गमलो के लिए ‘संतुलित मिट्टी’ का मिश्रण कैसे तैयार करे


उस मिश्रण को तैयार करने के लिए चाहिए बालू रेत। यह मिट्टी ज्यादातर नदी के किनारे मिलती है या फिर आप इसको बाजार से भी खरिद सकते हैं। यह रेत का हमें सिर्फ पुरे मिश्रण का 15 प्रतिशत भाग लेना है।
दुसरा हमें चाहिए पत्थर, इसका भी सिर्फ 15 प्रतिशत भाग चाहिए। अब हमें जरूरत है खाद की क्योंकि यह मिश्रण का सबसे अहम भाग है। यह भी 15 प्रतिशत ही चाहिए। मिट्टी के बने हुए बर्तन के छोटे छोटे टुकड़े , इनको भी 15 प्रतिशत के भाग में ही लेना है। सबसे आखिर में चाहिए मिट्टी, जो 40 प्रतिशत के भाग में होनी चाहिए।
अब एक एक करके जान लेते हैं कि इन सबके क्या फायदे हैं और इनकी जरूरत किस लिए होती है।
• बालू रेत का यह फायदा है कि जब बारिश से गमले में पानी भर जाता है तो यह उसको सोख लेता है और पौधे को मुरझाने से बचाता है।
• पत्थर कि जरूरत हमें इसिलए होती है क्योंकि इसकी वजह से पौधे की जड़े अच्छे से फेलती है और यह पानी सोख कर रखता है। गर्मी में जब पौधे को ज्यादा पानी कि जरूरत होती है तो ये पौधे को पानी प्रदान करता है।
• खाद से पौधे को जरूरी घटक मिलते है। जो मिट्टी पौधे को प्रदान नहीं कर पाती है।
• पौधे को थामना के लिए मिट्टी के बने बर्तन के छोटे छोटे टुकड़े की जरूरत होती है। इसमें आवश्यक पोषक तत्व होते है।
अब सबका मिश्रण बना के तैयार कर लेंगे। इस मिश्रण को गमले में डाल कर उसमें पौधा लगा दें रोज सुबह- शाम पौधे में पानी देते रहे।
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