मुकेश त्यागी जी: वकील से ऑर्गेनिक किसान बनने की अनोखी यात्रा


मुकेश त्यागी जी पहले एक वकील थे, लेकिन पिछले 10 सालों से वे ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रहे हैं। उन्होंने अपने खेत को छोटी-छोटी क्यारियों में बाँटा हुआ है, जहाँ वे बिल्कुल जैविक (ऑर्गेनिक) तरीकों से खेती कर रहे हैं। उनकी खेती में किसी भी तरह के केमिकल या पेस्टिसाइड का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जिससे उनकी सब्जियाँ पूरी तरह शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक होती हैं।

फसलें और उनकी विशेषताएँ
मुकेश जी के खेत में कई तरह की सब्जियाँ उगाई जाती हैं, जो पोषण से भरपूर हैं और बाजार में भी बड़ी मांग में रहती हैं।
हरे पत्तेदार और मौसमी सब्जियाँ
- कसूरी मेथी – सुगंधित और स्वादिष्ट, जो पराठों और सब्जियों में इस्तेमाल होती है।
- चकुंदर – खून बढ़ाने वाली और पोषण से भरपूर।
- पहाड़ी पालक – हरी सब्जियों में सबसे पौष्टिक, खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में लोकप्रिय।
- लाल लेट्यूस – सलाद में उपयोग होने वाली यह सब्जी काफी पोषक होती है।
- राई सरसों – सरसों के पत्ते साग बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- बथुआ – देसी पत्तेदार सब्जी, जो सर्दियों में बहुत फायदेमंद होती है।

क्रूसीफेरस और अन्य सब्जियाँ
- फूलगोभी – सर्दियों में खासतौर पर उगाई जाने वाली जैविक गोभी।
- ब्रॉकली – यह एक बेहतरीन सुपरफूड है और मुकेश जी की ब्रॉकली उच्च गुणवत्ता की होती है।
- पॉक चोय – यह एक चाइनीज़ हरी सब्जी है, जिसे 5-स्टार होटलों में स्टीम करके परोसा जाता है।
- लौकी (धारी वाली) – देसी लौकी, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है।
- गाजर और शलगम – ठंड के मौसम की खास सब्जियाँ, जिनकी खेती जैविक तरीकों से की जाती है।
- बैंगन और बाकला – ये दोनों सब्जियाँ भी उनके खेत में उगाई जाती हैं।
- मिर्च और टमाटर – उनके खेतों में टमाटर अभी हरे हैं और तापमान बढ़ते ही वे लाल हो जाएंगे।

खास तरीके से की जाने वाली खेती
1. प्राकृतिक खाद और जैविक उत्पादों का उपयोग
मुकेश जी खेती में जीवामृत, गोमूत्र और गोबर का इस्तेमाल करते हैं, जो प्राकृतिक खाद का काम करता है। इससे मिट्टी उपजाऊ बनी रहती है और फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है।
2. पानी की बचत और सोलर सिंचाई सिस्टम
वे अपने खेतों में द्रव सिंचाई प्रणाली (ड्रिप इरिगेशन) का इस्तेमाल करते हैं, जिससे पानी की बर्बादी नहीं होती। इसके लिए उन्होंने सोलर पैनल भी लगा रखे हैं, जिससे पाइप के जरिए फसलों को सही मात्रा में पानी दिया जाता है।
3. वर्षा जल संरक्षण
उन्होंने खेत में एक टंकी (तालाब) बनाई हुई है, जिसमें बारिश का पानी स्टोर किया जाता है। इस पानी का इस्तेमाल बाद में खेती के लिए किया जाता है।
4. खुद बीज तैयार करना और पॉलीहाउस तकनीक
हर फसल के बीज (सीडिंग) वे खुद तैयार करते हैं, जिससे वे उच्च गुणवत्ता वाली जैविक फसल उगा पाते हैं। इसके अलावा, उन्होंने एक पॉलीहाउस भी बनाया हुआ है, जिससे वे मौसम से अलग हटकर भी खेती कर सकते हैं।

ऑनलाइन डिलीवरी और डिजिटल मार्केटिंग
मुकेश त्यागी जी ने अपनी ऑर्गेनिक सब्जियों को बेचने के लिए WhatsApp ग्रुप और एक मोबाइल ऐप भी बनाया हुआ है। ग्राहक ऑनलाइन ऑर्डर देते हैं और फिर वे खुद डिलीवरी करवा देते हैं। इस तरह वे जैविक खेती को नए जमाने की तकनीक के साथ जोड़कर एक सफल बिजनेस चला रहे हैं।

निष्कर्ष
मुकेश त्यागी जी की यह कहानी प्रेरणादायक है। वकालत छोड़कर उन्होंने ऑर्गेनिक खेती की राह चुनी और अब वे बिल्कुल शुद्ध, केमिकल-फ्री सब्जियाँ उगा रहे हैं। उनकी खेती न सिर्फ सेहतमंद भोजन दे रही है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। उनका यह मॉडल भविष्य की जैविक खेती का बेहतरीन उदाहरण है।
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