दुनिया की सबसे महंगी मछली || 2 लाख की एक मछली || World Costliest Fish ||SAMS DISCUS ||

04 Jan 2021 | NA
दुनिया की सबसे महंगी मछली || 2 लाख की एक मछली || World Costliest Fish ||SAMS DISCUS ||

शोक को बदला बिनेस में:-

संजय जी हमे बताते है की सन 2000 में उन्हें मछली पालने का शोक लगा था।और धीरे धीरे उनका ये शोक बिसनेस में बदल गया, जिससे वो लाखो रुपये कमा रहें है। सन 2009 में संजय जी ने एक अलग जगह लेके अपना फार्म बनाया, जहां पर वो डिस्कस मछली का उत्पादन करते है और करोडो की कमाई करते हैं।

प्राचीन काल से रखते है लोग सजावटी मछली:-

सजावटी मछली रखना एक व्यावहारिक मनोरंजन के रूप में सेवा कर रहा है, विशेष रूप से पुराने समय से शौकिन लोगो के लिए। प्राचीन रोमन पहले सजावटी मछलियों को घरों में पालतू जानवरों के रूप में रखते थे। 18 वीं शताब्दी में भी इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में सजावटी मछली का रखरखाव लोकप्रिय हो गया था।

रंग, डिजाइन और आकार के हिसाब से खूबसूरत मछलियों को पालने की कला पूरी दुनिया में तेजी से फैली।

चमकीले रंग के जीवों की काल्पनिक किस्मों पर बढ़ती रुचि के साथ, सजावटी मछली संस्कृति एक जबरदस्त व्यवसाय के रूप में विकसित हुई।

सजावटी मछली व्यापार एक विदेशी मुद्रा अर्जक है, इसके अलावा यह रोजगार का एक स्रोत है। विकसित और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।


दुनिया की सबसे महंगी मछली || 2 लाख की एक मछली || World Costliest Fish ||SAMS DISCUS ||_7518


व्यापार का मुख्य स्रोत:-

व्यापार की द्रष्टि से देखें तो सजावटी मछलीयों के प्रति का लोगो के बढ़ते रुझान को देखते हुए एक मुख्य व्यवसाय है  जिससे लोग काफी मुनाफा भी कमा रहें हैं। सजावटी मछलियां दुनिया की सबसे लोकप्रिय पालतू जानवर में से एक हैं और मछली पालन केवल फोटोग्राफी के लिए एक लोकप्रिय शौक है। शानदार आकृति और सजावटी मछलियों के शानदार रंगों ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया; इसलिए, उन्हें "लिविंग ज्वेल्स" के रूप में कहा जा सकता है। सजावटी मछली व्यापार में शामिल 120 से अधिक देशों के साथ और सजावटी मछली की लगभग 1,800 प्रजातियां हैं, जिनमें से 1000 किस्मों में मीठे पानी की उत्पत्ति होती है, 90 प्रतिशत ताजे पानी की मछलियों की खेती की जाती है, जबकि 10 प्रतिशत का संग्रह किया जाता है। 

पिता से प्रभावित होकर बेटे ने खोली खुद की कंपनी:-

SAMS DISCUS जो पहले से ही खुद एक अपनी पहचान बना चूका है, SAMS DISCUS के ऑनर संजय जी हमे बताते है की उनके यहां ज्यादातर उच्च स्तरिय मछलीयो का उत्पादन है। परन्तु सभी लोग उन मछलियों को नहीं खरीद सकते है,तो इसी समस्या देखते हुए उनके बेटे तनेय खण्डाकले जी ने अपनी खुद की फैक्ट्री खोली जिसमे वो कम दामों वाली मछलियों का भी उत्पादन करते हैं।

शौक के रूप में रखने वाली सजावटी मछली के फायदे:-

  • सजावटी मछली शौक युवा और बूढ़े लोगों को खुशी देता है।
  • मन को विश्राम देता है।
  • रक्तचाप को सामान्य स्तर पर रखें और इसलिए दिल से संबंधित बीमारियों को रोका जा सकता है।
  • बच्चे नए ज्ञान और कौशल प्राप्त कर सकते हैं, एक मछलीघर में मछलियों की संख्या की गिनती करके वे गणितीय ज्ञान प्राप्त करते हैं और मछलियों के व्यवहार, रंग और अंतिम आकार को देखकर उन्हें वैज्ञानिक ज्ञान प्राप्त होता है।
  • बच्चे प्रकृति के साथ लगाव की भावना विकसित कर सकते हैं।
  • सजावटी मछली रखने में अन्य पालतू जानवरों की तुलना में आसान है क्योंकि वे शोर नहीं करते हैं और टैंक सफाई भी एक बार में पर्याप्त है (डॉग बार्क, शेड फर और दैनिक शेड की सफाई एक जरूरी है)।
  • माना जाता है कि अरवाना जैसी सजावटी मछलियां सौभाग्य, धन और समृद्धि लाती हैं।
  • सजावटी मछली रखने वाले शौकीनों को समय के नियत समय में अपने खेतों को शुरू करने के लिए तैयार कर सकते हैं और इस प्रकार स्वरोजगार के अवसर पैदा करते हैं।


निष्कर्ष:- दोस्तों आज के समय में सबसे बड़ी समस्या हमारा पर्यावरण है जिस वातारवण में हम लोग सांस ले रहे है वो बहुत दूषित हो चूका है। वैज्ञानिको के  शोध के अनुसार मछली पालन से जल और धरती का संतुलन बना रहता है। इस व्यवसाय से आप काफी कमाई भी कर सकते हैं, आज के समय में मछली पालन से लोग काफी पैसा कमा रहे हैं। इस विषय में और अधिक जानकारी लेने के लिए की कैसे सजावटी मछली को रख सकते है क्या उनका खाना होना चाहिए, किस प्रकार किस प्रकार उनकी देखभाल कर सकते हैं, सभी जानकारी के लिए निचे दिए गए वीडियो के लिंक पर क्लिक करके जरूर देखें। 


Share

Comment

Loading comments...

Also Read

पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा
पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा

खेती किसानी में अक्सर किसान भाई यह

01/01/1970
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं

भारत सिर्फ़ अपने विशाल कृषि उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया क

01/01/1970
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ

आज के समय में खेती सिर्फ परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं रही है। बदलत

01/01/1970
Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन
Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन

खेती सिर्फ हल चलाने का काम नहीं, ये एक कला है और इस कला में विज्ञा

01/01/1970

Related Posts

Short Details About