फसल लगायें एक बार, लाभ उठायें हर साल- नींबू की खेती


नींबू बारहमासी प्रयोग होने वाला एक ऐसा महत्वपूर्ण सिट्रस फल है, जिसे खाने, मसालों और औषधीय प्रयोग में इस्तेमाल किया जाता है। नींबू की खेती ना केवल आर्थिक लाभ देती है, बल्कि है ये स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। किसान भाई जुलाई से सितंबर तक में इसकी खेती कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं। आये जानते हैं किस वैरायटी और किस विधि द्वारा नींबू की फसल को उगाने से अधिक लाभ प्राप्त होगा।
उपयुक्त मौसम:
वैसे तो नींबू का सेवन सबसे अधिक गर्मियों के मौसम में किया जाता है; परंतु यदि बुवाई की बात करें तो नींबू के पौधे को जुलाई और अगस्त के महीने में लगाना सबसे उचित होता है। इस समय मिट्टी का तापमान सही होता है और पौधे को विकास के लिए अच्छा अवसर मिल जाता है।

खेती करने की विधि:
नींबू के पौधों को लगाने के लिए सबसे पहले खेत में कम से कम एक घन मीटर के गड्ढे की खुदाई करनी चाहिए और गड्ढे को 10-15 दिन तक धूप लगने के लिए छोड़ दें। उसके बाद उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद डालें तथा फिर पौधा लगाए। ध्यान रखें पौधे की ग्राफ्टिंग या बड़िंग का जोड़ जमीन से 10-15 सेंटीमीटर ऊपर रहे। नींबू के पौधों में साल में तीन बार खाद डालनी चाहिए। आमतौर पर फरवरी, जून और सितंबर के महीनों में ही नींबू में खाद डाला जाता है। इसके पेड़ों की छंटाई वसंत ऋतु की शुरुआत या गर्मियों के अंत में, फूल खिलने से पहले किसी भी समय की जा सकती है। रोगों से बचाव के लिए पौधे की 1 फीट की ऊंचाई तक नीला थौथा या चूना मिलाकर पेंट कर देना चाहिए।
प्रमुख वैरायटी:
प्रयोगशाला में शोध के माध्यम से नींबू की नई-नई उन्नत वैरायटी आ चुकी है, जो पेड़ पर अधिक संख्या में तो लगती है, साथ में उनका आकार भी बड़ा रहता है। भारत में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली वैरायटी कागजी तथा प्रहरी नींबू मानी जाती है, ये खुशबू और रस अधिक निकलने के कारण प्रशंसनीय है।

उत्तर भारत में एक और ऐसी वैरायटी जिस पर पत्तों से भी ज्यादा नींबू का उत्पादन होता है और वह बालाजी नींबू नामक किस्म है। नींबू का पेड़ 2-3 साल में फल देना शुरू कर देता है, यदि सही ढंग से देखभाल की जाए तो इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ भी जाती है। नींबू के पेड़ की औसत उम्र 50 साल से अधिक है। उचित देखभाल और रोग निवारण के साथ एक रोगरहित पेड़ लंबे समय तक जीवित रह सकता है।किसान भाइयों को समय-समय पर कीट नियंत्रण हेतु नीम तेल, लहसुन का स्प्रे नींबू के पौधों पर करते रहना चाहिए। इनमें फंगल इंफेक्शन जैसी बीमारियों से पौधे को बचाने हेतु ध्यान रखना जरूरी है।
नींबू का बाजार:
नींबू का बाजार आमतौर पर सभी जगह देखने को मिल जाता है, इसकी सबसे ज्यादा डिमांड गर्मियों में होती है। इसके दाम हर क्षेत्र में अलग-अलग हो सकते हैं। नींबू का फल तीन-चार महीने में पककर तैयार हो जाता है तथा इसकी कीमत ₹80 से ₹150 प्रति किलो तक घटती बढ़ती रहती है। किसान भाइयों को इसकी खेती करनी चाहिए, यह उन्हें अच्छा मुनाफा देगी।

तो दोस्तों नींबू खेती न केवल आर्थिक व्यवसाय है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। इसकी सही वैरायटी सही समय पर लगाना और देखभाल करना जरूरी है। इस प्रकार आप अपने बगीचे में नींबू की खेती कर ना केवल खुद का लाभ उठा सकते हैं; बल्कि परिवार और समाज को भी इससे अच्छा लाभ पहुंचा सकते हैं। कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसे ही ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए जुड़े रहे "हेलो किसान" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद, जय किसान॥
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