5 ऐसे औषधीय पौधे, जिन्हें हर किसी को घर में लगाना चाहिए


प्रकृति का आभूषण कहे जाने वाले पेड़-पौधों का हमारे जीवन में भी बहुत महत्व है। ये हमारे लिए ना सिर्फ खाद्य पदार्थ उत्पादित करते हैं, बल्कि रोगों से लड़ने की क्षमता और उनके निवारण का भी कार्य करते हैं। इसलिए इनके महत्व को समझते हुए इन सभी औषधीय और गुणकारी पौधों को घर के आंगन में अवश्य लगाना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे औषधीय चमत्कारिक पौधों के बारे में, जिनका सेवन आपकी प्रतिजैविक क्षमता को बढ़ाएंगे और होने वाली बीमारियों से मुक्त रखेंगे।

अर्जुन का पौधा, हृदय रोगों के लिए रामबाण:
यह पौधा विशेष रूप से आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में उपयोग होता है, इसके फल, छाल और पत्तियां सभी औषधीय गुणों से भरपूर है। वैसे तो यह बहुत बड़ा हो जाता है; परंतु गमले में भी इस छोटे रूप में लगा सकते हैं। अर्जुन की छाल हृदय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। यह रक्तदाब को नियंत्रित करती है और कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक है। अर्जुन के पौधे में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जिससे यह खून की कमी को भी दूर करने में मदद करता है।

अर्जुन की छाल के अर्क का प्रयोग त्वचा की समस्या जैसे एक्जिमा और सोरायसिस के इलाज में भी किया जाता है। यह इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ ज्वर, सूजन और दर्द को कम करने में भी सहायक है। इसका सेवन काढ़ा, तेल या कच्ची पत्तियों का जूस बनाकर किया जाता है।
पुनर्नवा का पौधा:
यह झाड़ीदार 30 से 35 सेंटीमीटर ऊंचा पौधा होता है, जिसे घर के आंगन में आसानी से लगा सकते हैं। इसमें से भीनी-भीनी बहुत अच्छी सुगंध भी आती है। इसकी पत्तियों को कच्चा चबाने या चटनी बनाकर खाना बहुत लाभदायक बताया गया है। इसका सेवन विशेष रूप से हमारे लिवर, किडनी और मूत्र प्रणाली को स्वस्थ रखता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए रामबाण है तथा महिलाओं में प्रजनन स्वास्थ्य और इम्यूनिटी सिस्टम को भी बढ़ावा देता है।

तुलसी का पौधा:
आयुर्वेद चिकित्सा में सर्वगुणसंपन्न तथा धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं में भी अत्यधिक महत्वपूर्ण तुलसी का पौधा, घरों में लगाना अतिआवश्यक बताया गया है।

यूं तो यह बहुत गुणकारी है, इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे प्रति रक्षा प्रणाली को मजबूत और शरीर को संक्रमण से बचते हैं। यह सांस की समस्याओं खांसी, सर्दी-जुकाम में भी कारगर है, क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। वहीं मानसिक स्वास्थ्य, पाचन तंत्र, त्वचा और बालों के स्वास्थ्य, हृदय की सेहत और विषाक्त से मुक्ति दिलाने में भी लाभकारी है।
रक्तदाब नियंत्रण में सफेद गुड़हल का उपयोग:
घरों में सफेद गुड़हल के पौधे का लगाना सजावटी और औषधीय दोनों रूप में उपयोगी है। इस पर सफेद रंग के सुंदर फूल आते हैं, जिनकी पंखुड़ियां को पीसकर अर्क बनाकर बालों पर लगाएं, तो बाल डैंड्रफ रहित रहते हैं तथा यह बालों को झड़ने से रोकने के साथ-साथ उन्हें चमकदार और स्वस्थ भी बनता है।

वहीं गुड़हल की चाय का सेवन रक्तदाब को नियंत्रित करने में और हृदय को बेहतर बनाने में कारगर है। महिलाओं में मासिक धर्म संबंधित समस्याएं भी इसके सेवन से खत्म हो जाती है।
गिलोय की बेल:
गिलोय की बेल भी आयुर्वेदिक चिकित्सा में विशेष महत्व रखती है। यूं तो यह बढ़ती-बढ़ती बहुत लम्बी हो जाती है; परंतु अपनी आवश्यकता अनुसार इसे सीमित आकार में ही रखें। इसका उपयोग एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी अर्थात् शरीर में होने वाली सूजन संबंधी बीमारियों के इलाज में सहायक है। वहीं इसका उपयोग मधुमेह, पाचन तंत्र के लिए स्वस्थ, लीवर, ज्वार-बुखार, जोड़ों का दर्द आदि जैसी समस्याओं में रामबाण सिद्ध होता है।

दोस्तों यह है ऐसे पांच औषधीय पौधे, जिनकी तीन-तीन पत्तियों को मिलाकर रोज सुबह ऐसे ही कच्ची चबा जाए तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी रहेगी तथा जीवन में कभी ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा और डॉक्टर के जाने से बचे रहेंगे। कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसे ही रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहे "Hello Kisaan" के साथ। धन्यवाद॥
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