थाईलैंड का बदबूदार लेकिन मशहूर फल – ड्यूरियन


थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया का एक ऐसा देश है जिसे फलों का स्वर्ग कहा जाता है। यहाँ हर मौसम में रंग-बिरंगे और स्वादिष्ट फल मिलते हैं। लेकिन इन्हीं फलों के बीच एक ऐसा भी फल है जो अपनी बदबू के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इस फल का नाम है ड्यूरियन (Durian)। ड्यूरियन को थाईलैंड में "King of Fruits" यानी "फलों का राजा" कहा जाता है। यह फल पोषण से भरपूर होने के साथ-साथ स्वाद और खुशबू (या कहें बदबू) की वजह से चर्चा में रहता है।
आइए जानते हैं कि आखिर ड्यूरियन फल में ऐसा क्या है कि लोग इसे बदबूदार होने के बावजूद बेहद पसंद करते हैं।

ड्यूरियन फल की पहचान
ड्यूरियन का छिलका बहुत मोटा और कांटेदार होता है, जो देखने में किसी हद तक जैकफ्रूट (कटहल) जैसा लगता है। जब आप इसे हाथ में लेंगे तो इसके नुकीले कांटे चुभ सकते हैं। लेकिन असली खासियत इसके अंदर छिपे गूदे में होती है। इसका गूदा पीले या क्रीम रंग का होता है और इसकी गंध इतनी तेज़ होती है कि कई लोगों को पहली बार में यह बिल्कुल पसंद नहीं आती। यही कारण है कि थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में इसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट, होटल और एयरपोर्ट पर ले जाने की अनुमति नहीं होती। वहाँ बाकायदा नोटिस लगे होते हैं – "No Durian Allowed".
बदबू क्यों आती है ड्यूरियन से?
ड्यूरियन में कई तरह के सल्फर कम्पाउंड पाए जाते हैं, जो इसके गूदे से बाहर निकलने पर बेहद तेज़ गंध छोड़ते हैं। यह गंध इतनी स्ट्रॉन्ग होती है कि कई लोग इसे प्याज़, गैस लीक या फिर सीवर जैसी स्मेल से तुलना करते हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसी बदबू के पीछे इसके स्वाद का राज़ छिपा है। जो लोग इसे बार-बार खाते हैं, उन्हें यह गंध उतनी बुरी नहीं लगती, बल्कि धीरे-धीरे वही खुशबू उन्हें स्वाद का हिस्सा लगने लगती है।
स्वाद में अनोखा अनुभव
ड्यूरियन को "बदबूदार" कहने वाले बहुत लोग हैं, लेकिन इसके दीवाने भी कम नहीं। इसका स्वाद मीठा, क्रीमी और हल्का-सा बादाम या चीज़ जैसा लगता है। इसे खाने वाले कहते हैं कि इसमें मिठास और कड़वाहट का अनोखा संतुलन मिलता है, जो इसे अलग बनाता है। कई लोग पहली बार ड्यूरियन खाकर इसे नापसंद कर देते हैं, लेकिन अगर आप इसे बार-बार चखेंगे तो धीरे-धीरे यह स्वाद आपको पसंद आने लगेगा।
थाईलैंड की संस्कृति और ड्यूरियन
थाईलैंड में ड्यूरियन सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि संस्कृति और पहचान का हिस्सा है। यहाँ की लोक कहावत है – "If you love durian, you are truly Thai." यानी अगर आप ड्यूरियन से प्यार करते हैं तो आप असली थाई हैं। ड्यूरियन का उपयोग केवल कच्चे फल के रूप में नहीं होता, बल्कि इससे तरह-तरह की डिशेज और मिठाइयाँ भी बनाई जाती हैं। थाईलैंड के बाज़ारों और स्ट्रीट फूड स्टॉल पर आपको ड्यूरियन आइसक्रीम, ड्यूरियन शेक, ड्यूरियन पेस्ट्री और ड्यूरियन से बनी चॉकलेट तक मिल जाएगी।
पोषण से भरपूर "फलों का राजा"
बदबू से परे अगर हम इसके पोषण की बात करें तो ड्यूरियन किसी सुपरफूड से कम नहीं है। इसमें ढेर सारे विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं
विटामिन C – रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। पोटैशियम – ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट – शरीर को तुरंत ऊर्जा देते हैं। फाइबर – पाचन तंत्र को मजबूत करता है। हेल्दी फैट्स – यह फल पेट भरने और ऊर्जा देने वाला होता है।
ड्यूरियन खासतौर पर उन लोगों के लिए अच्छा माना जाता है जिन्हें शरीर में एनर्जी की ज़रूरत होती है।

