दुनिया के सबसे बड़े तरबूज की खेती


ज्यादा पैदावार की होड़ में लगे किसानों ने सोना उगलने वाली धरती से प्राप्त किये इतने बड़े-बड़े फल, जिन्हें देखकर आप चौंक जाएंगे। किसानों ने विशेष तकनीक और बीजों का विश्लेषण कर 100 किलो तक के तरबूज उगा दिए हैं। यह चमत्कार किसानों ने कैसे किया जानेंगे आज के लेख में। यह कमाल विदेशी किसानों ने किया तो अपने भारत के कृषक भी पीछे नहीं रहे उन्होंने भी उन्नत किस्म के बीजों का विकास कर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।
तरबूज में विश्व रिकॉर्ड:
सबसे बड़े तरबूज उत्पादन की विश्व स्तर पर बात करें तो 2021 में अमेरिका के मिशिगन राज्य के व्यक्ति क्रिस लुडविग ने 159.6 किलोग्राम का तरबूज उगाकर नया रिकॉर्ड बनाया था, जो द वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ गिनीज बुक में भी दर्ज है। यह तरबूज बहुत ही विशेष रूप से तैयार किया गया था और इसके आकार और वजन को मानक रूप से मान्यता भी प्राप्त हुई।

भारत में सबसे बड़े तरबूज:
बड़े तरबूज पैदा करने के शोध में लगे महात्मा गांधी ज्योतिबा फुले खाद्य बीज भंडार, माधोपुर राजस्थान ने सबसे उन्नत किस्म के बीच के रूप में मॉर्गन कंपनी का सबसे छोटा बीज फ्रूटी को सर्वश्रेष्ठ बताया। उन्होंने किसान भाइयों को सलाह दी कि इस बीज को ज्यादा से ज्यादा बोए तो अधिक लाभ देखने को मिलेगा। इसका फल अच्छा होने के साथ-साथ यह पकने और ज्यादा बड़ा होने तक भी बिल्कुल हरा और स्वादिष्ट बना रहता है। इसका वजन सामान्य रूप से 14 से 15 किलो प्रति तरबूज तक होता है।
तरबूज की उन्नत किस्में:
आकार में बड़े और अधिक पैदावार देने वाले तरबूज में मुख्य रूप से कोंगो नामक वैरायटी भी सर्वश्रेष्ठ है। इसी के साथ कैरोलिना क्रॉस तथा मून एंड स्टार किस्म भी बड़े तरबूज उत्पादित करने के लिए प्रसिद्ध है। तरबूज की नुन्नहेम्स कंपनी की आस्था नामक हाइब्रिड वैरायटी भी बड़े और मीठे तरबूज पैदा करने के लिए विकसित की गई है।

सर्वश्रेष्ठ जलवायु:
तरबूज को बढ़ाने के लिए गर्म और धूप वाली जलवायु की आवश्यकता होती है, सामान्यतः तरबूज की खेती में 70 से 85 डिग्री फारेनहाइट के तापमान की सीमा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसके विकास के लिए सूर्य की 6 से 8 घंटे की धूप भी जरूरी है। तरबूज की फसल को पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है लेकिन जल भराव से बचना चाहिए, इसलिए ड्रिप इरीगेशन या नियमित सिंचाई तरबूज की फसल के लिए सर्वश्रेष्ठ है। यह फसल लगभग 80 से 85 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसे जायद की फसल के रूप में जाना जाता है।

फसल लगाते समय सावधानियां:
तरबूज की फसल लगाते समय लाइनों के बीच की दूरी 6 से 8 फीट तथा पौधे से पौधे की दूरी 2 से 3 फीट होनी आवश्यक है। तरबूज के खेत में जल का भराव ना हो पाए, नियमित सिंचाई करते रहनी चाहिए।तो दोस्तों कैसी लगी आपको तरबूज की उन्नत किस्मों को उगाने की जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसी ही रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहे "हेलो किसान" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद, जय किसान॥
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