Top 5 नए किसान एंटरप्रेन्योर

05 Sep 2025 | NA
Top 5 नए किसान एंटरप्रेन्योर

जब देश का युवा खेती की ओर लौटता है, तो वो सिर्फ बीज नहीं बोता — वो सपनों को आकार देता है। खेत उसके लिए सिर्फ मिट्टी नहीं, बल्कि प्रयोगशाला बन जाती है। वो परंपरा और तकनीक का ऐसा संगम रचता है, जहाँ से आत्मनिर्भरता, टिकाऊ विकास और नवाचार की नई कहानी शुरू होती है। आज के भारत में ऐसे कई किसान हैं जिन्होंने अपने जुनून, मेहनत और वैज्ञानिक सोच से खेती को एक सफल स्टार्टअप की तरह चलाया है। ऐसे 5 किसान एंटरप्रेन्योर की कहानियाँ यहां पेश हैं जो देश के हर नौजवान को खेती के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।

 Ram Sharan Verma Agriculture in uttar pradesh

1. राम शरण वर्मा – बाराबंकी, उत्तर प्रदेश

उपाधि: "कृषि का वैज्ञानिक"

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले के छोटे से गाँव से निकले राम शरण वर्मा आज पद्म श्री से सम्मानित प्रगतिशील किसान हैं। केवल 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद उन्होंने कृषि विज्ञान को जिस तरह आत्मसात किया, वह काबिल-ए-तारीफ है। शुरुआत उन्होंने आम की पारंपरिक खेती से की थी, लेकिन जल्द ही उन्होंने समझा कि केवल एक ही फसल पर निर्भर रहना भविष्य नहीं है।

आज वे ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग, पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस, टिशू कल्चर, और हाइब्रिड बीज जैसे आधुनिक तरीकों से खेती कर रहे हैं। उन्होंने "राम बायो सीड्स" नाम की कंपनी शुरू की है, जो देशभर के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराती है। उनके खेतों से निकलने वाले उत्पाद देशभर में भेजे जाते हैं।

मुख्य फसलें: टमाटर, आलू, पपीता, ब्रोकली, कैप्सिकम

सीख: अगर सोच वैज्ञानिक हो और मेहनत सच्ची, तो किसान भी एक सफल उद्यमी बन सकता है।

2. सह्याद्री फार्म्स – नाशिक, महाराष्ट्र

उपाधि: "एक किसान नहीं, पूरा संगठन"

2010 में जब नाशिक के किसान विलास शिंदे ने "सह्याद्री फार्म्स" की नींव रखी, तब उनका उद्देश्य था – अंगूर उगाने वाले छोटे किसानों को एकजुट कर उनके उत्पादों को देश-विदेश तक पहुँचाना। आज यह भारत की सबसे बड़ी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (FPC) बन चुकी है, जिसमें 15,000 से ज्यादा किसान सदस्य हैं।

सह्याद्री फार्म्स किसानों को न केवल आधुनिक खेती की ट्रेनिंग देती है, बल्कि उन्हें प्रोसेसिंग यूनिट, पैकेजिंग हब, कोल्ड स्टोरेज, और एक्सपोर्ट के लिए पूरी सप्लाई चेन भी उपलब्ध कराती है। उनके उत्पाद यूरोप के बाजारों तक पहुँचते हैं, जो भारत के कृषि उद्यम की नई ऊंचाई है।

Sahyadri Farms Nashik
सेवाएँ: अत्याधुनिक कृषि प्रशिक्षण, प्रोसेसिंग यूनिट, एक्सपोर्ट नेटवर्क, गुणवत्ता नियंत्रण

सीख: संगठन में शक्ति होती है। जब किसान मिलकर काम करते हैं, तो वे दुनिया को भी अपनी फसल दिखा सकते हैं।

3. Hello Kisaan – नानू गाँव, मेरठ (उत्तर प्रदेश)

उपाधि: "टेक्नोलॉजी से जोड़ती देहात की आवाज़"

जब दुनिया डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रही थी, तब मेरठ के नानू गाँव के रोबिन त्यागी ने सोचा – क्यों न किसानों को भी डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनाया जाए? इस सोच से जन्म हुआ "Hello Kisaan" का – जो न केवल एक ऐप या वेबसाइट है, बल्कि एक डिजिटल अभियान है जो खेती को स्मार्ट, वैज्ञानिक और लाभकारी बनाने की दिशा में काम करता है।

