सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाले फूलों की खेती


मानव जाति को प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे सुंदर और सुगंधित उपहार फूल है, जिससे हर कोई प्रभावित रहता है और हर कार्य में इसकी डिमांड बनी रहती है। इसकी खेती करने में भी सबसे कम कंपटीशन है, इसलिए किसान भाइयों को पारंपरिक खेती से नजर हटाकर फूल उगाने पर भी अपना ध्यान डालना चाहिए। यदि सही रणनीति और जानकारी के साथ फूलों की खेती की जाए तो यह निश्चित रूप से किसान भाइयों की आमदनी को बढ़ा देगी तो आये जानते हैं सबसे अधिक फायदा देने वाले फूलों की खेती को।
गुलाब की खेती:
गुलाब एक ऐसा फूल है जो भारत के किसी भी कोने में आसानी से उगाया जा सकता है। इसकी 100 से भी ज्यादा किस्में होती है, जिन्हें आप अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार लगा सकते हैं। इसके पौधों का रोपण आप अक्टूबर-नवंबर या फरवरी-मार्च इन महीनों में कर सकते हैं।

ध्यान रहे जब आप नर्सरी से गुलाब के पौधे ले तो वह कम से कम 3 महीने पुराने हो तथा खेत में इन्हें रोपित करते समय क्यारी की दूरी 5 फीट तथा पौधे से पौधे की दूरी 3 फीट होनी चाहिए, जिससे पौधे को विकसित होने में पर्याप्त स्पेस मिल सके।गुलाब के फूलों का भाव शादियों तथा त्यौहारों के समय मांग अनुसार ऊपर-नीचे होता रहता है। इस प्रकार इनका मूल्य क्वालिटी और सीजन के अनुसार ₹200 प्रति किलो से ₹500 प्रति किलो तक आसानी से मिल जाता है।
गेंदे के फूलों की खेती:
गेंदे के फूल की उत्पत्ति मेक्सिको दक्षिण अमेरिका में हुई थी, जो आज भारत में सबसे अधिक क्षेत्रफल पर उगने वाला फूल माना जाता है तथा यह अपनी लॉन्ग लाइफ और सुंदरता के कारण अधिक डिमांड में भी रहता है। गेंदे के आकार के अनुसार इसकी दो किस्में होती है अफ्रीकी गेंद और फ्रेंच गेंदा।

इसकी खेती करने के लिए सबसे पहले इसकी नर्सरी तैयार की जाती है, जिसे आप साल में दो बार गर्मी और बरसात के सीजन में लगा सकते हैं। बरसात के सीजन में गेंदे की नर्सरी लगाने का सबसे उपयुक्त समय 15 जून से जुलाई महीने के बीच माना जाता है तथा सर्दियों में 15 जनवरी से फरवरी के बीच लगा सकते हैं, जो 25 से 30 दिन में तैयार हो जाता है, जिन्हें बाद में खेत में ट्रांसफर ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है।गेंदे का ट्रांसप्लांट अलग-अलग बेड बनाकर करना चाहिए जिनकी आपस में दूरी कम से कम तीन फिट हो। इसी के साथ पौधे से पौधे की दूरी 1.5 फिट होनी चाहिए। गेंदे की खेती में मात्र 55 से 60 दिनों के भीतर ही फूलों का उत्पादन मिलने लगता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र-प्रदेश तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में सबसे अधिक गेंदे की खेती की जाती है। इसके मूल्य भी सीजन त्योहार और उत्सव के अनुसार घटते-बढ़ते रहते हैं। फिर भी इसका मूल्य 100 से 150 रुपए प्रति किलो तक आसानी से मिल जाता है।
जरबेरा का फूल:
जरबेरा एक महत्वपूर्ण तना वर्गीय फूल है, जो सूरजमुखी परिवार का माना जाता है। यह कई रंगों में होता है जैसे सफेद, लाल, गुलाबी तथा पीला। इसे विदेशी सूरजमुखी या छोटा सूरजमुखी के नाम से भी जाना जाता है। अपनी सुंदरता के कारण यह मांग में बना रहता है एवं आमतौर पर इसका प्रयोग बुके बनाने में किया जाता है। इसी के साथ यह फूल सूख जाने पर इसके बीजों का तेल भी प्राप्त किया जाता है, जिसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। तोड़ने के बाद भी इसकी लाइफ़ लंबे समय तक बनी रहती है। इसे लगभग 10 दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है, जिस कारण इसका प्रयोग शादियों, समारोह आदि में किया जाता है। इसका भाव भी अन्य फूलों के मुकाबले अधिक मिलता है वैसे तो इसकी खेती पोली-हाउस में ही होती है; परंतु उन्नत बीजों के द्वारा यह खुले में भी उगाया जा सकता है।

यह शरद ऋतु में उगने वाला पौधा है। इस फूल की खेती के लिए सरकार भी सब्सिडी प्रदान करती है। अतः आप वहां से भी लाभ उठा सकते हैं। फूलों का उत्पादन कम क्षेत्रफल के खेतों में भी अच्छा देखने को मिलता है तथा सबसे बढ़िया बात यह कि इनकी फसल 4 से 5 महीना में ही तैयार हो जाती है और जल्दी मुनाफा देने लगती है। किसान भाइयों को फूलों की खेती करते समय उनकी आवश्यक सिंचाई और पौधे की प्रकृति का ज्ञान होना अति आवश्यक है, उन्हें समय-समय पर जैविक और रासायनिक खाद का मिश्रण दें और लगने वाले कीट और रोगों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशक या फंगल नियंत्रण उपायों का प्रयोग करें इस प्रकार किसान भाई फूलों की खेती कर अच्छी आमदनी जनरेट कर सकते हैं। तो साथियों यह थी सबसे अधिक मुनाफा देने वाले फूलों की जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसे ही रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहे "हेलो किसान" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद,जय किसान॥
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