शार्क का मांस और उसमें बनने वाली यूरिया की प्रक्रिया

17 Sep 2025 | NA
शार्क का मांस और उसमें बनने वाली यूरिया की प्रक्रिया

दुनिया के कई देशों में मछली (Fish) का सेवन आम बात है। लेकिन जब बात शार्क (Shark) की आती है, तो इसका मांस बाकी मछलियों से थोड़ा अलग होता है। शार्क के शरीर की संरचना और उसका मेटाबोलिज़्म बाकी मछलियों से अलग होता है। यही कारण है कि जब इसके मांस को लंबे समय तक रखा जाता है, तो इसमें यूरिया (Urea) और अमोनिया जैसी गंध पैदा हो जाती है। कई देशों में इसे खास तरीके से तैयार कर खाने की परंपरा भी है।

इस लेख में हम जानेंगे:

शार्क के मांस में यूरिया क्यों बनता है?

लंबे समय तक रखने पर इसमें क्या बदलाव होते हैं?

इसे खाने के फायदे और नुकसान क्या हैं?

कौन-कौन से देश शार्क मीट का सेवन करते हैं?

Shark meat and the process of urea


भारतीय दृष्टिकोण और वैज्ञानिक जानकारी।

शार्क का शरीर और यूरिया का संबंध

शार्क एक कार्टिलेजिनस फिश (Cartilaginous Fish) है, यानी इसके शरीर में हड्डियों की बजाय नरम कार्टिलेज होती है। समुद्र के खारे पानी में शार्क को अपने शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए एक विशेष प्रणाली चाहिए।

शार्क के शरीर में यूरिया और ट्राइमिथाइल अमाइन ऑक्साइड (TMAO) बड़ी मात्रा में मौजूद रहते हैं। ये दोनों तत्व मिलकर शार्क को समुद्री पानी के अत्यधिक सोडियम क्लोराइड से बचाते हैं।

लेकिन जब शार्क को पकड़कर उसका मांस काटा जाता है और लंबे समय तक रखा जाता है, तो इस यूरिया का टूटकर अमोनिया में बदलना शुरू हो जाता है। यही कारण है कि शार्क मीट में तीखी गंध आने लगती है।

लंबे समय तक रखने के बाद क्या होता है?

जब शार्क का मांस फ्रेश होता है तो उसमें यूरिया का प्रभाव कम दिखाई देता है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है:

1. यूरिया टूटकर अमोनिया में बदलता है। 2. मांस से तेज़ गंध आने लगती है। 3. उसका रंग हल्का ग्रे या डार्क हो सकता है। 4. टेक्सचर (Texture) थोड़ा रबड़ जैसा हो जाता है।

यही वजह है कि कुछ देशों में शार्क मीट को फर्मेंट (Ferment) करके खास व्यंजन बनाए जाते हैं।

हाकर्ल (Hákarl) – आइसलैंड की डिश

शार्क मीट के सबसे प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक है हाकर्ल (Hákarl), जो आइसलैंड में बनाया जाता है। उसे ज़मीन में गाड़ दिया जाता है, पत्थरों से दबाकर ताकि उसका toxic fluid निकल जाए। (लगभग 6-12 हफ्तों तक) फिर मांस को निकाला जाता है और खुले हवा में सूखने को लटका दिया जाता है (2-4 महीने तक)। जब मांस पूरी तरह फर्मेंट और ड्राय हो जाता है, तब उसे छोटे टुकड़ों में काटकर खाया जाता है।

शार्क मीट खाने के फायदे

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शार्क मीट में कुछ पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जैसे: प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं। विटामिन A और D का अच्छा स्रोत है। इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे मिनरल भी मिलते हैं। कई देशों में इसे एक खास डेलिकेसी माना जाता है और पारंपरिक भोजन के रूप में खाया जाता है।

Shark Meat in India

शार्क मीट खाने के नुकसान

जहाँ फायदे हैं, वहीं इसके नुकसान भी गंभीर हो सकते हैं:

1. यूरिया और अमोनिया का स्तर बढ़ने से मांस शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। 2. इसमें पारा (Mercury) और हेवी मेटल्स की मात्रा अधिक होती है, जिससे नर्वस सिस्टम और लिवर पर बुरा असर पड़ सकता है। 3. लंबे समय तक रखने से इसमें बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स पनप सकते हैं।  4. गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।

कौन-कौन से देश खाते हैं शार्क का मांस?

  1. आइसलैंड – हाकर्ल डिश के लिए प्रसिद्ध।
  2. जापान – शार्क मीट से बने सूप और स्नैक्स।
  3. चीन – शार्क फिन सूप एक महंगा व्यंजन माना जाता है।
  4. ग्रीनलैंड और नॉर्वे – ठंडे मौसम में शार्क मीट का सेवन।

भारत के तटीय इलाकों (जैसे केरल, तमिलनाडु) में भी सीमित स्तर पर इसका सेवन होता है।

भारतीय दृष्टिकोण

भारत में आमतौर पर लोग फ्रेश मछली खाना पसंद करते हैं। शार्क मीट का अधिक सेवन नहीं किया जाता क्योंकि इसकी गंध और स्वाद तेज़ होता है। लेकिन कुछ तटीय इलाकों में इसे सुखाकर या करी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय मछुआरे अक्सर शार्क को पकड़कर इसके फिन (Fin) और तेल बेचते हैं। इसके मांस की मांग स्थानीय स्तर पर ही सीमित है।

निष्कर्ष

शार्क का मांस बाकी मछलियों की तुलना में अलग और विशेष होता है। इसमें मौजूद यूरिया और अमोनिया ही इसे खास बनाते हैं। लंबे समय तक रखने के बाद जब यह फर्मेंट होकर खाया जाता है, तो इसका स्वाद और गंध बहुत तेज़ हो जाते हैं। हालाँकि इसमें प्रोटीन और ओमेगा-3 जैसे पोषक तत्व मिलते हैं, लेकिन इसके नुकसान भी कम नहीं हैं – खासकर पारा और टॉक्सिन्स की वजह से। यही कारण है कि कई विशेषज्ञ शार्क मीट को सीमित मात्रा में खाने की सलाह देते हैं। ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।। जय हिन्द जय भारत ।।

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