एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं


भारत सिर्फ़ अपने विशाल कृषि उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े एग्रीकल्चर एक्सपोर्टर देशों में गिना जाता है। हमारे खेतों से निकली अनाज, मसाले, फल, चाय, कॉफी और कई तरह की विशेष फसलें न केवल देश की ज़रूरत पूरी करती हैं बल्कि विदेशी बाज़ार में भी खूब बिकती हैं। यही वजह है कि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि निर्यात (Agricultural Export) की भूमिका लगातार बढ़ रही है।
आज के समय में किसान भाई अगर अपनी खेती को थोड़ा मार्केट-ओरिएंटेड बनाएं और जानें कि कौन सी फसलें विदेशों में ज्यादा मांग में हैं, तो वे अच्छी कमाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि भारत से कौन-कौन सी प्रमुख फसलें और उत्पाद सबसे ज्यादा निर्यात किए जाते हैं।

1. बासमती चावल – भारत की पहचान
चावल भारत की सबसे बड़ी निर्यात फसल है और इसमें भी बासमती चावल का विदेशी बाजार में बहुत नाम है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा बासमती चावल निर्यातक है। यह खासतौर पर मध्य पूर्व, यूरोप और अमेरिका में खूब बिकता है। इसकी सुगंध, लंबाई और स्वाद के कारण विदेशी लोग इसे पसंद करते हैं। किसान भाई अगर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार खेती करें तो बासमती चावल से लाखों की कमाई कर सकते हैं।
2. मसाले – भारत का असली स्वाद
भारत को दुनिया भर में "स्पाइस बॉक्स ऑफ द वर्ल्ड" कहा जाता है। हल्दी, इलायची, काली मिर्च, जीरा, धनिया, लाल मिर्च और अदरक जैसी मसालों की विदेशी बाजार में हमेशा मांग रहती है। अमेरिका, वियतनाम, सऊदी अरब, मलेशिया और यूरोपीय देशों में भारतीय मसाले बड़े पैमाने पर खरीदे जाते हैं। खासकर ऑर्गेनिक हल्दी और लाल मिर्च की मांग तेजी से बढ़ रही है।
3. चाय और कॉफी – पेय पदार्थों का सम्राट
भारत की दार्जिलिंग चाय, असम चाय और नीलगिरी चाय की दुनिया भर में जबरदस्त मांग है। दार्जिलिंग चाय तो "क्वीन ऑफ टी" के नाम से मशहूर है। कॉफी में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु की कॉफी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय है। विदेशों में भारतीय चाय और कॉफी ब्रांड अपनी अलग पहचान बना चुके हैं।
4. फल – आम और अनार सबसे आगे
भारत से सबसे ज्यादा निर्यात होने वाले फलों में आम, अनार, अंगूर और केला शामिल हैं। आम को "किंग ऑफ फ्रूट्स" कहा जाता है और खासकर अल्फांसो आम की दुबई, अमेरिका और यूरोप में भारी मांग रहती है। अनार और अंगूर भी विदेशी बाजार में खूब बिकते हैं। ऑर्गेनिक फल आजकल और ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं।
5. दालें और अनाज
चावल के अलावा भारत से गेहूं, मक्का और दालें भी निर्यात होती हैं। खासकर चना और मूंग दाल की विदेशी देशों में ज्यादा खपत होती है। कई देश भारत से दाल आयात करके अपने घरेलू बाजार की जरूरत पूरी करते हैं।
6. कपास और गन्ना उत्पाद
भारत कपास उत्पादन में दुनिया में सबसे ऊपर है। कपास से बने कच्चे धागे और टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स विदेशों में भारी मात्रा में जाते हैं। गन्ने से बनने वाला जैगरी (गुड़), शक्कर और इथेनॉल भी एक्सपोर्ट होता है।
7. हर्बल और औषधीय पौधे
आजकल विदेशों में आयुर्वेदिक दवाइयों और हर्बल प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ी है। अश्वगंधा, तुलसी, नीम, एलोवेरा, इसबगोल, त्रिफला जैसी जड़ी-बूटियां विदेशों में खूब बिकती हैं। ऑर्गेनिक खेती करके किसान इस क्षेत्र से अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

8. फूल और सजावटी पौधे
विदेशों में भारतीय गेंदा, गुलाब और ऑर्किड फूल की अच्छी मांग रहती है। खासकर कट फ्लावर इंडस्ट्री में इनकी खपत ज्यादा है।इसके अलावा सजावटी पौधों का निर्यात भी भारत से लगातार बढ़ रहा है।
9. समुद्री उत्पाद
भारत सिर्फ़ खेतों से नहीं, बल्कि समुद्री उत्पादों के निर्यात में भी आगे है। झींगे (Shrimp), मछलियां और झींगा-झिंगे जैसे उत्पाद अमेरिका, चीन, जापान और यूरोप को बड़े पैमाने पर भेजे जाते हैं। यह क्षेत्र भारत के एग्री-एक्सपोर्ट का बड़ा हिस्सा है।
किसानों के लिए क्या सीख?
अगर किसान भाई अपनी खेती को ग्लोबल मार्केट की जरूरतों के हिसाब से प्लान करें तो वे ज्यादा कमाई कर सकते हैं।
ऑर्गेनिक खेती पर ध्यान दें: सरकार द्वारा दिए जाने वाले APEDA (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) के गाइडलाइन को फॉलो करें। फसल की क्वालिटी और पैकेजिंग पर खास ध्यान दें। निर्यात कंपनियों और मंडियों से जुड़कर किसान सीधे अपनी उपज बेच सकते हैं।
निष्कर्ष
भारत की मिट्टी इतनी उपजाऊ है कि यहां से निकली फसलें पूरे विश्व में पसंद की जाती हैं। चावल, मसाले, चाय, कॉफी, फल, दालें, औषधीय पौधे और समुद्री उत्पाद ये सभी मिलकर भारत को कृषि निर्यात में एक मजबूत पहचान देते हैं। आने वाले समय में अगर किसान भाई आधुनिक खेती तकनीक और निर्यात मानकों के हिसाब से खेती करेंगे तो वे भी विदेशों में अपनी उपज बेचकर लाखों-करोड़ों की कमाई कर सकते हैं। ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।।जय हिन्द जय भारत ।।
Comment
Also Read

पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा
खेती किसानी में अक्सर किसान भाई यह

बकरी के दूध से बने प्रोडक्ट्स – पनीर, साबुन और पाउडर
भारत में बकरी पालन (Goat Farming)

एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ
आज के समय में खेती सिर्फ परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं रही है। बदलत

Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन
खेती सिर्फ हल चलाने का काम नहीं, ये एक कला है और इस कला में विज्ञा

भारत की खेती अगले 10 साल बाद
भारत में खेती सिर्फ़ अनाज पैदा करने का साधन नहीं है, बल्कि यह हमार
Related Posts
Short Details About