गन्ने से गुड़ बनाने हाइटेक तरीका

19 Nov 2024 | NA
गन्ने से गुड़ बनाने हाइटेक तरीका

गन्ना भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे ना केवल चीनी उत्पादन के लिए बल्कि गुड़ बनाने के लिए भी उगाया जाता है। गुड़ गन्ने का प्राकृतिक रूप से प्राप्त किया गया मीठा पदार्थ है, जो चीनी से अधिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। गन्ने से गुड़ बनाने की प्रक्रिया ना केवल पारंपरिक है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती, जिस कारण आज भी इसकी मांग वृहत रूप से बनी हुयी है। इस लेख में हम गन्ने से गुड़ बनाने की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझेंगे और गुड़ के स्वास्थ्य लाभों पर भी चर्चा करेंगे।

गन्ने से गुड़ बनाने की प्रक्रिया:

गन्ने से गुड़ बनाने की प्रक्रिया प्राचीन काल से चली आ रही है और आज भी यह कई ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से की जाती है। गुड़ बनाने की प्रक्रिया में मुख्य रूप से गन्ने का रस निकालने, उसे उबालने, और ठंडा कर ठोस रूप में ढालने की क्रियाएँ शामिल होती हैं। 

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गन्ने की कटाई और रस निकालना:

गन्ने से गुड़ बनाने के लिए सबसे पहले गन्ने को खेतों से काटकर साफ किया जाता है और फिर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेते है। इसके बाद इन गन्ने के टुकड़ों को मिल में डाला जाता है, जहां पर एक बड़ा चक्का होता है, जो गन्ने के टुकड़ों को दबाकर उसका रस निकालता है। यह रस हल्के हरे रंग का और बहुत मीठा होता है। गन्ने के रस में मिठास के अलावा कई मिनरल्स, विटामिन्स और एंटीऑक्सिडेंट्स भी होते हैं।


रस का उबालना:

गन्ने को बड़ी कढ़ाई में डाला जाता है और उबालने के लिए गर्म करते है। इस रस को उबालने के दौरान उसमें से अतिरिक्त पानी वाष्पित हो जाता है और उसका घनत्व बढ़ता जाता है। इस प्रक्रिया में रस को निरंतर हिलाते रहते है ताकि वह नीचे न लगे और जलने से बच सके। उबालने के दौरान रस में से सारी अशुद्धियाँ झाग के रूप में निकल जाती हैं और उसका घनत्व बढ़ जाता है, तब वह पिघलकर एक प्रकार का शहद जैसा गाढ़ा हो जाता है, जिसे "पाक"कहते है।

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गुड़ को ठंडा और ठोस करना:

जब गन्ने के रस का उबाल सही हो जाता है, तब इसे धीमी आंच पर रखते है, ताकि यह पूरी तरह से गाढ़ा हो जाए। इसके बाद, गुड़ को ठंडा करने के लिए विभिन्न आकारों के सांचे में डाला जाता है। जब गुड़ पूरी तरह से ठंडा हो जाता है, तो वह ठोस हो जाता है और उसे निकालकर काट लेते हैं। गुड़ का रंग और स्वाद उसकी पक्काई के समय और गन्ने की किस्म पर निर्भर करते हैं। यदि गुड़ को कम पका लिया जाए तो वह हल्के रंग का और अधिक मीठा होता है, जबकि अधिक पके हुए गुड़ का रंग गहरा और स्वाद में थोड़ा कड़वापन आ सकता है।


गुड़ के फायदे:

गुड़ स्वादिष्ट और स्वस्थकर होने के साथ-साथ आयुर्वेद में भी एक विशेष स्थान रखता है। इसमें उपस्थित प्राकृतिक तत्त्व जैसे जिंक, सेलेनियम, और अन्य मिनरल्स पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। यह गैस, कब्ज, और अन्य पाचन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। भोजन के बाद गुड़ का सेवन करने से आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलता है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में सहायक है। आयरन की उपस्थिति के कारण गुड़ गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए भी लाभकारी है।विटामिन C और सेलेनियम जैसे तत्व शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं और शरीर से गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे त्वचा भी चमकदार होती है। सर्दी और खांसी में राहत, हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ तनाव और चिंता को भी कम करता है।

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तो दोस्तों गुड़ न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। यह पाचन में मदद करने से लेकर, रक्त को शुद्ध करने और तनाव को कम करने तक कई लाभ प्रदान करता है। गन्ने से गुड़ बनाने की प्रक्रिया पारंपरिक और सरल है, और यह प्राकृतिक रूप से मीठा होने के कारण स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होता है। यदि आप मीठा खाने के शौक़ीन हैं, तो गुड़ एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसलिए, हमें अपने आहार में गुड़ को शामिल करना चाहिए ताकि हम इसके अनेक स्वास्थ्य लाभों का पूरा लाभ उठा सकें। कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसी ही जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद, जय किसान॥


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