काजू की खेती: किसानों के लिए सोने की तरह मुनाफा

01 Nov 2025 | NA
काजू की खेती: किसानों के लिए सोने की तरह मुनाफा

काजू केवल एक स्वादिष्ट मेवा नहीं है, बल्कि इसे कैश क्रॉप भी कहा जाता है। इसकी खेती से किसान लंबे समय तक लगातार अच्छी आय कमा सकते हैं। भारत में महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में काजू की खेती बड़े पैमाने पर होती है। काजू का फल और इसकी गिरी (नट) बाजार में हमेशा मांग में रहती है, इसलिए यह फसल किसानों के लिए लाभकारी मानी जाती है।

इस लेख में हम आपको काजू की खेती (Cashew Farming) से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे – जलवायु, मिट्टी, किस्में, पौध रोपाई, देखभाल, उत्पादन और किसान के फायदे।

Profits from Cashew Farming


काजू की खेती के लिए अनुकूल जलवायु

काजू की फसल गर्म और नमी वाली जलवायु पसंद करती है। तापमान: 20–30 डिग्री सेल्सियस वार्षिक बारिश: 1000–2000 मिमी ठंडी और पाले वाली जगह पर फसल टिकती नहीं

भारत के तटीय और दक्षिणी राज्य काजू की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं। यदि किसान इन क्षेत्रों में खेती करता है तो फसल जल्दी बढ़ती है और उत्पादन अधिक होता है।

जमीन की गुणवत्ता और मिट्टी

काजू हल्की और जल निकासी वाली मिट्टी में बेहतर तरीके से उगता है। सबसे उपयुक्त मिट्टी: रेतीली-दोमट मिट्टी मिट्टी का pH स्तर: 5–6.5 कम उपजाऊ और बंजर जमीन में भी फसल उग सकती है इस वजह से किसान सीमित संसाधनों में भी अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं।

उच्च उपज देने वाली काजू की किस्में

आज बाजार में कई हाई-यील्ड काजू किस्में उपलब्ध हैं, जो जल्दी फल देती हैं और ज्यादा उत्पादन देती हैं। VRI-3, Goa-11, BPP-8 अच्छी किस्में लगाने पर प्रति हेक्टेयर 15–20 क्विंटल तक उपज मिल सकती है सही किस्म का चयन किसान की आय को कई गुना बढ़ा सकता है और लंबी अवधि में लाभ सुनिश्चित करता है।

How to Grow Cashews

पौध रोपाई का सही तरीका

ग्राफ्टेड पौधे लगाना सबसे अच्छा रहता है क्योंकि ये जल्दी फल देना शुरू कर देते हैं। रोपाई का समय: मानसून की शुरुआत (जून–जुलाई) पौधों के बीच दूरी: 7–8 मीटर गड्ढे में गोबर की खाद डालें, इससे पौधा मजबूत और स्वस्थ रहेगा सही दूरी और खाद देने से पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और उत्पादन लगातार बढ़ता है।

खाद और सिंचाई

प्रति पौधा 10–15 किलो गोबर की खाद डालें संतुलित मात्रा में यूरिया, फॉस्फेट और पोटाश दें ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन गर्मियों में 15–20 दिन पर हल्की सिंचाई करें टपक सिंचाई से पानी की बचत होती है और मेहनत कम होती है कम पानी और साधारण देखभाल के बावजूद किसान अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं।

पौधों की देखभाल और सुरक्षा

खेत से खरपतवार नियमित रूप से हटाएं शुरुआती सालों में पौधों की छंटाई करें ताकि सही आकार बने कीट और रोगों से बचाने के लिए समय-समय पर नीम आधारित दवा का छिड़काव करें सही देखभाल से पौधे मजबूत रहते हैं और उत्पादन में स्थिरता आती है।

काजू का उत्पादन और समय

ग्राफ्टेड पौधे 3–4 साल में फल देना शुरू करते हैं पूरी पैदावार 8–10 साल में मिलती है एक पौधा सालाना 8–12 किलो तक काजू दे सकता है यदि किसान सही देखभाल करता है तो प्रति हेक्टेयर से उच्च आमदनी संभव है।

काजू से आय के कई रास्ते

काजू केवल गिरी तक सीमित नहीं है। इसके कई हिस्सों का बाजार में मूल्य है:

1. काजू की गिरी (Nut) – बाजार में 800–1000 रुपये प्रति किलो बिकती है 2. काजू का छिलका – तेल बनाने में काम आता है, पेंट और दवाओं में इस्तेमाल होता है 3. काजू का फल (Cashew Apple) – जूस, जैम और शराब बनाने में उपयोगी इस तरह किसान एक ही फसल से कई तरह से मुनाफा कमा सकते हैं।

Profits from Cashew Farming

किसानों के लिए मुख्य फायदे

1. लंबी आय: एक बार लगाया गया पेड़ 25–30 साल तक फल देता है 2. कम पानी में उगने की क्षमता: सूखे इलाकों में भी फसल अच्छी रहती है 3. अधिक मुनाफा: काजू हमेशा महंगा बिकता है, इसलिए आय स्थिर रहती है

4. निर्यात की मांग: भारत से करोड़ों रुपये का काजू विदेशों में जाता है 5. रोजगार के अवसर: प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर अतिरिक्त कमाई की जा सकती है

काजू की खेती न सिर्फ आय देती है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार और उद्योग के अवसर भी पैदा करती है।

निष्कर्ष

काजू की खेती किसानों के लिए सोने की तरह मुनाफा देने वाली फसल है। कम पानी, साधारण देखभाल और सही किस्मों के चयन से किसान लंबे समय तक अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं अगर किसान काजू को प्रोसेसिंग कर बाजार में बेचता है, तो यह फसल लाखों रुपये का लाभ दे सकती है आज के समय में जब किसान ऐसी फसलों की तलाश में हैं जो कम मेहनत और ज्यादा मुनाफा दें, काजू की खेती (Cashew Farming) सबसे बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आती है। ऐसी जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।।जय हिन्द जय भारत ।।

Share

Comment

Loading comments...

Also Read

क्रैब्स फार्मिंग (Crab Farming): किसानों के लिए नया सुनहरा मौका
01/01/1970
भारत के आयुर्वेदिक पौधे बनाम चीन के औषधीय पौधे
भारत के आयुर्वेदिक पौधे बनाम चीन के औषधीय पौधे

दुनिया में अगर कोई देश प्राकृतिक औ

01/01/1970
बिचौलिया हटाओ अभियान – Hello Kisaan क्या कर रहा है?
बिचौलिया हटाओ अभियान – Hello Kisaan क्या कर रहा है?

भारत के खेतों में हर दिन सूरज से प

01/01/1970
काला गन्ना: किसानों के लिए मिठास और मुनाफे का संगम
काला गन्ना: किसानों के लिए मिठास और मुनाफे का संगम

भारत में गन्ने की खेती सदियों से ह

01/01/1970
दुनिया का सबसे बड़ा मेवा
दुनिया का सबसे बड़ा मेवा

मेवों की दुनिया बेहद रोचक है। हमार

01/01/1970

Related Posts

Short Details About