Hello Kisaan किसानों को देसी भाषा में जानकारी देता है – जैसे किस मौसम में कौन सी फसल बोनी चाहिए, मंडी रेट क्या चल रहा है, कौन सी मशीनरी किस दाम पर कहां मिल सकती है, जैविक खेती कैसे करें आदि। यह ग्रामीण भारत के लिए एक डिजिटल पुल का काम कर रहा है।

,Hello Kisaan Nanu Meerut
सेवाएँ: फसल संबंधी वैज्ञानिक जानकारी, मंडी रेट, मशीनरी बुकिंग, ट्रेनिंग वीडियो

सीख: जानकारी ही असली ताकत है। अगर किसान के पास सही जानकारी हो, तो वह किसी भी चुनौती से पार पा सकता है।

4. संदीप नरवाल – खेड़ी नारू, करनाल, हरियाणा

उपाधि: "मल्टी-क्रॉपिंग का मास्टर"

खेती में जोखिम हमेशा रहता है, लेकिन संदीप नरवाल ने इस जोखिम को अवसर में बदल दिया। हरियाणा के खेड़ी नारू गाँव के इस किसान ने एक ही खेत में कई प्रकार की फसलें उगाकर एक मॉडल तैयार किया, जिसे मल्टी-क्रॉपिंग सिस्टम कहा जाता है।

उनके खेतों में नींबू, स्वीट लाइम, अंजीर और एप्पल बेर जैसे फल उगते हैं। खास बात ये है कि वे ये सब जैविक तरीकों से उगाते हैं यानी बिना किसी केमिकल के। जल संरक्षण, ड्रिप सिंचाई और जैविक खाद के उपयोग से उन्होंने लागत घटाई और उत्पादन बढ़ाया। आज उनके फार्म पर दूसरे किसान सीखने आते हैं।

तकनीक: ड्रिप इरिगेशन, बायोफर्टिलाइज़र, जैविक कीटनाशक

सीख: फसल में जितनी विविधता होगी, आय में उतनी ही स्थिरता और सुरक्षा होगी।

5. मनीष कुमार – समस्तीपुर, बिहार

उपाधि: "मछली और धान की साथ खेती"

जब खेती में नवाचार की बात होती है, तो मनीष कुमार का नाम ज़रूर आता है। बिहार के समस्तीपुर ज़िले के इस युवा किसान ने इंटीग्रेटेड फार्मिंग का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। उन्होंने धान की परंपरागत खेती के साथ-साथ उसी खेत में मछली पालन शुरू किया।

इस मॉडल का फायदा ये हुआ कि खेत में पानी की मौजूदगी से मछलियाँ पली-बढ़ीं और धान की पैदावार भी हुई। इससे उन्हें दोहरी आय मिली, और लागत भी कम हो गई। आज उनके मॉडल को 200 से अधिक किसान अपना चुके हैं, और मनीष खुद एक ट्रेनिंग सेंटर भी चला रहे हैं।

मॉडल: इंटीग्रेटेड फार्मिंग (फिश + राइस), स्थानीय जलस्रोत का उपयोग

सीख: खेती प्रयोगों से चलती है। अगर किसान नया सोचे, तो खेती एक मुनाफे वाला विज्ञान बन जाती है।


खेती अब सिर्फ हल चलाने का काम नहीं, बल्कि भविष्य की सबसे बड़ी इंडस्ट्री है।

इन पाँचों किसानों की कहानियाँ बताती हैं कि आज का किसान न तो कमज़ोर है, न ही तकनीक से अछूता। वह अब सिर्फ खेत में मेहनत नहीं करता, वह डेटा, रिसर्च और इनोवेशन को अपनाकर एक एंटरप्रेन्योर की तरह सोचता है। कोई संगठन बनाता है, कोई तकनीक से गाँव को जोड़ता है, कोई जैविक खेती में कमाल कर रहा है तो कोई वैज्ञानिक मॉडल लागू कर मुनाफा कमा रहा है।

अगर आप भी खेती में कुछ नया करना चाहते हैं, तो इनसे सीखिए: संगठित रहिए – जैसे सह्याद्री फार्म्स, टेक्नोलॉजी अपनाइए – जैसे Hello Kisaan, विविधता लाइए – जैसे संदीप नरवाल, रिस्क लीजिए – जैसे मनीष कुमार और जुनून रखिए – जैसे राम शरण वर्मा

खेती अब विकल्प नहीं, बल्कि अवसर है। इसे समझिए, अपनाइए और नई पीढ़ी को भी इससे जोड़िए क्योंकि आने वाला भारत खेत से ही खड़ा होगा। ऐसी अमेजिंग जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी है हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।। जय हिन्द जय भारत ।।

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