महिला किसान का देसी गाय का डेयरी फार्म

26 Aug 2021 | NA
महिला किसान का देसी गाय का डेयरी फार्म

भाई बहन चला रहे 130 गायो का डेरी फार्म:-

अर्चना तोमर जी हमे बताती है की किस तरह से वो इतने बड़े डेरी फार्म को संचालित करती हैं। उनंके छोटे भाई हैं सौरभ जी वो बहार से गांय लाते है। अगर कोई भी नया पशु उन्हें खरीदना होता है तो वो ही कहीं पर जाके पशु को खरीदके लाते है। और डेरी के अंदर सारी देखभाल वो खुद करती हैं,जैसे कितना दूध का प्रोडक्शन है कितना घी का प्रोडक्शन है ये सारी चीजे वो खुद मैनेज करती हैं। 


कभी एक गांय की भी नहीं होती थी देखभाल:-

अर्चना जी से हुई बात चित में वो हमे  बताती हैं की उनको गांय पालने का शुरू से ही शोक था। एक बार उन्होंने अपने घर में ही एक गांय पालने के लिए रखी परन्तु जानकारी कम होने की वजह से वो उसकी ठीक से देख भाल नहीं कर सकी। कुछ समय के बाद ही वो गांय उन्होंने अपने पैतृक गांव में पहुंचा दी। परन्तु उनमे लगन और मेहनत इतनी थी की उन्होंने हार नहीं मानी और आज उसी लगन और मेहनत की वजह से वो लगभग 150 छोटे बड़े पशु का पालन करती हैं।  

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3000 रु प्रति किलो है गांय का घी:-

आज के समय में सबसे बड़ी परेशानी आती है शुद्ध खाना। बढ़ते प्रदूषण की वजह से हमे खाना शुद्ध नहीं मिल पा रहा है,पानी फ़िल्टर करके पीना पड़ता है दूध वो भी हमे मिलावट का मिलता है। और खास करके ये समस्या आती है हमे शहरों में, गांवो के मुताबिक शहरों में खान पिन ज्यादा दूषित है और अगर ऐसे में कोई आपको शुद्ध देशी घी और दूध दे तो उससे बढ़िया और क्या होगा।जी हाँ अर्चना तोमर जी हमे बताती है की उनका दूध लगभग 80 से 100 रु प्रति लीटर भी चला जाता है और उनके घी की कीमत होती है 3000 रु प्रति किलो।


डिमांड पूरी नहीं कर पाती है घी की:-

अब आप सोच रहें होंगे की इतना महंगा घी आखिर खरीद कोन रहा है, तो मै आपको बतादूँ की उनसे हुई बात चित के अनुसार वो हमे बताती है की उनके पास घी की इतनी डिमांड आती है की वो उसकी पूर्ति नहीं कर पा रही है। लोग उनके घी को इतना पसंद कर रहें है की 3000 रु प्रति किलो का घी भी उन्हें सस्ता लग रहा है। 


कैसे करती है वो मैनेज:-

अर्चना जी हमे बताती हैं की जो काम आप कर रहें है यदि उसे खुद ग्राउंड लेवल पर घूमके नहीं देखोगे तो वो सफल नहीं हो पायेगा। इसी तरह से अर्चना जी भी खुद देखती है की उनके पशुओ को समय पर आहार मिल रहा है या नहीं, कोई पशु बीमार तो नहीं है कोनसा पशु काम चारा तो नहीं खारा हे। इन्ही छोटी छोटी चीजों का ध्यान वो खुदसे रखती है और आज इसी वजह से वो एक सफल डेरी फार्म चला रहीं है।  


निष्कर्ष:-

लगन,मेहनत और कठिन परिश्रम इंसान को सफल होने के लिए इन्ही तीन चीजों की जरुरत पड़ती है,इसी का जीता जगता उदाहरण है अर्चना जी। जी हाँ एक महिला किस प्रकार एक डेयरी फार्म चलाती है,क्या क्या दिक्कतों का सामना उन्हें करना पड़ा इन्ही सभी जानकारी के लिए निचे दी गयी वीडियो के लिंक पर क्लिक करके जरूर देखें।  


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