आखिर यह फौजी कैसे बन गये Hi-Tech किसान (Army Man doing Farming)

03 Jan 2021 | NA
आखिर यह फौजी कैसे बन गये Hi-Tech किसान (Army Man doing Farming)

कैसे बना जवान,एक किसान:-

सुनील किमार जी हमे बताते है 'जनवरी 2018 को जब वो सेना से सेवनिवर्त  होकर वो अपने गांव आये तो उन्होंने देखा की यहां पर लोग  अधिक बीमार हो रहे हैं, गांव का वातावरण पहले जैसा नहीं रहा और इन सब चीजों की प्रमुख वजह जो सुनील कुमार जी को लगी वो थी लोगो का खान पिन। और इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आर्गेनिक खेती करने का मन बनाया और आज उनके पैतृक गांव भमोरी जिला मेरठ में अग्निहोत्र जैविक कृषि फार्म चला रहे है जिसमे किसी भी प्रकार का रासायनिक खाद वो प्रयोग नहीं करते हैं।

एक साथ कई फसलों का करते है उत्पादन:-

अग्निहोत्र जैविक कृषि फार्म पर जब आप जायेंगे तो उसमे देखेंगे की मुख्य फसल सुनील कुमार जी गन्ने की उगाते है और उसके साथ साथ लगभग 20 तरह की फसलों को वो उगाते है जिससे काफी मुनाफा भी होता है। गन्ने की खेती से वो कमसे कम 7-8 तरह का प्रोडक्ट बनाते है जैसे की खांड, शक्कर, गुड़ ,। गुड़ में कई प्रकार की वैराइटी होती है इन के पास जिसमे कई प्रकार के तत्व पाए जाते है।  

किन किन फसलों को साथ में कर सकते है:-

सुनील कुमार जी आगे बात चित में बताते है की वो गन्ने के साथ साथ लगभग 20 तरह की फसलों को उगाते हैं, जिसमे मूली,गाजर,चना,धनिया,सरसो,आदि मुख्य हैं। जिनसे आप अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।

प्रतिदिन करते है यज्ञ :-

एक अच्छा जीवन जीने के लिए हमे शुद्ध वातावरण की आव्य्सक्ता होती है, और एक शुद्ध वातावरण बनाने के लिए सबसे जरुरी होता है यज्ञ या हवन।  जी हाँ, सुनील कुमार जी अपने फार्म प्रतिदिन पहले यज्ञ करते है जिससे वातावरण शुद्ध होता है और साथ साथ यज्ञ या हवन में से निकलने वाला धुँए से उसके आसपास जो फसल होती हिअ उसको भी कई प्रकार के जरुरी तत्व मिलते है जो की हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक साबित होते है जब हम उन खेतो में होने वालइ फल या सब्जियों का सेवन करते हैं। यज्ञ समाप्त होने पर उसमे से जो राख निकलती है उसे बादमे अपने खेतो में डाल लेते है, जो मुख्य खाद का भी काम करती है।  

पर्यावरण की दृष्टि से जैविक खेती के फायदे:-

  • भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती है।
  • मिट्टी, खाद्य पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण में कमी आती है।
  • कचरे का उपयोग, खाद बनाने में, होने से बीमारियों में कमी आती है।
  • फसल उत्पादन की लागत में कमी एवं आय में वृद्धि


निष्कर्ष :-  संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है, बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग पारिस्थितिकी तंत्र (Ecology System -प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान के चक्र) प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। प्राचीन काल में मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र (पारिस्थितिकी तंत्र) निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। इन्ही सब बातो को ध्यान में रखते हुए एक जवान बना किसान और किस प्रकार उन्होंने इससे मुनाफा भी कमाया, अधिक जानकारी के लिए निचे दी गयी वीडियो पर क्लिक करके जरूर देखें।  



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