गन्ने की पौध की बुवाई


किसान जो रोपाई विधि से रोपण कर रहे हैं, उनमें वे पांच समस्याओं का सामना करते हैं।
*पहला ज्यादा मजदूर की जरूरत होती है।
*दूसरा अप्रशिक्षित मजदूर मिलते है। अगर मजदूर मिल जाएँ तो उन्हें सब कुछ बताना और सीखाना बहुत सर दर्द का काम होता है।
*तीसरी लागत बहुत लगती है।
*चौथा सफसल यानी सरसों और गेहूँ की फसल के लिए देरी होना।
*गन्ने की फसल के लिए देरी होना, क्योंकि मिट्टी मे नमी नही होती है।
इसलिए हम वृक्षारोपण के इस आसान तरीके से इन सभी परेशानी को मिटा सकते हैं। पौध लगाने की विधि इस प्रकार है। पहले खेत तैयार करें।
खेत को इस तरह से तैयार करें कि हल-रेखा की दूरी 2 फीट फिर 4 फीट और फिर 2 फीट फिर 4 फीट हो। 4 फीट के गैप में हम फसल लगाएंगे। आपको 2 फीट का गैप लेना है ताकि आपको गन्ने के बड़े होने पर कोई समस्या न हो।अब नर्सरी से खेत तक गन्ने की रोपाई लेंआए । अब आपको खेत में पानी देना हैं, लेकिन याद रखें कि पानी देने के दौरान, पानी 4 फीट के गैप में नहीं जाना चाहिए, जो कि गन्ने की रोपाई के लिए है।
खेत को पानी देने से आपको 4 फीट के अंतर में उपयुक्त नमी की जरूरत पुरी होगी। आपको इससे नमी मिलेगी। अब आपको गन्ने की रोपाई करनी होगी, इससे आपको मजदूर की जरूरत बहुत कम हो जाएगी। यह काम कम समय में किया जाएगा। आपको अपने मजदूरों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता नहीं है। और किसानों को भी कुछ नया सीखने की आवश्यकता नहीं है। यह सरल है जैसे पूरे भारत में धान रोपण आम है। आपको इस तरह से पौधे लगाने होंगे।
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