ट्रैक्टर पर सिर्फ 5% GST: किसानों के लिए बड़ी राहत

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ की लगभग 60% आबादी खेती पर निर्भर है। किसान के लिए खेत में सबसे बड़ी ज़रूरत होती है ट्रैक्टर। यह न केवल खेती को आसान बनाता है बल्कि समय और मेहनत दोनों बचाता है। लेकिन कई बार ट्रैक्टर की कीमत ज़्यादा होने के कारण किसान उसे खरीदने से पीछे हट जाते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा ट्रैक्टर पर सिर्फ 5% जीएसटी (GST) लगाए जाने की घोषणा किसानों के लिए किसी राहत पैकेज से कम नहीं है।

ट्रैक्टर पर 5% GST का क्या मतलब है?
भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद हर सामान पर अलग-अलग टैक्स रेट तय किए गए। कृषि उपकरणों और मशीनरी को हमेशा से कम टैक्स स्लैब में रखा गया ताकि किसानों को आर्थिक मदद मिल सके। ट्रैक्टर पर केवल 5% GST लगना यह दर्शाता है कि किसान को अब ट्रैक्टर खरीदते समय बहुत कम टैक्स देना होगा, जिससे कुल कीमत पहले से कम हो जाएगी।
उदाहरण के लिए: यदि किसी ट्रैक्टर की कीमत 6 लाख रुपये है तो 5% GST जोड़ने पर कुल कीमत होगी – 6,30,000 रुपये। पहले यदि टैक्स रेट अधिक होता (जैसे 12% या उससे ऊपर), तो कीमत आसानी से 6,70,000 रुपये से ऊपर चली जाती। यानी, सीधा फायदा किसानों की जेब पर पड़ेगा।
किसानों के लिए सीधा फायदा
1. सस्ती कीमत पर ट्रैक्टर उपलब्ध – कम टैक्स का सीधा असर ट्रैक्टर की कीमत पर पड़ेगा। किसान आसानी से नया ट्रैक्टर खरीद पाएंगे।
2. नए और आधुनिक मॉडल्स तक पहुंच – पहले किसान पुराने या सेकंड हैंड ट्रैक्टर पर ज्यादा निर्भर रहते थे, अब कम टैक्स दर से वे नए और तकनीकी रूप से उन्नत ट्रैक्टर खरीद पाएंगे।
3. किस्तों में खरीद आसान होगी – EMI पर ट्रैक्टर खरीदने वाले किसानों के लिए भी फायदा होगा क्योंकि कम टैक्स के कारण कुल लोन राशि घटेगी।
4. कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी – जब किसानों के पास बेहतर मशीनें होंगी तो समय पर खेती करना आसान होगा और पैदावार भी बढ़ेगी।
5. छोटे किसानों को प्रोत्साहन – छोटे और मझोले किसान जो अक्सर लागत को देखकर ट्रैक्टर खरीदने से बचते थे, अब उन्हें भी ट्रैक्टर लेना आसान हो जाएगा।
भारतीय कृषि क्षेत्र में बदलाव
ट्रैक्टर सिर्फ एक वाहन नहीं है, यह किसानों के लिए खेती का आधार है। कम GST दर से कृषि क्षेत्र पर कई तरह का सकारात्मक असर पड़ेगा।
मैकेनाइजेशन (यांत्रिकरण) को बढ़ावा – आज भी भारत में बहुत सारे किसान बैल या पुराने साधनों से खेती करते हैं। अब कम दाम में ट्रैक्टर उपलब्ध होने से खेती आधुनिक होगी।
उत्पादन लागत में कमी – ट्रैक्टर की मदद से खेत की जुताई, बुआई, सिंचाई और फसल की कटाई सस्ती और तेज़ हो जाएगी।
गाँवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी – ट्रैक्टर खरीदने वाले किसान दूसरों को भी किराए पर ट्रैक्टर उपलब्ध करवा सकते हैं, जिससे उनकी अतिरिक्त आय होगी।
युवाओं की रुचि खेती में बढ़ेगी – जब खेती आसान और लाभकारी बनेगी तो युवा किसान भी आधुनिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

सरकार का नजरिया
सरकार हमेशा से किसानों को राहत देने के लिए कृषि उपकरणों पर टैक्स कम रखती आई है। ट्रैक्टर पर सिर्फ 5% GST लगाना इसी सोच का हिस्सा है। इसका मकसद किसानों की आय बढ़ाना और खेती को सस्टेनेबल (टिकाऊ) बनाना है। इसके साथ ही सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत ट्रैक्टर खरीदने पर सब्सिडी भी देती है। यानी किसान को एक ही समय पर दोहरा फायदा मिलता है –
1. सब्सिडी से कीमत घटती है। 2. कम GST से कुल टैक्स भार कम होता है।
ट्रैक्टर उद्योग पर असर
कम GST दर न केवल किसानों बल्कि ट्रैक्टर निर्माताओं (Manufacturers) और डीलरों के लिए भी फायदेमंद होगी।
ज्यादा किसान ट्रैक्टर खरीदेंगे तो बिक्री बढ़ेगी।
कंपनियाँ नए और एडवांस फीचर्स वाले ट्रैक्टर लॉन्च करने के लिए प्रोत्साहित होंगी।
ग्रामीण बाज़ार में ट्रैक्टर की मांग लगातार बढ़ेगी।
चुनौतियाँ भी मौजूद
हालांकि 5% GST से राहत जरूर मिलेगी लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं – ट्रैक्टर की बेस प्राइस (मूल कीमत) लगातार बढ़ रही है। डीजल की महंगाई खेती की लागत बढ़ा रही है। छोटे किसानों के लिए लोन चुकाना अभी भी एक बड़ी दिक्कत है। इसलिए, सरकार को चाहिए कि टैक्स कम करने के साथ-साथ सस्ती ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराए और डीजल पर भी किसानों को राहत दे।
निष्कर्ष
ट्रैक्टर पर केवल 5% GST लगाना किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है। इससे न केवल खेती आसान होगी बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी। आधुनिक ट्रैक्टरों तक किसानों की पहुंच बढ़ेगी, खेती की लागत घटेगी और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
भारत के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाने में यह कदम बेहद कारगर साबित होगा। आने वाले समय में यदि सरकार लोन और डीजल पर भी राहत दे दे तो खेती सचमुच लाभ का सौदा बन सकती है।ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।। जय हिन्द जय भारत।।
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