किसानों के लिए नया मुनाफे का धंधा

06 Nov 2025 | NA
किसानों के लिए नया मुनाफे का धंधा

भारत में खेती और पशुपालन हमेशा से किसानों की रीढ़ रही है। समय बदल रहा है और आज किसान सिर्फ़ पारंपरिक खेती या गाय-भैंस पालन तक सीमित नहीं रहना चाहते। नई सोच और नई मांग ने किसानों के लिए कई नए रास्ते खोले हैं। इन्हीं में से एक है शुतुरमुर्ग पालन (Ostrich Farming)। शुतुरमुर्ग दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी है। यह उड़ता नहीं है लेकिन इसकी तेज़ रफ्तार और बड़े आकार के कारण इसे आसानी से पहचाना जाता है। अफ्रीका में शुतुरमुर्ग पालन बहुत आम है और अब भारत में भी धीरे-धीरे इसकी डिमांड बढ़ रही है।

New Business for Farmers


क्यों करें शुतुरमुर्ग पालन?

शुतुरमुर्ग पालन किसानों के लिए कई मायनों में फायदेमंद है: 1. मांस की डिमांड – शुतुरमुर्ग का मांस कम कोलेस्ट्रॉल और हाई प्रोटीन वाला होता है, जिसकी डिमांड होटल और विदेशों में काफी है। 2. अंडों का महत्व – शुतुरमुर्ग का एक अंडा 1.5 से 2 किलो तक का होता है और मार्केट में ऊंचे दामों पर बिकता है। 3. चमड़ा (Leather) – शुतुरमुर्ग की खाल से बहुत महंगे पर्स, बेल्ट और बैग बनाए जाते हैं। 4. पंख और सजावटी सामान – इनके पंख सजावट और फैशन इंडस्ट्री में खूब इस्तेमाल होते हैं। 5. कम बीमार पड़ते हैं – शुतुरमुर्ग एक मजबूत पक्षी है और आमतौर पर बीमारियां कम लगती हैं।

भारत में शुतुरमुर्ग पालन की संभावना

भारत में जैसे-जैसे मांस और विदेशी बाज़ारों के लिए सप्लाई बढ़ रही है, शुतुरमुर्ग पालन एक अच्छा विकल्प बनकर उभर रहा है। अभी देश में गिनती की ही फार्मिंग यूनिट्स हैं, लेकिन आने वाले समय में यह एक बड़ा उद्योग बन सकता है। बड़े शहरों के होटल और रेस्टोरेंट्स में शुतुरमुर्ग मांस की मांग है। एक्सपोर्ट मार्केट में भारत से शुतुरमुर्ग के अंडे, मांस और चमड़े की डिमांड लगातार बढ़ रही है। सरकार भी अब नई तरह के पशुपालन को बढ़ावा दे रही है।

Earnings from Animal Husbandry


शुतुरमुर्ग पालन कैसे शुरू करें?

1. जगह और वातावरण : शुतुरमुर्ग बड़े आकार का पक्षी है, इसलिए इसे पालने के लिए खुली और बड़ी जगह चाहिए। एक शुतुरमुर्ग के लिए कम से कम 500–600 वर्गफुट जगह होनी चाहिए। गर्म और शुष्क वातावरण इनके लिए सबसे अच्छा होता है।

2. बाड़ा (Shed) और सुरक्षा : मजबूत और ऊँची तारबंदी करें, क्योंकि ये बहुत तेज़ दौड़ते हैं। जमीन सूखी और ऊँची होनी चाहिए ताकि पानी जमा न हो। छाया और आराम के लिए हल्का शेड बनाना जरूरी है।

3. भोजन (Feed) : शुतुरमुर्ग मुख्य रूप से हरी घास, अनाज और सब्ज़ियों पर पलते हैं। मक्का, सोयाबीन, चारा और सूखी घास इनके लिए अच्छा आहार है। हर दिन 2–3 किलो तक चारा एक शुतुरमुर्ग को देना पड़ता है।

4. प्रजनन (Breeding) :  शुतुरमुर्ग 2–3 साल की उम्र में प्रजनन योग्य हो जाते हैं। एक मादा साल में लगभग 40–60 अंडे देती है। अंडे से बच्चे निकालने के लिए इनक्यूबेटर की जरूरत होती है।

शुतुरमुर्ग से होने वाली आमदनी

1. मांस – शुतुरमुर्ग का मांस ₹800–1200 प्रति किलो तक बिक सकता है। 2. अंडे – एक अंडा ₹1500–₹2000 तक आसानी से बिक जाता है। 3. चमड़ा – शुतुरमुर्ग की खाल फैशन इंडस्ट्री में बहुत महंगी बिकती है। 4. पंख – सजावट और फैशन शो में इनकी बड़ी डिमांड रहती है।

अगर किसान 10–12 शुतुरमुर्ग पालते हैं, तो सालभर में लाखों की आमदनी हो सकती है। देखभाल और सावधानियाँ: शुतुरमुर्ग को हमेशा खुली और हवादार जगह में रखें। बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर वैक्सीनेशन कराएँ। बाड़े को साफ-सुथरा रखें और पानी जमा न होने दें। बच्चे निकलने पर खास देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि शुरुआती दिनों में मौत का खतरा ज्यादा रहता है।

सरकारी सहायता और ट्रेनिंग: कई राज्य सरकारें शुतुरमुर्ग पालन को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग और सब्सिडी देती हैं। कृषि विश्वविद्यालय और पशुपालन विभाग समय-समय पर मार्गदर्शन करते हैं। इच्छुक किसान कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संपर्क कर सकते हैं।

चुनौतियाँ : शुरुआती निवेश थोड़ा ज्यादा लगता है। अभी भारत में शुतुरमुर्ग मांस की खपत बहुत कम है, इसलिए ज्यादातर मुनाफा एक्सपोर्ट से आता है।सही ट्रेनिंग और मार्केट कनेक्शन जरूरी है।

निष्कर्ष

शुतुरमुर्ग पालन भारत में अभी नया है लेकिन भविष्य में यह किसानों के लिए बहुत बड़ा बिजनेस साबित हो सकता है। इसमें मांस, अंडे, चमड़ा और पंख – हर चीज़ से पैसा बनता है। अगर किसान भाई सही ट्रेनिंग लें, अच्छी जगह चुनें और मार्केट से जुड़ें, तो यह पालन खेती-बाड़ी के साथ एक शानदार अतिरिक्त आमदनी का जरिया बन सकता है। ऐसी अमेजिंग जानकरी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।। जय हिन्द जय भारत ।।

Share

Comment

Loading comments...

Also Read

Hello Kisaan – खेती को बदलने वाली एक सच्ची किसान सेवा
Hello Kisaan – खेती को बदलने वाली एक सच्ची किसान सेवा

भारत में किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं

01/01/1970
श्रिम्प और प्रॉन फार्मिंग में अंतर और पूरी खेती की गाइड
01/01/1970
आलू की खेती से करोड़ों की कमाई
आलू की खेती से करोड़ों की कमाई

भारत में अगर कोई फसल हर घर की जरूर

01/01/1970
हाइब्रिड सब्ज़ी और फल: अच्छे हैं या बुरे?
हाइब्रिड सब्ज़ी और फल: अच्छे हैं या बुरे?

भारत जैसे कृषि प्रधान देश में फल औ

01/01/1970
काजू की खेती: किसानों के लिए सोने की तरह मुनाफा
काजू की खेती: किसानों के लिए सोने की तरह मुनाफा

काजू केवल एक स्वादिष्ट मेवा नहीं ह

01/01/1970

Related Posts

Short Details About