उस्मानाबाद जिले के किसान कांदिवली के ठाकुर कॉम्प्लेक्स में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में अपने खेतों में उगाई साग-सब्जी बेचने आते हैं, लेकिन वहां उन्हें बीएमसी के कर्मचारी और स्थानीय पुलिस बहुत परेशान करती है। किसानों का कहना है कि दूसरे राज्यों के किसान यहां अपने उत्पाद बेचते हैं लेकिन हमें महाराष्ट्र से होने के बाद भी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। जब हम विरोध करते हैं तो अधिकारी जेल में डालने की धमकी देते हैं।


किसानों ने सचिवालय के गेट पर टेंपों खड़ा किया और उसमें रखी प्याज, बैगन, आलू, मिर्ची और नींबू को गेट पर फेंक दिया। किसानों के अचानक किए आंदोलन से वहां तैनात पुलिस सुरक्षा कर्मी भी हतप्रभ रह गए।


इसी तरह का आंदोलन पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के किसानों ने किया था । वहां के आलू उत्पादक किसानों ने उचित मूल्य नहीं मिलने पर यूपी विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास के बाहर आलू फेंककर अपना विरोध जताया था।


महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए 'साप्ताहिक बाजार' शुरू कराए थे। विधान भवन के बाहर बड़े ही तामझाम से इसकी शुरुआत की गई थी, लेकिन सरकार की इस सार्थक पहल को भ्रष्ट बीएमसी और पुलिस कर्मचारियों ने रिश्वतखोरी का जरिया बना लिया है।