड़द और मूंग की कीमतें नीचे बनी हुई है। अगर आयात सौदे होते हुए तो आयातित उड़द मुंबई पहुंच करीब 3,000 से 3,200 रुपये, मूंग 3,500 से 3,700 रुपये और अरहर 3,900 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल होगी।


उत्पादक मंडियों में एमएसपी से नीचे हैं भाव

केंद्र सरकार ने अरहर का एमएसपी खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए 5,450 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग का एमएसपी 5,575 रुपये और उड़द का एमएसपी 5,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है। उत्पादक मंडियों में इनके भाव एमएसपी से 20 से 25 फीसदी नीचे बने हुए हैं।


केंद्रीय पूल में दलहन का बंपर स्टॉक

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केंद्रीय पूल में दलहन का 20.50 लाख टन का स्टॉक था जिसमें से 7 लाख टन दालों की बिक्री ही हो पाई है। चालू रबी में दलहन की खरीद एमएसपी पर विभिन्न राज्यों से सार्वजनिक कपंनियों नेफैड, एफसीआई, एसएफएसी के माध्यम से की जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि रबी सीजन के अंत तक केंद्रीय पूल में दलहन का स्टॉक 22-23 लाख टन से भी ज्यादा होने का अनुमान है।


रिकार्ड पैदावार की संभावना

कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में दलहन की रिकार्ड पैदावार 239.5 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन 2016-17 में दालों का उत्पादन 231.3 लाख टन का हुआ था।