आखिर Forest Officer ने नौकरी के बाद Goat Farm ही क्यो शुरू किया ||Oldest man Farming ||

07 Jun 2021 | NA
आखिर Forest Officer ने नौकरी के बाद Goat Farm ही क्यो शुरू किया ||Oldest man Farming ||

कैसे हुई बकरी पालन की शुरुआत:-

अजित सिंह जी से हुई बात चित में वो हमे बताते है की वो एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर (plant protection officer ) के पद से रिटायर हैं। रिटायर होने के बाद इंसान सोचता है कि वो अपनी बाकी बची ज़िन्दगी को आराम करके बिताना चाहयेगा।परन्तु अजित सिंह जी की सोच बिलकुल अलग थी और उन्होंने अपना उन्होंने सन 2012 में अपना एक बकरी पालन फार्म की शुरुआत की और आज 91 वर्ष की उम्र में भी वो एक सफल कार्य को अंजाम दे रहें हैं।


युवाओ के लिए प्रेरणा हैं अजित सिंह जी:-

91 वर्ष की उम्र में अजित सिंह जी इतनी लगन और मेहनत के साथ कार्य करते है की युवाओ के लिए एक प्रेरणा बने हुए हैं। उनके फार्म पर 250 से 300 बकरी और बकरे हैं,जिनकी वो बखूबी देखभाल करते है।उनका कहना है की यदि इंसान काम ही नहीं करेगा तो उस इंसान के जीवन का कोई फायदा नहीं है, यदि आपने एक इंसान के रूप में जन्म लिया है तो  धर्म है,आपको अपने समाज के लिए अपने परिवार के लिए देश के लिए निरंतर कार्य करते रहना चाहिये। आगे बात चित में वो हमे बताते हैं की जब तक इंसान अपने पैरो पर चल सकता है उठ सकता है,तब तक इंसान को काम करता रहना चाहिए।  


कैसे कर सकते है बकरी पालन की शुरुआत:-

अजित सिंह जी के अनुसार वो हमे बताते हैं यदि कोई नया किसान इसकी शुरुआत करना चाहता है तो वो कमसे कम बकरियों से शुरुआत करे। यदि आपके पास पैसे कम है तो उसके लिए बहुत अच्छा तरीका है की आप 8 से 10 बकरियों से शुरुआत कर सकते हैं।और शुरुआत में आप ज्यादा से ज्यादा 2 प्रजातियो की बकरियों के साथ शुरुआत कर सकते हैं।


 कोनसी प्रजातियो का करते हैं पालन:-

सरदार फार्म पर ज्यादा 2 प्रजातियो की बकरियों का ही पालन  होता है। एक तो सोजत और दूसरी सिरोही। 


 सिरोही:-

सिरोही नस्ल की बकरी मुख्यतः मध्यम एवं बड़े आकार के साथ-साथ बेलनाकार से शंकुनुमा आकार का होता है और यह माना जाता है कि जो 

 जानवर शंकुनुमा आकार के होते हैं वह बेहतर मांस उत्पादन के लिए माने जाते हैं। सिरोही नस्ल की बकरी एवं बकरे परिपक्व होने पर इनके गर्दन में घूमओ 

 एवं पीठ में हल्का दबाव आ जाता है।

 सुजात:-

यह विभिन्न तरह के रंगों में पायी जाती है, लेकिन मुख्यत: सफेद रंग की और शरीर पर काले रंग के धब्बों वाली नसल पायी जाती है। इसके बहुत लंबे 

 कान होते हैं, छोटी और पतली पूंछ होती है और शंकु आकार के निपल होते हैं। प्रौढ़ नर बकरी का भार 50-60 किलो और प्रौढ़ मादा बकरी का भार 40-50 

 किलो होता है। नर बकरी की लंबाई लगभग 80 सैं.मी. और मादा बकरी की लंबाई 78 सैं.मी. होती है। इस नसल की प्रतिदिन दूध की औसतन उपज 1.0-1.5 

 किलो और प्रति ब्यांत में दूध की उपज 175 किलो होती है।


निष्कर्ष:-

आज के समय में हमारे देश में बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है, पढ़े लिखे लोगो को भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में हर कोई अपना काम शुरू करना चाहता है, और जो लोग पशुओ को पसंद करते है  बढ़िया बिसनेस है बकरी पालन जीससे आप  लाखो की कमाई कर सकते है। बकरी पालन के विषय में और अधिक जानकारी लेने के लिए और किस प्रकार 91 वर्ष के बुजुर्ग ने बकरी पालन शुरू किया  300 बकरियों का सफल पालन कर रहें हैं,निचे दी गयी वीडियो के लिंक पर क्लिक करके जरूर देखें। 


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