श्रीदेश जैविक एवं प्राकृतिक फार्म


बड़ागांव के क्षितिज त्यागी जी ने खेती को सिर्फ एक काम नहीं बल्कि एक मिशन बना दिया है। साल 2020 में उन्होंने अपने गांव में 4 बीघा ज़मीन पर श्रीदेश जैविक एवं प्राकृतिक फार्म की शुरुआत की। इस फार्म की खास बात यह है कि यहाँ ऑर्गेनिक और नेचुरल खेती दोनों ही तरीकों से उत्पादन होता है।

मसूर तक – फार्म की विविधता
फार्म पर 150 से 200 अमरूद के पेड़ लगे हुए हैं। अमरूद के बाग के बीच में उन्होंने चीनी बांस (Chinese Bamboo) भी लगाया है। यह बांस पेपर बनाने और सजावटी आइटम्स और डेकोरेटिव आइटम्स के लिए उपयोगी होता है। अमरूद के पास ही आड़ू के पेड़ हैं और अरहर (तुअर) के लगभग 100 पेड़ लगे हुए हैं। अरहर की फली साल में एक बार आती है जिसमें दाल निकलती है। इसके फली पकने के बाद अपने आप टूट जाती है। इसी फार्म में 50 से 60 आम के पेड़ भी लगाए गए हैं जो गर्मी के मौसम में फल देना शुरू कर देते हैं। चार बीघा खेत में क्षितिज जी ने काला चना और मिक्स मसूर एक साथ बोया है। ये दोनों फसलें कम पानी में तैयार हो जाती हैं। अभी ये फसलें फ्लोइंग स्टेज पर हैं यानी धीरे-धीरे पक रही हैं। जैसे-जैसे चना सूखेगा फली सख्त होती जाएगी और फिर उसकी कटाई शुरू कर दी जाएगी। फार्म के पीछे केले के पेड़ भी हैं जिनसे साल भर फल मिलते रहते हैं।

जैविक खेती के सटीक तरीके
इस फार्म में किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता। केवल गाय का गोबर, वर्मी कम्पोस्ट और नीम का तेल यानि नीम ऑयल स्प्रे के रूप में उपयोग किया जाता है। नीम का तेल निकालने के बाद उसकी खाल खेतों में डाली जाती है ताकि फंगस न लगे।
सिंचाई के लिए तीन सिस्टम का उपयोग
यहाँ तीन सिंचाई तकनीक अपनाई गई हैं
- ड्रिप इरीगेशन सिस्टम – पौधों को बूंद-बूंद पानी देने का तरीका।
- फ्लैंकर सिस्टम – बड़े हिस्से को कवर करने वाला तरीका।
- ट्यूबवेल + सोलर मोटर – फार्म पर एक ट्यूबवेल है जो 5 HP की सोलर मोटर से जुड़ा है। जब बिजली नहीं होती तब सूरज की रोशनी से मोटर चलती है। दोपहर 12 से 4 बजे तक इसका सबसे अच्छा उपयोग होता है। मोटर को मैन्युअली चलाया जा सकता है और उसकी दिशा भी बदली जा सकती है।

फार्म से जुड़े अन्य इनोवेशन
क्षितिज जी का घर फार्म के फ्रंट में है और खेत पीछे की तरफ है। फार्म पर ही एक छोटा सा हॉल भी बनाया गया है जहाँ टूरिज्म को बढ़ावा मिलता है किसानों के लिए ट्रेनिंग क्लासेज आयोजित होती हैं और यहीं पर उत्पाद की प्रोसेसिंग और क्वालिटी चेकिंग होती है प्रोडक्ट्स पर GST नंबर और FSSAI नंबर भी दर्ज होता है जिससे गुणवत्ता और प्रमाणिकता दोनों बनी रहती है।
निष्कर्ष
श्रीदेश जैविक एवं प्राकृतिक फार्म एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे कम जमीन और सादगी से भी बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। क्षितिज त्यागी जी ने आधुनिक सोच और परंपरागत तरीकों को मिलाकर एक ऐसा फार्म खड़ा किया है जो खेती, पर्यावरण और रोजगार तीनों में योगदान दे रहा है।
Comment
Also Read

पपीते की खेती – किसानों के लिए फायदे का सौदा
खेती किसानी में अक्सर किसान भाई यह

बकरी के दूध से बने प्रोडक्ट्स – पनीर, साबुन और पाउडर
भारत में बकरी पालन (Goat Farming)

एक्सपोर्ट के लिए फसलें: कौन-कौन सी भारतीय फसल विदेशों में सबसे ज्यादा बिकती हैं
भारत सिर्फ़ अपने विशाल कृषि उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया क

एलोवेरा और तुलसी की इंटरक्रॉपिंग – कम लागत, ज़्यादा लाभ
आज के समय में खेती सिर्फ परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं रही है। बदलत

Bee-Keeping और Cross Pollination से बढ़ाएं फसल उत्पादन
खेती सिर्फ हल चलाने का काम नहीं, ये एक कला है और इस कला में विज्ञा
Related Posts
Short Details About