क्या आप जानते है कि आप कद्दू से सब्जी की जगह संगीत के उपकरण भी बना सकते है? जी, आप बिलकुल सही पढ़ रहे है। भारत में हर घर में कद्दू की सब्जी बनती ही है। पर अपने कभी सपने मे भी नही सोचा होगा कि आप इससे संगीत के उपकरण भी प्रस्तुत कर सकते है। सुनने में ये भले भी अजीब और नामुमकिन लगे, परंतु यही सच्चाई है। 

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में रहने वाले एक कलाकार, जिनका नाम है शंभू नाथ मंडल, वो बनाते है इससे संगीत का उपकरण। सितार वादक तो अपने बहुत देखे होंगे, शंभू जी से बर्तालाप करने बाद पता चला कि वो सिर्फ सितार ही नही, उसके साथ तानपुरा, संतूर, हारमोनियम, सरोद सभी तरह की संगीत के उपकरण बनाते है। 



शंभू जी के अनुसार, वो एक पके हुए कद्दू को ऊपर से काट लेते हैं और उसके अंदर का सारा बीज निकाल लेते है चाकू की मदद से। सितार वादक बनाने के लिए पके हुए कद्दू की जरूरत होती है उसके पीले रंग की वजह से। उसके बाद उस खाली कद्दू को २० से २५ दिन तक पानी में डालकर रखना पड़ेगा। २० से २५ दिन बाद उसको पानी से निकाल के सुखाना पड़ेगा। उसके बाद सूखे हुए कद्दू को सितार के अनुसार काटना पड़ेगा। 

फिर इसके बाद, शंभू जी ने एक लकड़ी के टुकड़े को बड़ी सुंदर तरह से सितार के डंडी के आकार में काट लिया और उसको कद्दू के साथ जोड़ दिया। लोगो को पता नहीं है की सितार इससे बनाया जाता है। कद्दू, लकड़ी, और तार से निर्माण किया जाता है सितार का। 



उसके बाद बड़ी बारीकी से सितार के ऊपर नक्शे बनाए जाते है लकड़ी और रंग का उपयोग करके। भले ही आप दुनिया के किसी भी प्रांत में रहिए, अगर आपकी चाह संगीत में है तो आप भी अपने लिए सितार मंगवा सकते है शंभू जी से। शंभू जी से बर्तालाप के बाद पता चला कि वो अमेरिका और यूरोप में भी सितार और दूसरे संगीत के उपकरण वितरण करते है। शंभू जी के अनुसार, एक एक सितार की कीमत 10000 से शुरू होती है।