Builder सभी काम छोड़ कर रहा है Vermi Composting ( Successful Vemicompost Farmer )

27 Jan 2021 | NA
Builder सभी काम छोड़ कर रहा है Vermi Composting ( Successful Vemicompost Farmer )

बिल्डर का काम छोड़कर की इस काम की शुरुआत":-

कर्मवीर अग्रवाल जी हमे बताते हैं की तीन साल पहले वो एक बिल्डर का काम करते थे। परन्तु हमारे देश और हमारे आसपास बढ़ती बीमारियों के चलते उनके मन में एक विचार आया की इन बढ़ती बीमारियो का कारण क्या है, आखिर क्यों ये इतनी बीमारियां बढ़ रही है,उन्होंने सोचा कि जब हम कोई भी चीज बाज़ार से खरीदके लाते है तो उन्हें देख के लाते है की वो अच्छी हैं और साफ़ है परन्तु फिर भी लोग बीमार हो रहें हैं। तो आखिर उसकी मुख्य वजह क्या है? इसी बात को लेकर उन्होंने रीसर्च शुरू की तो उन्होंने देखा की जो हम खाना रहे है आखिर वो खाना कहाँ से और किन किन रासायनिक पदार्थो का इस्तेमाल करके पैदा  है। 


क्या है वर्मीकम्पोस्ट(Vermicompost):-

केंचुआ खाद या वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है। यह केंचुआ आदि कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाती है।

वर्मी कम्पोस्ट में बदबू नहीं होती है और मक्खी एवं मच्छर नहीं बढ़ते है तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता है। तापमान नियंत्रित रहने से जीवाणु क्रियाशील तथा सक्रिय रहते हैं। वर्मी कम्पोस्ट डेढ़ से दो माह के अंदर तैयार हो जाता है। इसमें 2.5 से 3% नाइट्रोजन, 1.5 से 2% सल्फर तथा 1.5 से 2% पोटाश पाया जाता है। 


किन किन कठिनाइयों का करना पड़ा सामना:-

 यदि आप किसी काम को शुरू करते है तो आपको शुरआती कुछ दिनों में परेशानियों का सामना तो करना ही पड़ता हैं। जो व्यक्ति इन परेशानियों का  सामना डटके  कर लेता है वो कामयाब भी हो ही जाता है। कुछ इसी तरह  कहानी है अग्रवाल जी की,उनके लिए सबसे बड़ी समस्या थी उनका बैकग्राउंड खेती से न होना।  परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी और वो लगन और मेहनत के साथ काम करते रहे,उसी लगन से आज वो कामयाब हैं। आगे हुई बातचीत में वो हमे बताते हैं की सबसे पहले तो उन्हें जानकारी का अभाव  होने की वजह से केंचुआ भी बहुत महंगा पड़ा और सबसेड बड़ी समस्या जो उन्हें आयी  पक्षियों द्वारा केंचुओ  को खाजाना। धीरे धीरे उन्होंने इन सभी चीजों का इंतजाम किया और अपने काम को सफल बनाया।  


3 तरीको से बेचते हैं वो अपना माल:-

Builder सभी काम छोड़ कर रहा है Vermi Composting ( Successful Vemicompost Farmer )_6597
अग्रवाल जी हमें बताते है की वो वर्मीकम्पोस्ट या केंचुआ खाद जो होता है उसे 3 तरीको से बेचते हैं।  
1.खुला खाद बेचना:-

उनके आसपास के किसानो को जिसको भी खाद की जरुरत होती है वो बिना पैकिंग वाला खाद ले जा सकता है जिससे उन किसानो  पड़ता है। खुले खाद की कीमत लगभग 5 रु प्रति किलो होती है।  

2. 5 किलो का पैकिट:-

जिस किसी किसान भाई ने अपनी नर्शरी या बागवानी की हुई है वो ये 5 किलो के पैकेट का ज्यादा इस्तेमाल  करते हैं।  इसकी कीमत लगभग 60 रु एक पैकेट की होती है। 

3. 50 किलो का पैकेट:-

उनका खाद अब अलग अलग राज्यों में भी जाता है। दूसरे राज्यों में जाने के लिए वो बड़े पैकिट तैयार करते हैं। इन 50 किलो के पैकेट की कीमत होती है 300 रु।  


केंचुआ खाद की विशेषताएँ:-

इस खाद में बदबू नहीं होती है, तथा मक्खी, मच्छर भी नहीं बढ़ते है जिससे वातावरण स्वस्थ रहता है। इससे सूक्ष्म पोषित तत्वों के साथ-साथ नाइट्रोजन 2 से 3 प्रतिशत, फास्फोरस 1 से 2 प्रतिशत, पोटाश 1 से 2 प्रतिशत मिलता है।

इस खाद को तैयार करने में प्रक्रिया स्थापित हो जाने के बाद एक से डेढ़ माह का समय लगता है।

प्रत्येक माह एक टन खाद प्राप्त करने हेतु 100 वर्गफुट आकार की नर्सरी बेड पर्याप्त होती है।

केचुँआ खाद की केवल 2 टन मात्रा प्रति हैक्टेयर आवश्यक है।


वर्मीकम्पोस्ट खाद का महत्व:-

यह भूमि की उर्वरकता, वातायनता को तो बढ़ाता ही हैं, साथ ही भूमि की जल सोखने की क्षमता में भी वृद्धि करता हैं।

वर्मी कम्पोस्ट वाली भूमि में खरपतवार कम उगते हैं तथा पौधों में रोग कम लगते हैं।

पौधों तथा भूमि के बीच आयनों के आदान प्रदान में वृद्धि होती हैं।

वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने वाले खेतों में अलग अलग फसलों के उत्पादन में 25-300% तक की वृद्धि हो सकती हैं।

केचुओं के शरीर का 85% भाग पानी से बना होता हैं इसलिए सूखे की स्थिति में भी ये अपने शरीर के पानी के कम होने के बावजूद जीवित रह सकते हैं तथा मरने के बाद भूमि को नाइट्रोजन प्रदान करते हैं।

मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती हैं।

इसके प्रयोग से सिंचाई की लागत में कमी आती हैं।

लगातार रासायनिक खादों के प्रयोग से कम होती जा रही मिट्टी की उर्वरकता को इसके उपयोग से बढ़ाया जा सकता हैं।

इसके प्रयोग से फल, सब्जी, अनाज की गुणवत्ता में सुधार आता हैं, जिससे किसान को उपज का बेहतर मूल्य मिलता हैं।

केंचुए में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव मिट्टी का pH संतुलित करते हैं।

उपभोक्ताओं को पौष्टिक भोजन की प्राप्ति होती हैं।


निष्कर्ष :-

इंसान अपनी लगन और मेहनत से क्या कुछ नहीं कर सकता। इसी तरह तीन दोस्तों ने कैसे मिलके तैयार किया वर्मीकम्पोस्ट और आज कमा रहे है करोडो रुपये,जानने के लिए निचे दी गयी वीडियो के लिंक जरूर क्लिक करें और आप भी कमा सकते हैं इन्ही की तरह लाखो करोड़ो।   



Share

Comment

Loading comments...

Also Read

पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा
पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा

खेती किसानी में अक्सर किसान भाई यह

01/01/1970
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं
एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं

भारत सिर्फ़ अपने विशाल कृषि उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया क

01/01/1970
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ
एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ

आज के समय में खेती सिर्फ परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं रही है। बदलत

01/01/1970
Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन
Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन

खेती सिर्फ हल चलाने का काम नहीं, ये एक कला है और इस कला में विज्ञा

01/01/1970

Related Posts

Short Details About