गोबर की शक्तिशाली खाद कैसे बनाए

16 Jan 2021 | NA
गोबर की शक्तिशाली खाद कैसे बनाए

वर्मी कंपोस्त एक जैव उर्वरक है, जो जैविक अपशिष्ट पदार्थो को केंचुआ के द्वारा विघटित कर के बनाई जाती है। वर्मी कंपोस्त बिना गंध, स्वच्छ व कार्बनिक पदार्थ है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन, पोटाश और पोटाशियम और पौधों के विकास के लिए कई आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल है।  वर्मी कंपोस्त जैविक खेती के लिए सबसे पसंदीदा पोषक स्रोत है। यह फसल और पर्यावरण के लिए अनुकूल है, और यह एक पुनर्नवीनिकरण जैविक उत्पाद है।

वर्मी कंपोस्त बनाने की विधि- 

वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए आपको गोबर की जरूरत होती है। 

गोबर 30% से 0% तक आप इस में इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसमें 15 से 20 दिन पुराना गोबर इस्तेमाल कर सकते हैं। 

इसके लिए आपको गोबर की ढेरी बनानी होती है, आपको गोबर की ढेरी इस तरह बनानी होती है कि इसकी बीच से हाइट 1.5  फिट होनी चाहिए और इसकी लंबाई 20 फीट बाई  5 फीट होती है। 

बेड के ऊपर आपको केंचुआ छोड़ना होता है। केंचुआ गोबर को खाकर जो मल निकालता है उसे वर्मी कंपोस्ट बोलते हैं। केंचुआएं की मात्रा जितनी अच्छी होगी उतना ही अच्छा वर्मी कंपोस्ट तैयार हो जाता है।

वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए जो केंचूआ होता है वह नॉर्मल खेत में नहीं  मिलता है। यह एक इंपोर्टेड केंचुआ होता है जिसका इस्तेमाल वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए किया जाता है 

वर्मी कंपोस्ट जब भी गोबर ऊपर से खा लेता है वह गोबर के नीचे की तरफ चला जाता है। ऊपर से वर्मी कंपोस्ट तैयार हो जाता है। उसके बाद वर्मी कंपोस्ट  तैयार हो जाता  है उससे आपको इकट्ठा करना पड़ता है। इकट्ठा करने के बाद आपको एक जगह रखना होता है। 

जब भी वर्मी कंपोस्ट बेड पर से पूरा इकट्ठा हो जाता है उसके बाद पुलाव यानी धान का पुलाव से वर्मी कंपोस्ट का बेड ढक देना होता। 

अगर आप बेड नहीं ढकते हैं तो केंचूऐ मर जाते हैं और बेड के अंदर जो नम्मी होती है वह कम हो जाती है। नम्मी बनाने के लिए आपको बेड के ऊपर पानी का छिड़काव भी करना होता है। ऐसा आपको 2 से 3 दिन में करना होता है और जून में आपको हर दिन करना पड़ सकता है।

जो इकट्ठा वर्मी कंपोस्ट है उसमें थोड़ा कूड़ा करकट भी मिला हुआ रहता है इसलिए हमको इसकी छनाई करनी पड़ती है। छनाई करने की मशीन से यह कर सकते है। कभी-कभी ऐसा होता है कि गोबर पूरा साफ नहीं हो पाता उसमें छोटा कंकड़ या कुछ प्लास्टिक अभी भी रह जाती है। इसलिए आप मशीन से वर्मी कंपोस्त की छनाई कर सकते हैं। इसकी छनाई के बाद सारा कुड़ा निकल जाता है और साफ वर्मी कंपोस्त तैयार हो जाता है।


Share

Comment

Loading comments...

Also Read

पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा
पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा

खेती किसानी में अक्सर किसान भाई यह

01/01/1970
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं

भारत सिर्फ़ अपने विशाल कृषि उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया क

01/01/1970
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ

आज के समय में खेती सिर्फ परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं रही है। बदलत

01/01/1970
Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन
Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन

खेती सिर्फ हल चलाने का काम नहीं, ये एक कला है और इस कला में विज्ञा

01/01/1970

Related Posts

Short Details About