ड्यूरियन से बनने वाले व्यंजन
थाईलैंड के लोग ड्यूरियन को अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल करते हैं। यह सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि किचन का हिस्सा है।
1. ड्यूरियन आइसक्रीम – गर्मियों में यह सबसे लोकप्रिय डिश है। 2. ड्यूरियन शेक और स्मूदी – दूध और चीनी के साथ मिलाकर इसे ड्रिंक की तरह पिया जाता है। 3. ड्यूरियन कैंडी और चॉकलेट – बच्चों में बहुत पसंद की जाती है। 4. ड्यूरियन केक और पेस्ट्री – मिठाई के शौकीनों के लिए खास।
मुसाफ़िर के लिए आकर्षण
थाईलैंड आने वाले मुसाफ़िर ड्यूरियन को ज़रूर चखते हैं। कई बार यह उनके लिए एक "food challenge" की तरह होता है – बदबूदार फल को खाना और उसके स्वाद को महसूस करना। जो इसे खा लेते हैं, उनके लिए यह यादगार अनुभव बन जाता है। कई ट्रैवल ब्लॉगर्स और यूट्यूबर्स भी ड्यूरियन टेस्ट करते हुए वीडियो बनाते हैं। यह थाईलैंड की यात्रा का रोमांचक हिस्सा माना जाता है।
विवाद और प्रतिबंध
हालाँकि ड्यूरियन को पसंद करने वालों की संख्या बहुत है, लेकिन इसकी गंध के कारण इसे कई जगहों पर प्रतिबंधित किया गया है। होटल, टैक्सी, एयरपोर्ट और मेट्रो जैसी जगहों पर इसका ले जाना मना है। इससे जुड़ा एक मज़ेदार तथ्य यह है कि कई होटल अपने दरवाज़े पर बोर्ड लगाते हैं – "No Smoking, No Pets, No Durian."
ड्यूरियन की खेती
थाईलैंड के अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे देशों में भी ड्यूरियन की खेती होती है। लेकिन दुनिया भर में सबसे ज्यादा ड्यूरियन थाईलैंड से ही एक्सपोर्ट किया जाता है। यहाँ की जलवायु और मिट्टी इस फल की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है।
निष्कर्ष
ड्यूरियन एक ऐसा फल है जिसे आप या तो बहुत पसंद करेंगे या बिल्कुल नापसंद। इसकी बदबू और स्वाद दोनों ही इसे खास बनाते हैं। थाईलैंड में यह फल सिर्फ खाने की चीज़ नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। अगर आप कभी थाईलैंड जाएँ तो ड्यूरियन को ज़रूर चखें। हो सकता है कि पहली बार में आपको यह पसंद न आए, लेकिन यह अनुभव हमेशा आपकी यादों में रहेगा। ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।। जय हिन्द जय भारत ।।
Comment
Also Read

पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा
खेती किसानी में अक्सर किसान भाई यह

बकरी के दूध से बने प्रोडक्ट्स – पनीर, साबुन और पाउडर
भारत में बकरी पालन (Goat Farming)

एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं
भारत सिर्फ़ अपने विशाल कृषि उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया क

एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ
आज के समय में खेती सिर्फ परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं रही है। बदलत

Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन
खेती सिर्फ हल चलाने का काम नहीं, ये एक कला है और इस कला में विज्ञा
Related Posts
Short Details About