तालाब में मछली पालन से भी है लाखो की कमाई (Open Pond Fish Farming )


देश में मछली पालन किसानों के लिए आर्थिक लाभ का सबब साबित हो रहा है। नतीजा यह है कि मछली पालन के प्रति किसानों का मोह भी तेजी से बढ़ा है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि वर्ष में दो बार एक तालाब से मछलियां बिक्री के लिए प्राप्त की जा सकती हैं। ग्रामीणों की बढ़ती रुचि इसलिए भी है, क्योंकि जहां एक हेक्टेयर खेत में गन्ना, धान व गेहूं की फसल से किसानों को अधिकतम सवा लाख रुपये तक का लाभ मिलता है, वहीं इतनी ही भूमि में मछली पालन करने से लगभग ढाई लाख रुपये की आय की जा सकती है।
ऐसे करें मछली पालन, होगा ज़्यादा मुनाफा
नामदेव पाटिल जी बताते है "किसान भाइयों को देशी मछलिया रोहू, कतला, मृगल प्रजाति को पालना चाहिए जो महज तीन से चार सौ रुपये किलो के हिसाब से बीज मिलता है। ये प्रजाति की मछलियां बहुत तेजी से बढ़ती है। इनका भोजन कोई विशेष नहीं होता है, बहुत आसानी से पाली जा सकती। मछली पालन का फायदा उठाने के लिए सबसे जरुरी है अच्छा और साफ़ मछलियों का बीज, उसके बाद सही समय पर खाना और पानी का बदलाव यदि आप ऐसा करते है तो मछली पालन से ज्यादा मुनाफ़ा या फायदा उठा सकते है।
छोटे तालाब में मछली पालन कैसे करें
वैसे तो हर मछली की प्रजाति का पालन करने का तरीका अलग है लेकिन कुछ लोगो के पास जगह कि कमी होने के कारण हर एक मछली की परजाती के लिए अलग अलग पोंड या तालाब तैयार नहीं कर सकते ,ऐसे में आप एक ही तालाब में कई प्रकार की मछली की प्रजाति डाल सकते है, लेकिन एक साथ एक समय पर आप सभी मछलियों का बीज नहीं डाल सकते।यदि आप जीताडा मछली का पालन करना चाहते है, और उसके साथ साथ दूसरी मछलियों का भी पालन करना चाहते है जैसे "तिलापिया" तो उसके लिए पहले आपको 1 एकड़ तालाब में 1 महीने पहले तिलापिया मछली डालनी होंगी एक महीने के बाद आप उसी तालाब में जिताडा मछली डाल सकते है, क्योंकि जीताडा मछली को खाने क लिए मछली चाहिये होती है इसलिए पिछले एक महीने में जो तिलापिया मछली के छोटे बच्चे होते है उनको जिताडा मछली खा जाती है,और बाकि बचे बड़े बच्चे रह जाते है जिससे आप दो दो प्रकार की मछली पालन एक ही तालाब में कर सकते है। इसी प्रकार बाकि कई प्रकार की मछलीयों का पालन आप एक ही तालाब में कर सकते हैं।
मछली पालन के फायदे
मछली पालन का फायदा उठाने के लिए सबसे जरुरी है अच्छा और साफ़ मछलियों का बीज, उसके बाद सही समय पर खाना और पानी का बदलाव यदि आप ऐसा करते है तो मछली पालन से ज्यादा मुनाफ़ा या फायदा उठा सकते है। मछलियों में लगभग 70 से 80 प्रतिशत पानी, 13 से 22 प्रतिशत प्रोटीन, 1 से 3.5 प्रतिशत खनिज पदार्थ एवं 0.5 से 20 प्रतिशत चर्बी पायी जाती है। कैल्शियम, पोटैशियम, फास्फोरस, लोहा, सल्फर, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता, आयोडीन आदि खनिज पदार्थ मछलियों में उपलब्ध होते हैं जिनके फलस्वरूप मछली का आहार काफी पौष्टिक माना गया है।
एक एकड़ तालाब में कितना कमा सकते है
मछली पालन से यदि हम फायदे की बात करें तो इसमें लगभग दुगुनी कमाई होती है, यदि आप एक रुपये की मछली डालते है तो उससे दो रुपये की बेच सकते है। यदि आप तिलापिया और जीताडा दोनों मछलियों का पालन का एक साथ करते हैं, तो लगभग एक हजार जीताडा और चार हजार तिलापिया मछलियों का प्रोडक्शन कर सकते है जिसकी कीमत औसतन मार्किट के हिसाब से 3 से 3.5 लाख रुपये होगी।
निष्कर्ष :- मछली जलीय पर्यावरण पर आश्रित जलचर जीव है तथा जलीय पर्यावरण को संतुलित रखने में इसकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज के समय में जलीय पर्यावरण और कमाई के स्रोत को ध्यान में रखते हुए मछली पालन बहुत ही अच्छा विकल्प है। मछली पालन के बारे में और अधिक जानकारी लेने के लिए निचे दी गयी वीडियो के लिंक पर क्लिक करके जरूर देखें।
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